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Pankaj Prasoon: प्रसिद्ध कवि पंकज प्रसून को मिला ‘विज्ञान सेतु फाउंडेशन अवार्ड 2025’, कविताओं से विज्ञान को बनाया आसान

मुम्बई/नई दिल्ली: विज्ञान जैसे जटिल विषय को कविताओं और सरल भाषा के माध्यम से आम जनता के दिलों तक पहुँचाने वाले मशहूर कवि पंकज प्रसून (Pankaj Prasoon) को वर्ष 2025 के प्रतिष्ठित ‘विज्ञान सेतु फाउंडेशन अवार्ड’ (Vigyan Setu Foundation Award 2025) से नवाजा गया है। मुम्बई स्थित राष्ट्रीय संस्थान ‘विज्ञान सेतु फाउंडेशन’ ने अपने 14वें स्थापना दिवस (14th Foundation Day) के अवसर पर उन्हें यह सम्मान प्रदान किया।

पंकज प्रसून को यह अवॉर्ड ‘विज्ञान के लोकप्रियकरण’ (Science Popularization) की श्रेणी में उनके उत्कृष्ट और समर्पित योगदान के लिए दिया गया है। पंकज प्रसून लखनऊ स्थित केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (CDRI) में वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी पद पर कार्यरत हैं।

फाउंडेशन ने पंकज प्रसून का चयन इस आधार पर किया है कि उन्होंने विज्ञान संचार (Science Communication) को केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित न रखकर उसे जनभाषा, साहित्य और कविताओं के माध्यम से एक नई दिशा दी है। उन्होंने “विज्ञान को समाज से जोड़ने” के उद्देश्य को बेहद प्रभावी ढंग से पूरा किया है।

समारोह और ‘साइंटेनमेंट’ की चर्चा

यह सम्मान समारोह ऑनलाइन माध्यम से आयोजित किया गया, जिसमें देशभर के वरिष्ठ वैज्ञानिक, विज्ञान लेखक और शोधकर्ता शामिल हुए। कार्यक्रम में विज्ञान सेतु फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. ललित कुमार शर्मा ने पंकज प्रसून को सम्मानित करते हुए कहा, “पंकज जी का कार्य नवाचार, समर्पण और सामाजिक प्रभाव का एक अनुकरणीय उदाहरण है।”

फाउंडेशन ने अपने प्रशस्ति पत्र में प्रसून के विशेष प्रयोग ‘साइंटेनमेंट’ (Sciencetainment) यानी विज्ञान और मनोरंजन के मिश्रण की जमकर सराहना की। संस्थान ने माना कि:

  • उन्होंने विज्ञान को नीरसता से निकालकर कविताओं के जरिए मनोरंजक बनाया।

  • वैज्ञानिक मिथकों (Scientific Myths) और भ्रांतियों को दूर करने के लिए साहित्य का सहारा लिया।

  • विज्ञान को बहुभाषी और जनसुलभ बनाकर युवाओं और विद्यार्थियों को प्रेरित किया।

इस राष्ट्रीय सम्मान को प्राप्त करने पर खुशी जाहिर करते हुए पंकज प्रसून ने कहा, “विज्ञान को कविता और साहित्य के माध्यम से सरल और जीवन के करीब लाना मेरा निरंतर प्रयास रहा है। विज्ञान सेतु फाउंडेशन द्वारा दिया गया यह सम्मान मेरे लिए प्रेरणा और ऊर्जा का स्रोत है। यह पुरस्कार उन सभी पाठकों और वैज्ञानिकों का भी है, जिनसे मुझे लगातार समर्थन मिलता रहा है।”

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