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UP: कम खर्च में मिल जाएंगे लम्बी दूरी के बिजली कनेक्शन

बिजली कनेक्शन के स्टीमेट में होता है भ्रष्टाचार

Lucknow: प्रदेश में बिजली कनेक्शन लेने में अब अधिक परेशानी नहीं होगी। आवेदकों को बिजली कनेक्शन के लिए एक निर्धारित रकम विभाग में जमा करनी होगी। रकम जमा करने के बाद पोल, ट्रासंफार्मर और केबिल की व्यवस्था विभाग को करनी होगी। इस सम्बंध में प्रस्ताव तैयार हो चुका है और आगामी 18 दिसम्बर को होने वाली सप्लाई को रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक में इस पर फैसला लिया जा सकता है। नई प्रस्तावित व्यवस्था में 150 किलोवाट 300 मीटर की दूरी तक के स्टीमेट को तय कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त कोई अन्य खर्च आवेदक को नहीं देना होगा।

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राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि सप्लाई को रिव्यू पैनल सब कमेटी की बैठक में कनेक्शन के लिए स्टीमेट बनाने की व्यवस्था पर ब्रेक लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। विद्युत नियामक आयोग कंज्यूमर राइट रूल 2020 की धारा 4 सब सेक्शन 13 के तहत कॉस्ट डाटा बुक को नए स्वरूप को अंतिम रूप देने जा रहा है। नई व्यवस्था के लागू होने से बिजली कनेक्शन से जुड़ा स्टीमेट सिस्टम, इंस्पेक्टर राज, भ्रष्टाचार और उपभोक्ताओं की अनावश्यक परेशानियां समाप्त हो जाएंगी। उम्मीद है कि उपभोक्ताओं को 18 दिसंबर के बाद एक पारदर्शी कानून मिलेगा। प्रस्तावित व्यवस्था में प्रोसेसिंग फीस, सिक्योरिटी राशि, व मीटरिंग चार्ज शामिल है। प्रस्ताव में 150 किलोवाट तक विद्युत कनेक्शन के लिए उपभोक्ताओं को अब ट्रांसफार्मर, पोल या कंडक्टर जैसी तकनीकी व्यवस्थाओं की चिंता नहीं करनी होगी। उपभोक्ता केवल एकमुश्त निर्धारित शुल्क जमा करेगा और बिजली विभाग 300 मीटर की दूरी तक सभी आवश्यक व्यवस्थाएं स्वयं कर कनेक्शन उपलब्ध कराएगा।

तीन स्लैब में विभाजित होगा कनेक्शन

पहला स्लैब- 0 से 100 मीटर

दूसरा स्लैब- 101 से 300 मीटर

तीसरा स्लैब- 301 मीटर से अधिक (अलग व्यवस्था एस्टीमेट)

अंग्रेजी काल से चल रही व्यवस्था होगी समाप्त

वर्मा ने कहा कि नई व्यवस्था के लागू होने से अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही 40 मीटर तक कनेक्शन देने की पुरानी प्रणाली समाप्त हो जाएगी। सप्लाई कोड रिव्यू पैनल की सब-कमेटी के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में सबसे अधिक भ्रष्टाचार बिजली कनेक्शन के स्टीमेट बनाने में होता है। एक जैसे मामलों में अलग-अलग स्टीमेट बनाकर उपभोक्ताओं से सौदेबाजी की जाती है। नई व्यवस्था से इस पर पूरी तरह अंकुश लगेगा। नई व्यवस्था में जो प्रस्ताव बनाया जा रहा है उसमें गरीब बीपीएल उपभोक्ता को मीटर मूल्य के मामले में किश्त की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। यह व्यवस्था ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में समान रूप से लागू होगी।

2 किलोवाट के लिए देने होंगे 5500 रुपये

वर्मा ने बताया कि नए प्रस्ताव में आवेदकों को काफी सहूलियत मिलेगी। उदाहरण के तौर पर 2 किलोवाट का घरेलू कनेक्शन अगर 100 मीटर की दूरी तक देना है तो उसके लिए केवल 5500 रुपये एकमुश्त जमा करने होंगे, अभी तक आवेदक को दो खंबे की लाइन की जरूरत पड़ती थी। इसी प्रकार 300 मीटर की दूरी पर स्थित परिसर पर कनेक्शन के लिए मात्र 7555 रुपये जमा करने होंगे। अभी तक ऐसे मामलों में करीब सात पोल की लाइन बनाई जाती है और उसका खर्च आवेदक को देना होता है। कई बार लाइन में पोल के साथ ट्रांसफार्मर व अन्य खर्च भी जोड़े जाते हैं। इससे बड़े पैमाने पर विद्युत उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और कनेक्शन प्रक्रिया सरल, पारदर्शी और समयबद्ध बनेगी।

 

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