बेहतर इमरजेंसी इलाज के लिए बलरामपुर अस्पताल में डॉक्टरों की विशेष ट्रेनिंग शुरू
चार दिवसीय “डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल फिजिशियन ट्रेनिंग” इमरजेंसी मैनेजमेंट वर्कशॉप का आयोजन

LUCKNOW: बलरामपुर अस्पताल में मरीजों को समय पर और प्रभावी इलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गुरुवार को चार दिवसीय “डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल फिजिशियन ट्रेनिंग” (DHPT) वर्कशॉप की शुरुआत हुई। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन अस्पताल की निदेशक डॉ. कविता आर्या ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ डॉक्टर और अधिकारी मौजूद रहे।
यह वर्कशॉप उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा की पहल पर शुरू की गई है। इसका उद्देश्य जिले के चिकित्सकों को आपातकालीन परिस्थितियों में मरीजों के समुचित प्रबंधन की बारीकियों से अवगत कराना है।
यह ट्रेनिंग उत्तर प्रदेश में 108 एवं 102 एम्बुलेंस सेवा प्रदाता संस्था ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज की ओर से दी जा रही है। ट्रेनिंग में लखनऊ जिले के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में तैनात 26 डॉक्टर्स ने हिस्सा लिया।
ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के इमरजेंसी मेडिसिन लर्निंग सेंटर (EMLC) विभाग की ओर से चार दिवसीय ट्रेनिंग में प्रमुख रूप से बेसिक एवं एडवान्स्ड लाइफ सपोर्ट, बेसिक एंड एडवांसड एयरवे मैनेजमेंट, एक्सरे एवं ईसीजी, शॉक, प्वायजनिंग, ट्रॉमा मैनेजमेंट, बर्न मैनेजमेंट, स्नेक बाइट, कार्डियक अरेस्ट सहित अन्य इमरजेंसी के मैनेजमेंट बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी।
ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज (EMRI GHS) की ओर से नेशनल इमरजेंसी लर्निंग सेंटर (EMLC) कोर्स डायरेक्टर डॉ. राजा नरसिंह राव, डॉ. रवीन, ले. कर्नल डॉ. संदीप, डॉ. राजा भारत, डॉ. दाउद हुसामी, सहित अन्य विशेषज्ञों की टीम डॉक्टर्स को इमरजेंसी पेशेंट मैनेजमेंट के बारे में विस्तार से ट्रेनिंग दी जा रही है।
डॉ. कविता आर्या ने डॉक्टर्स इमरजेंसी ने डॉक्टर्स से कहा कि इमरजेंसी में समय से इलाज मिलने पर हम ज्यादा से ज्यादा मरीजों को बचा सकते हैं। उन्होंने गोल्डन आवर में इलाज देने पर जोर दिया।
यह विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज (EMRI Green Health Services) और स्टेनफोर्ड स्कूल आफ मेडिसिन, यूएसए के द्वारा मिलकर डेवलप किया गया है।
यूपी ईएमएलसी से डॉ. दाउद हुसामी ने बताया कि ग्रामीण अस्पताल में न्यूनतम उपलब्ध सुविधाओं के साथ अधिक से अधिक मरीजों की जाना बचाना है। ट्रेनिंग के पहले दिन बेसिक लाइफ सपोर्ट, एयरवे मैनेजमेंट, एलर्जिक रिएक्शन के बारे में विस्तार से ट्रेनिंग दी गई।
रेफर करने से पहले मरीज को करें स्टेबलाइज
डॉ. राजा नरसिंह राव ने बताया कि “डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल फिजिशियन ट्रेनिंग” विशेष तौर से ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं दे रहे डॉक्टर्स के लिए मरीज के प्राइमरी स्टेबलाइजेशन में मददगार साबित होगी। उन्होंने बताया कि रोड एक्सीडेंट या अन्य इमरजेंसी के मरीज अस्पताल में आते हैं तो गंभीर स्थिति में रेफर किए जाने से पहले स्टेबलाइज करना जरूरी है। गोल्डन आवर में प्राइमरी स्टेबलइजेशन से हम काफी मरीजों को बचा सकते हैं।
डॉ. रवीन ने बताया कि कार्डियक अरेस्ट एक मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें समय पर लाइफ सपोर्ट देकर उनकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि एक्सीडेंट का पेशेंट आने पर एयरवे एवं शॉक मैनेजेंट महत्वपूर्ण है। उन्होंने डॉक्टर्स को इमरजेंसी के दौरान यूज होने वाली सभी स्किल के बारे जानकारी दी। ताकि ज्यादातर मरीजों को उसी अस्पताल में इलाज किया जा सके।
डॉ. ले. कर्नल डॉ. संदीप ने स्नेकबाइट मैनेजमेंट एवं प्वाइजनिंग केसेज के इमरजेंसी ट्रीटमेंट के बारे में विस्तार से जानकारी दी।