बिजली दरें कम करने के लिए उपभोक्ता परिषद ने बनाई रणनीति, ऊर्जा मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलकर रखें मांग
उत्तर प्रदेश राज्य उपभोक्ता परिषद ने बिजली दरों पर जुलाई में शुरू होने वाली पब्लिक सुनवाई के पहले बनाई अपनी रणनीति। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि पहले प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से करेंगे मुलाकात और फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से भी मुलाकात कर उपभोक्ताओं के 33122 करोड के एवज में बिजली दरों में कमी के लिए प्रस्ताव दाखिल करने की मांग रखी जाएगी।
उपभोक्ता परिषद ने कहा पावर कारपोरेशन का नए कनेक्शन की दरों में इजाफे का प्रस्ताव गलत है। परिषद का कहना है कि प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन द्वारा बिजली चोरी के राजस्व निर्धारण में 65 प्रतिसत तक दी जा सकती है छूट? तो गरीब और आम उपभोक्ताओं किसानों की कनेक्शन की दरों में क्यों नहीं दी जा सकती छूट?
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि उपभोक्ता परिषद ने बिजली दरों की सुनवाई व कनेक्शन की दरों में होने वाली आगामी बैठक हेतु बनाई अपनी रणनीति।
वर्तमान में चाहे वह बिजली दरों का मामला हो चाहे वह पावर कॉरपोरेशन की तरफ से दाखिल कॉस्ट डाटा बुक का मामला हो दोनों महत्वपूर्ण मामलों पर उपभोक्ता परिषद ने अपनी रणनीति बना ली है और किसी भी हालत में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं पर कोई भी भार नहीं पड़ने दिया जाएगा। जहां तक सवाल है वार्षिक राजस्व आवश्यकता स्वीकार किए जाने के बाद बिजली दरों में निर्धारण की कार्यवाही शुरू किए जाने का और जुलाई में बिजली दर की सुनवाई किए जाने तो सभी को पता है कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर लगभग 33122 करोड रूपया सरप्लस निकल रहा है।
ऐसे में आयोग को बिजली दरों में कमी का प्रस्ताव मांगा जाना चाहिए। जब आयोग ने स्वता सरप्लस पैसा निकाला है तो फिर बिजली दरो में बढोतरी का तो कोई सवाल ही नहीं उठाता और ना ही देश का कोई कानून इसकी इजाजत देता है उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा विद्युत नियामक आयोग ने अपने आदेश में लिखा है कि जुलाई में पब्लिक हियरिंग शुरू होगी उसके पहले उपभोक्ता परिषद बहुत जल्द ही प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से भी मुलाकात कर उपभोक्ताओं की बिजली दरें कम हो के लिए सहयोग मांगेगा। उपभोक्ता परिषद प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी के सामने भी पूरी बात को उठेगी और जल्द ही मुख्यमंत्री जी से मिलने का समय मांगेगा और उन्हें पूरी स्थिति से अवगत कराते हुए उपभोक्ताओं के साथ न्याय करने के लिए निवेदन करेगा ।
उपभोक्ता परिषद ने कहा प्रदेश की बिजली कंपनियों को यह समझना होगा कि जिस उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी के मामले में पावर कॉरपोरेशन की तरफ से 65 प्रतिसत तक राजस्व निर्धारण में छूट दी जाती है उस प्रदेश में बिजली की कनेक्शन की दरों में छूट देने के बजाय उसमें बढोतरी का प्रस्ताव देना हास्य पद है इस पर पुनर्विचार होना चाहिए। गरीब उपभोक्ताओं किसानों व आम उपभोक्ताओं की कनेक्शन की दरों में कमी की पुनः सिफारिस करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा जहां तक सवाल है नई कास्ट डाटा बुक में कनेक्शन की दरों में बढोतरी का तो वह पूरी तरह गलत है कनेक्शन की दरों में बढोतरी के बजाय उसमें ज्यादा से ज्यादा कमी पर विचार किया जाना चाहिए क्योंकि ज्यादा से ज्यादा जब विद्युत उपभोक्ता बिजली का कनेक्शन लेते हैं तो उसेसे विभाग का फायदा होता है।
यदि कनेक्शन की दरे ज्यादा होगी तो उपभोक्ता चाह कर भी कनेक्शन नहीं ले पाएंगे और इससे बिजली चोरी का चलन बढता है तो बिजली कंपनियों को इस तरफ ध्यान देना चाहिए कि हर हाल में विद्युत उपभोक्ता बिजली का कनेक्शन ले ले ऐसी सुलभ व्यवस्था होनी चाहिए लेकिन पावर कारपोरेशन ने जो प्रस्ताव दिया है उससे बिजली कनेक्शन में प्रोत्साहन के बजाय बिजली कनेक्शन से लोग दूर भागेंगे क्योंकि कनेक्शन किधर इतना अधिक हो जाएगी की गरीब उपभोक्ताओं के बजट में आएगा ही नहीं।