Health

KGMU में बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट का शुभारम्भ, राज्यपाल ने बताया आशा की किरण

Lucknow: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के क्लिनिकल हिमेटोलॉजी विभाग में गुरूवार को अत्याधुनिक बोन मैरो ट्रांसप्लांट (Bone Marrow Transplant) यूनिट का लोकार्पण प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandi Ben Patel) ने किया। उन्होंने इस यूनिट को आशा की किरण बताते हुए कहा कि केजीएमयू की यह यूनिट लाखों परिवारों के लिए वरदान सिद्ध होगी।

राज्यपाल ने कहा कि ल्यूकेमिया, थैलेसीमिया, एप्लास्टिक एनीमिया जैसे गंभीर रक्त विकार जाति, वर्ग या उम्र नहीं देखते। इन रोगों से प्रत्येक वर्ष लाखों मरीज जूझते हैं, जबकि उपचार के लिए सीमित सुविधाएं बड़ी बाधा बनती हैं। ऐसे में केजीएमयू में बीएमटी यूनिट की स्थापना, विशेषकर उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों के लिए, नई आशा और जीवन का बड़ा आधार बनेगी।

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राज्यपाल ने कहा कि आज भारत आत्मनिर्भरता, आधुनिक चिकित्सा, डिजिटल हेल्थ और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के माध्यम से ‘स्वस्थ भारत-समर्थ भारत’ के संकल्प को साकार कर रहा है। इस अवसर पर बाल आयुष फाउंडेशन और केजीएमयू के मध्य एक समझौता ज्ञापन भी हुआ जिसकी सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्रत्यारोपण देखभाल में स्टाफ नर्सों को प्रशिक्षित करने और गरीब रोगियों के लिए वित्तीय सहायता की व्यवस्था प्रशंसनीय है।

उन्होंने बताया कि जनपद अयोध्या में एक भी आंगनबाड़ी केंद्र नहीं था, वहां 75 नए आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित किए गए हैं। प्रदेश भर के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने और सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए 50,000 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों को 150 करोड़ रुपये की लागत से संसाधन-संपन्न बनाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेटियों को एचपीवी वैक्सीन लगाने का व्यापक अभियान चलाया गया है। अब तक 40,000 से अधिक बेटियों को यह वैक्सीन दी जा चुकी है, और पुलिस कर्मियों की बेटियों को भी इस अभियान से जोडक़र उन्हें सुरक्षित किया जा रहा है।

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उन्होंने कहा कि प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए राजभवन की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। पिछले पांच वर्षों में हजारों बच्चों और मरीजों को गोद लेकर उन्हें पोषण पोटली प्रदान की गई है। इस सतत प्रयास के परिणामस्वरूप लगभग 4 लाख मरीज टीबी से मुक्त हो चुके हैं। राज्यपाल ने कहा कि वह जब भी वृद्धाश्रमों, शिशु ग्रहों और जेलों का निरीक्षण करती हैं, तो वहां स्थानीय आवश्यकताओं को पहचानकर उन्हें पूरा करने की व्यवस्था की जाती है।

उन्होंने कहा कि यह सभी कार्य सीएसआर के माध्यम से किए जा रहे हैं, और इन अभियानों से प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों को भी जोड़ा गया है।
इस मौके पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार द्वारा केजीएमयू को सभी आवश्यक संसाधन और सुविधाएँ उपलब्ध कराने में कोई कमी नहीं रखी जायेगी। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष संस्थान को 1800 करोड़ रुपये प्रदान किए गए। राज्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, उनके स्तर में सुधार तथा गुणवत्ता वृद्धि के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है और आगे भी स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक सक्षम, सुलभ एवं प्रभावी बनाने की दिशा में कदम उठाती रहेगी।

इस अवसर पर केजीएमयू की कुलपति पद्मश्री डॉ. सोनिया नित्यानंद, प्रमोटर आदित्य बिड़ला कैपिटल फाउंडेशन लिमिटेड पद्मभूषण राजश्री बिड़ला, फाउंडर-चेयरमैन कैनकिड्स किड्सकैन पूनम बगई, मैनेजिंग डायरेक्टर आदित्य बिड़ला कैपिटल फांउडेशन लिमिटेड विशाखा मूले, विभागाध्यक्ष क्लीनिकल हिमेटोलॉजी विभाग डा. एस पी वर्मा, चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर आदित्य बिड़ला कैपिटल फांउडेशन लिमिटेड शुभ्रो भादुड़ी, वरिष्ठ चिकित्सक एवं विशेषज्ञ तथा अन्य लोग मौजूद रहे।

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