Lucknow: 15 कथित पत्रकारों और वकील पर डॉक्टर ने दर्ज कराई FIR, जानिए क्या है मामला

Lucknow: लखनऊ के मोहम्मद नगर निवासी डॉ. मिर्ज़ा मोहम्मद अबू तय्यब ने कथित पत्रकारों और एक वकील के खिलाफ जबरन वसूली धमकाने सहित अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए थाना बाजार खाला में एफआईआर दर्ज कराई है।
शिकायत में डॉ. मिर्ज़ा मोहम्मद ने कहा है कि कथित पत्रकारों और वकील द्वारा उनके खिलाफ एक सुनियोजित साजिश रची जा रही है, जिसमें उनकी छवि को सोशल मीडिया पर बदनाम करने के साथ-साथ जबरन वसूली और जान से मारने की धमकियों का भी सामना करना पड़ रहा है।
डॉ. मोहम्मद ने पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि कुछ लोग उनके वैध निर्माण कार्य में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि फर्जी पत्रकारों और एक वकील द्वारा उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से लगातार झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि उनके नाम से जुड़ा निर्माण कार्य लखनऊ विकास प्राधिकरण और संबंधित पुलिस विभाग की अनुमति से हो रहा है, बावजूद इसके इन्हीं तथाकथित पत्रकारों और वकील द्वारा निर्माण रुकवाने और इमारत गिराने की धमकियां दी जा रही हैं।
डॉ. मोहम्मद ने आरोप लगाया कि वकील तनमय राज सिंह ने उनसे ₹50,000 जबरन वसूल किए और कई अन्य कथित पत्रकारों ने भी उनसे अवैध रूप से पैसे ऐंठने की कोशिश की। जिनमें ताहिर खान,आयुष कुमार, शिशुप्राण तिवारी, साजिद अवरक्ती, रवी श्रीवास्तव, आशीष कुमार सिंह, एजा अब्दुल रहमान, तासिर खान, सुहेल अरशद, किरण साहू, आसिफ, हरीश भटनागर, नवेद, इन्द्रजीत, योगेन्द्र मोहित, तनमय राज सिंह (वकील) सहित कुल 16 से अधिक लोगों के नाम हैं।
शिकायत में यह भी बताया गया है कि इन लोगों ने सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं फैला कर न केवल मानसिक उत्पीड़न किया, बल्कि पारिवारिक और सामाजिक जीवन को भी प्रभावित किया। डॉ. मोहम्मद ने यह भी आरोप लगाया कि इन तथाकथित पत्रकारों और वकील ने गलत UPI ट्रांजेक्शन के जरिए उनसे वसूली की है। उन्होंने सबूत के तौर पर UPI ट्रांजेक्शन की प्रतियां भी पुलिस को सौंपी हैं।
एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धाराओं—308, 308(क), 356, 356(2), 351(2), 351(4), 353 और 61(2) BNS—के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
डॉ. मोहम्मद ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा, ताकि आम नागरिकों को कानून की आड़ में शोषण से बचाया जा सके।
गौरतलब है कि करीब 10 दिन पहले ही लखनऊ विकास प्राधिकरण ने एक हफ्ते पहले ही आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से कथित अवैध निर्माणों की शिकायत करने वाले 28 शिकायतकर्ताओं की सूची और मोबाइल नंबर जारी करते हुए उनके द्वारा की गयी 2124 शिकायतों की संख्या इजारी की थी। ये लोग सुनियोजित षडयंत्र रचकर वसूली के आरोप में संलिप्त हैं।
आरोप है कि यह लोग शिकायत करके मकान मालिकों से धन उगाही करते थे.
अभी भी दर्जनों ब्लैकमेलर सोशल मीडिया, WhatsApp, YouTube पोर्टल के माध्यम से निर्माण से संबंधित झूठी खबरें चला कर ये रंगदारी का धंधा चला रहे हैं, जिनको चिह्नित कर उनकी एक पृथक सूची बना कर कार्यवाही किया जाना भी जरूरी है।