उत्तरकाशी में बादल फटने से मची भारी तबाही: कई लापता, राहत कार्य जारी

Uttarkashi: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के हर्षिल क्षेत्र में धराली गांव के पास मंगलवार दोपहर को बादल फटने (Cloud burst) की एक भीषण घटना सामने आई है, जिसने पूरे क्षेत्र में भारी तबाही मचाई। इस प्राकृतिक आपदा (Natural disaster) के कारण धराली बाजार और आसपास के गांवों में भारी नुकसान हुआ है। कई घर, होटल, और दुकानें मलबे और तेज जलप्रवाह की चपेट में आकर पूरी तरह नष्ट हो गए। इस हादसे में कम से कम चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 50 से 60 लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है। कुछ सूत्रों के अनुसार, कई दर्जन लोग लोग मलबे में दबे हो सकते हैं।
बादल फटने से बढ़ा स्तर
जानकारी के अनुसार, यह घटना धराली गांव (Dharali) के ऊपर खीर गंगा क्षेत्र में हुई, जो गंगोत्री धाम (Gangotri Dham) के रास्ते में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। बादल फटने के कारण खीर गाड़ नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिसके साथ भारी मात्रा में मलबा, पत्थर, और लकड़ी के लट्ठे तेजी से बस्तियों की ओर बहकर आए। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में दिखाई देता है कि कैसे महज 20 से 30 सेकंड में पूरा क्षेत्र मलबे और पानी के सैलाब में डूब गया। वीडियो में लोगों की चीख-पुकार और भयावह दृश्य साफ देखे जा सकते हैं, जहां घर और दुकानें माचिस की तीलियों की तरह बह गए।
उत्तरकाशी (Uttarkashi) के जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यह एक बड़ी प्राकृतिक आपदा है। उन्होंने कहा, “हर्षिल के पास धराली में बादल फटने की घटना ने भारी नुकसान पहुंचाया है। राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमें तुरंत मौके पर पहुंच चुकी हैं और युद्धस्तर पर काम कर रही हैं।”
राहत और बचाव कार्य जारी
घटना की सूचना मिलते ही उत्तराखंड पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), सेना, और स्थानीय प्रशासन की टीमें तुरंत हरकत में आ गईं। भटवाड़ी से SDRF की एक टीम धराली पहुंची, जबकि NDRF की तीन टीमें—मनेरा, बटकोट, और देहरादून से—घटनास्थल पर भेजी गईं। इसके अलावा, दो टीमें शास्त्रधर हवाई पट्टी पर हेलीकॉप्टर के जरिए प्रभावित क्षेत्र में पहुंचने के लिए तैयार हैं। सेना ने भी अपने जवानों को बचाव कार्यों के लिए तैनात किया है।
उत्तरकाशी पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लोगों से नदियों और नालों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने लिखा, “हर्षिल क्षेत्र में खीर गाड़ का जलस्तर बढ़ने से धराली में नुकसान की सूचना है। पुलिस, SDRF, और सेना की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। कृपया स्वयं, बच्चों, और मवेशियों को नदियों से दूर रखें।”
मुख्यमंत्री ने जताया दुख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने X पर लिखा, “धराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने से हुए भारी नुकसान का समाचार अत्यंत दुखद एवं पीड़ादायक है। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए SDRF, NDRF, जिला प्रशासन, और अन्य संबंधित टीमें युद्धस्तर पर जुटी हुई हैं। मैं लगातार वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हूं और स्थिति की गहन निगरानी की जा रही है। ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।”
मुख्यमंत्री ने देहरादून में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का दौरा कर स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए।
बादल फटने का वैज्ञानिक कारण
बादल फटना एक तीव्र और स्थानीयकृत वर्षा की घटना है, जिसमें कम समय में भारी मात्रा में बारिश होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, जब नमी से भरे बादल पहाड़ों से टकराते हैं, तो वे ऊंचाई के कारण रुक जाते हैं और एक स्थान पर जमा होकर मूसलाधार बारिश का कारण बनते हैं। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे हिमालयी क्षेत्रों में संकरी घाटियों के कारण बादल फंस जाते हैं, जिससे ऐसी घटनाएं अधिक होती हैं। मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी पहले ही जारी की थी, जो इस घटना की गंभीरता को दर्शाती है।
दुकानें, होटल, लॉज हुए तबाह
धराली गांव, जो गंगोत्री धाम के रास्ते में एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, इस आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बाजार क्षेत्र में कई दुकानें, लॉज, और होटल पूरी तरह तबाह हो गए। गंगोत्री धाम का जिला मुख्यालय से संपर्क भी कट चुका है। स्थानीय निवासियों और पर्यटकों में दहशत का माहौल है। नुकसान का सटीक आकलन अभी बाकी है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार संपत्ति को भारी क्षति पहुंची है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
उत्तरकाशी में यह पहली बार नहीं है जब बादल फटने की घटना ने तबाही मचाई हो। जून 2025 में भी बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर सिलाई बैंड के पास बादल फटने से एक निर्माणाधीन होटल साइट को नुकसान हुआ था और 8-9 मजदूर लापता हो गए थे। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में मानसून के दौरान बादल फटने की घटनाएं आम हैं, जो भूस्खलन, बाढ़, और सड़क अवरोध जैसी समस्याओं को जन्म देती हैं।
मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई जिलों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और नदियों व भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है। राहत कार्यों के साथ-साथ, प्रभावित लोगों को भोजन, दवाइयां, और आश्रय प्रदान करने की व्यवस्था की जा रही है।