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रिलीव हुईं लखनऊ कमिश्नर रोशन जैकब, उदास दिखे अधिकारी

विदाई समारोह में विकास कार्यों और पारदर्शी प्रशासनिक शैली की हुई सराहना

लोगों ने सराहा कमिश्नर रोशन जैकब का कार्यकाल

Lucknow: लखनऊ मण्डल की कमिश्नर रहीं रोशन जैकब ट्रांसफर होने के बाद बुधवार को कार्यभार छोड़ दिया। कमिश्नर कार्यालय में उनका विदाई समारोह हुआ जिसमें कई विभागों के अधिकारी, जन प्रतिनिधि और गणमान्य लोग मौजूद थे। सभी ने रोशन जैकब के कार्यकाल की तारीफ की। अधिकारियों ने कहा कि कमिश्नर के तौर पर उनका कार्यकाल हमेशा याद रहेगा। आईएएस रोशन जैकब ने करीब सात साल तक कमिश्नर(मण्डलायुक्त) कार्यभार संभाला है।

विदाई समारोह में वक्ताओं ने कहा कि मण्डलायुक्त रोशन जैकब का कार्यकाल प्रेरणादायक और अनुकरणीय रहा। उन्होंने विकास कार्यों में पारदर्शिता स्थापित की, जनहित में त्वरित निर्णय लिए और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल व जनसुलभ बनाया। उनके नेतृत्व में लखनऊ मण्डल में अनेक योजनाओं और परियोजनाओं को गति मिली तथा आमजन को सीधा लाभ प्राप्त हुआ। सभी ने उनके उत्कृष्ट योगदान और जनहितकारी दृष्टिकोण की सराहना करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। रोशन जैकब को प्रदेश सरकार का एक भरोसेमंद ब्यूरोक्रेट माना जाता है। इसी कारण उन्होंने लखनऊ मण्डलायुक्त के तौर पर सात से अधिक समय तक काम किया। अब उनका तबदला करके खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग का सचिव बनाया गया है। जब यूपी में कोविड-19 का प्रकोप फैला था तब रोशन जैकब ने मोर्चा संभाला और चिकित्सा व्यवस्था से लेकर शवों के दाह संस्कार तक की निगरानी खुद की। इन्हीं कारणों से उन्हें संवेदनशील और जनता के प्रति जिम्मेदार अफसर कहा गया।

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भावुक हो गईं रोशन जैकब

विदाई समारोह में अब उनसे बोलने को कहा गया कि वह काफी भावुक दिखाई दीं। अपने भावुक संबोधन में मण्डलायुक्त रोशन जैकब ने लखनऊ मण्डल के नागरिकों, प्रशासनिक अधिकारियों व मीडिया का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यहां बिताया गया समय उनके जीवन की अमूल्य स्मृतियों में हमेशा अंकित रहेगा। उन्होंने कहा कि लखनऊ की जनता की सेवा करने का अवसर पाना मेरा सौभाग्य रहा। उन्होंने कहा कि कार्यकाल के दौरान जो भी काम किए गए हैं वह टीम भावना के सहयोग की वजह से भी संभव हुए जिसका श्रेय उनके अधिकारियों को जाता है। उन्हें जो विश्वास और स्नेह जनता ने दिया, उसके लिए मैं सदैव आभारी रहूंगी। मण्डलायुक्त ने मीडिया का भी विशेष आभार जताया और कहा कि उनके सहयोग और सकारात्मक संवाद ने प्रशासनिक कार्यों को जनहित में और अधिक प्रभावी बनाने में सहायता की।

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जानिए कौन हैं आईएएस रोशन जैकब

रोशन जैकब 2004 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। उनका जन्म केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में हुआ था। उनके पिता सरकारी कर्मचारी थी तथा मां भी नौकरी करती थीं। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा केरल में ही पूरी की। उन्होंने साल 2003 में यूपीएससी परीक्षा पास की और 2004 में वह यूपी कैडर की आईएएस बनीं। उन्होंने अंग्रेजी में पीजी करने के बाद पीएचडी भी किया है। वह अंगे्रजी के साथ हिन्दी व मलयालम भी बोल लेती हैं। उन्होंने अपने शुरुआती कार्यकाल में गोंडा जिले में एलपीजी वितरण व्यवस्था को दुरस्त करने में खास भूमिका निभाई थी। इस कारण वह चर्चा में आईं। रोशन जैकब यूपी में खनन विभाग की पहली महिला निदेशक भी रह चुकी हैं। लोगों को रोजगार मिल सके इसके लिए खनन निदेशक के तौर पर उन्होंने लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में खनन का काम शुरू कराया था। बाढ़ प्रभावित इलाकों को देखने के लिए उन्होंने नाव से कई इलाकों का दौरा भी किया। कहा जाता है कि कोई भी घटना होने पर स्थिति को संभालने वह खुद मौके पर पहुंच जाया करती थीं। लखीमपुर खीरी के अस्पताल में आपदा पीडि़त से मुलाकात के क्रम में उनके आंसू तक आ गए थे।

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कैसा है रोशन जैकब का कार्यकाल

कमिश्नर लखनऊ रहीं रोशन जैकब को पहली नियुक्ति बरेली में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के तौर पर 13 जुलाई 2006 में मिली थी। उन्होंने कानपुर नगर के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, मेरठ के चीफ डेवलपमेंट अफसर के पद पर भी काम किया। डीएम के रूप में उनकी पहली तैनाती 21 अप्रैल 2008 को बस्ती में हुई। एक साल के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश के नियुक्ति विभाग में विशेष सचिव बनाया गया। इसके बाद 26 जनवरी 2012 को उन्हें गोंडा के डीएम का कार्यभार संभालना पड़ा। वह रायबरेली, कानपुर नगर, बाराबंकी और बुलंदशहर में भी जिलाधिकारी रहीं। वर्ष 2018 में उन्हें जियोलॉजी और खनन विभाग का विशेष सचिव बनाया गया। 15 जून 2018 को विशेष सचिव एवं निदेशक, खनन विभाग के साथ उन्हें लखनऊ के कमिश्नर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया। इस पद पर वह 17 सितंबर 2023 तक रहीं। इसी बीच 25 जून 2022 को उन्हें लखनऊ के मंडलायुक्त की पूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी।

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