Operation Sindoor के बाद पाकिस्तान की भारी गोलाबारी से पुंछ में 15 नागरिकों की मौत, 57 घायल — गुरुद्वारा भी क्षतिग्रस्त

New Delhi: इंडियन आर्मी द्वारा पाकिस्तान में किए गए Operation Sindoor से बौखलाई पाकिस्तानी सेना ने बुधवार तड़के जम्मू-कश्मीर के पुंछ ज़िले में नियंत्रण रेखा (LoC) के पार भारी गोलाबारी की, जिसमें कम से कम 15 आम नागरिकों की मौत हो गई और 57 अन्य घायल हो गए। मृतकों में चार बच्चे और तीन सिख समुदाय के लोग भी शामिल हैं। इस गोलाबारी में एक स्थानीय गुरुद्वारे को भी गंभीर नुकसान पहुंचा।
यह हमला भारत द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तुरंत बाद हुआ, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
गवाहों ने बताया कि यह गोलाबारी 1999 के कारगिल युद्ध से भी अधिक भयानक थी। स्थानीय दुकानदार अमरीक सिंह की मौके पर ही मौत हो गई जब वह सिंडिकेट चौक स्थित अपनी दुकान खोलने पहुंचे और वहां एक गोला फट गया। पास ही स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा को भी इस हमले में गंभीर संरचनात्मक क्षति पहुंची।
श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, “गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा पर हमला और सिखों की जान जाना केवल एक घटना नहीं, बल्कि मानवता पर चोट है।” उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने और “हथियारों की जगह समझदारी से काम लेने” की अपील की।
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने भी इस हमले की निंदा करते हुए सिख समुदाय के तीन सदस्यों — अमरीक सिंह रागी, अमरजीत सिंह और भाई रणजीत सिंह — की शहादत को याद किया। उन्होंने सरकार से शहीदों को सम्मान देने और उनके परिवारों को पर्याप्त मुआवज़ा देने की मांग की।
इस गोलाबारी ने सीमा क्षेत्र में रहने वाले आम लोगों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। स्थानीय प्रशासन राहत कार्य और घायलों को चिकित्सा सहायता देने में जुटा है। भारत सरकार ने दोहराया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी आक्रामक हरकत का कड़ा जवाब दिया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान की इस अंधाधुंध गोलाबारी के चलते सीमा क्षेत्र के लोगों में दहशत फैल गई और उन्हें भूमिगत बंकरों में शरण लेनी पड़ी या फिर गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा।
गोलाबारी पुंछ जिले के पूरे LoC क्षेत्र — बालाकोट, मेंधर, मनकोट, कृष्णा घाटी, गुलपुर, केरनी और यहां तक कि पुंछ जिला मुख्यालय तक से रिपोर्ट की गई, जिससे दर्जनों घर और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।