विश्व पर्यावरण दिवस पर उत्तर प्रदेश में चला पौधारोपण का व्यापक अभियान, मुख्यमंत्री समेत कई जनप्रतिनिधियों ने रोपे पौधे

Lucknow: विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2025 के अवसर पर उत्तर प्रदेश में व्यापक पौधारोपण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत राज्य सरकार के कई वरिष्ठ मंत्रियों, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री आवास पर बेल का पौधा रोपित कर पर्यावरण संरक्षण और हरियाली संवर्धन का संदेश दिया। कार्यक्रम में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना, राज्य मंत्री के.पी. मलिक, प्रमुख सचिव अनिल कुमार, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. रेणु सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
इसी कड़ी में, मोहनलालगंज रेंज में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हरिशंकरी (पीपल, बरगद और नीम) के पौधे रोपकर अभियान में भाग लिया। वहीं कुकरैल रेंज में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने पवित्र त्रिवेणी (पीपल, बरगद और नीम) के पौधों का रोपण कर प्रकृति के प्रति उत्तरदायित्व का परिचय दिया।
लखनऊ महापौर सुषमा खर्कवाल और विधायक ओ.पी. श्रीवास्तव ने कुकरैल पिकनिक स्पॉट में “ऑक्सी वन” की स्थापना करते हुए 190 पौधों का सामूहिक रोपण किया। इस मौके पर स्कूली छात्रों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें विजेता प्रतिभागियों को सम्मानित भी किया गया।
विभिन्न रेंजों में भी वृक्षारोपण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किए गए
बीकेटी रेंज में विधायक डॉ. डी.पी. बोरा ने वट वृक्ष रोपा।
मलिहाबाद रेंज में महात्मा गांधी इंटर कॉलेज में जनप्रतिनिधि और ग्राम प्रधान शेखूराम के नेतृत्व में पीपल, बरगद और नीम के पौधे लगाए गए।
सरोजनीनगर रेंज में विधायक प्रतिनिधि के.एन. सिंह और अन्य अधिकारियों ने आम वृक्ष का रोपण किया।
इन कार्यक्रमों में समाजसेवी संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, स्कूलों, कॉलेजों, छात्र-छात्राओं और आम नागरिकों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। कई सामाजिक संगठनों को महापौर द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य “Only One Earth” और इस वर्ष की थीम “Plastic Pollution को समाप्त करना” के तहत पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनजागरूकता बढ़ाना और वृक्षारोपण के माध्यम से प्रदूषण नियंत्रण में योगदान देना था।
इन वृक्षारोपण अभियानों ने यह संदेश दिया कि विकास के साथ-साथ प्रकृति का संरक्षण भी उतना ही आवश्यक है, और यह प्रयास राज्य भर में पर्यावरणीय संतुलन कायम रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।