भारत

ओपीएस लागू कराने के लिए ‘अटेवा’ ने राहुल गांधी को भेजा ज्ञापन

कर्मचारियों ने कहा- ओपीएस में ही भविष्य सुरक्षित, एनपीएस और यूपीएस छलावा

रायबरेली। केंद्र सरकार की तरफ से यूपीएस लागू किए जाने के बाद अब कर्मचारियोंऔर सरकार के बीच में खींचातानी शुरू हो गई है। सोमवार को अटेवा पेंशन बचाओ मंच के जिला संयोजक इरफान अहमद के नेतृत्व में कर्मचारियों ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को ज्ञापन जिलाध्यक्ष पंकज तिवारी के माध्यम से भेजा। नेता प्रतिपक्ष से पुरानी पेंशन बहाली के समर्थन में प्रधानमंत्री को पत्र लिखने की मांग की।

अटेवा (आल टीचर्स इंप्‍लाइज वेलफेयर एसोसिएशन) के जिला संयोजक इरफान अहमद ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष से मांग करेंगे कि प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी और पैरामिलिट्री जवानों की इस समस्या से अवगत कराएंगे। आगामी संसद सत्र में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएंगे। साथ ही पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाने का प्रयास करें।

जिला कोषाध्यक्ष अंजनी मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 15 लाख सहित देश के लगभग एक करोड शिक्षको कर्मचारियों व अधिकारियों को सामाजिक सुरक्षा के रूप में मिलने वाली पुरानी पेंशन व्यवस्था (ओपीएस) को समाप्त कर शोषणकारी व विभेदकारी नई पेंशन व्यवस्था (एनपीएस) तथा एकीकृत पेंशन व्यवस्था (यूपीएस) लागू कर दी गई है जो न तो शिक्षक कर्मचारियों के हित में है और न ही प्रदेश व देश के हित में है। जिला प्रवक्ता मयंक वर्मा ने कहा कि अब तो एनपीएस के दुष्परिणाम भी सामने आने लगे है।

एक ओर जहां एनपीएस के तहत सेवानिवृत होने वाले शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को 1200 रुपये, 1800 रुपये, 3500 रुपये, 4000 रुपये पेंशन प्राप्त हो रही है। वहीं, यूपीएस में शिक्षक कर्मचारियों अधिकारियों के द्वारा अपने पूरे नौकरी के दौरान वेतन से की गई पूरी कटौती को भी वापस नहीं देने की बात की जा रही है।

जिला मीडिया प्रभारी मोहम्मद नसीम ने कहा कि इस योजना में भी एनपीएस की तरह ही अनेको विसंगतियां हैं। इन विसंगति पूर्ण पेंशन योजनाओं से जीवन यापन करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इतने कम पैसे में वे अपने स्वास्थ्य का ख्याल कैसे रखें, वे कैसे अपने परिवार की जिम्मेदारियों को निभाएं, जबकि जीवन के अपने अमूल्य समय में उसने देश व सरकार को अपनी सेवाएं दी हैं। सतांव ब्लॉक अध्यक्ष अविनाश यादव ने कहा कि यहां तक कि देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले अर्द्धसैनिक बलों को भी पुरानी पेंशन व्यवस्था से वंचित कर दिया गया है जो की बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।

इस मौके पर लालजी यादव, जय सिंह यादव, सुशील मौर्य, ममता यादव, शीतांशु सोनकर, राजेंद्र, राजेश मौर्य आदि लोग मौजूद रहे।

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