यूपी में हार्ट अटैक के मरीजों के लिए लाइफ लाइन बना स्टेमी केयर नेटवर्क
108 एंबुलेंस और मुफ्त थ्रोम्बोलाइसिस इंजेक्शन से मरीजों की जान बचाने में मिल रही मदद

LUCKNOW: उत्तर प्रदेश सरकार ने हार्ट अटैक (Heart Attack) के मरीजों को समय पर बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए स्टेमी केयर (STEMI Care) नेटवर्क को राज्य के सभी जिलों में विस्तार करने की योजना बनाई है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) स्तर पर ही मरीजों की जान बचाने में कामयाबी मिल रही है। अब तक इस नेटवर्क की मदद से 150 से अधिक मरीजों की जान बचाई जा चुकी है।
स्वास्थ्य विभाग ने लखनऊ के एसजीपीजीआई (SGPGI), लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (RMLIMS) और केजीएमयू (KGMU) के साथ शुरू किए गए इस नेटवर्क को अब 20 नए जिलों में विस्तारित किया है, जिसमें प्रयागराज (Motilal Nehru National Medical College), कानपुर मेडिकल कॉलेज (GSVM) और आईएमएस बीएचयू (IMS BHU) को शामिल किया गया है।
स्टेमी केयर नेटवर्क कैसे काम करता है?
स्टेमी (segment Elevation Myocardial Infarction) हार्ट अटैक (Heart Attack) का एक गंभीर रूप है, जिसमें मौत की आशंका अधिक होती है। इस नेटवर्क के तहत:
सभी जिलों के नोडल ऑफिसर और पैरामेडिकल स्टाफ को एक वॉट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया है।
सीएचसी या जिला अस्पताल में सीने में दर्द की शिकायत वाले मरीज का तुरंत ईसीजी किया जाता है और उसे वॉट्सएप ग्रुप पर साझा किया जाता है।
ग्रुप में शामिल कार्डियोलॉजिस्ट ईसीजी की जांच कर तुरंत इलाज की सलाह देते हैं।
गंभीर स्थिति में मरीज को थ्रोम्बोलाइसिस इंजेक्शन लगाया जाता है, जो रक्त को पतला करता है। इसके बाद मरीज को स्थिर कर उच्च स्तरीय चिकित्सा केंद्र (हब) में रेफर किया जाता है।
- अब तक इस नेटवर्क की मदद से 150 से अधिक मरीजों की जान बचाई जा चुकी है।
नए जुड़े जिले:
प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से: कानपुर देहात, कानपुर नगर, चित्रकूट, कौशांबी, प्रतापगढ़, उन्नाव, बांदा, हमीरपुर।
आईएमएस बीएचयू, वाराणसी से: बलिया, वाराणसी, चंदौली, गाज़ीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र।
कानपुर के जीएसवी मेडिकल कॉलेज को औरैया, कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव, बांदा, हमीरपुर जिलों के लिए हब बनाया गया है।
इस नेटवर्क के माध्यम से केजीएमयू, एसजीपीजीआई और लोहिया संस्थान से जुड़े 150 से अधिक मरीजों की जान बचाई जा चुकी है।
108 एंबुलेंस और एएलएस की भूमिका:
स्टेमी मरीजों को सीधे उच्च स्तरीय चिकित्सा केंद्रों तक पहुंचाने के लिए 108 एंबुलेंस और एएलएस एंबुलेंस को तैनात किया गया है। ये एंबुलेंस जिला सीमाओं की बाधा के बिना मरीजों को तुरंत हब अस्पतालों तक ले जाएंगी।
वर्तमान में 375 एएलएस एंबुलेंस संचालित हैं, जिनमें 125 और जोड़ी जाएंगी, जिससे कुल संख्या 500 हो जाएगी। इसके लिए 7.47 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, ने कहा, “स्टेमी केयर नेटवर्क ने हार्ट अटैक मरीजों की जान बचाने में शानदार परिणाम दिए हैं। इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा, ताकि समय पर अस्पताल पहुंचने वाले प्रत्येक मरीज को उचित इलाज मिल सके।”