उत्तर प्रदेश में आपदा प्रबंधन को मिलेगी नई ताकत: योगी सरकार ने रखे बड़े प्रस्ताव

LUCKNOW: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में आपदा प्रबंधन प्रणाली को और अधिक सक्षम, लचीला और संवेदनशील बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने हाल ही में 16वें वित्त आयोग के समक्ष कई महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं, जिनका उद्देश्य आपदा प्रभावित लोगों को त्वरित राहत और दीर्घकालिक सुरक्षा प्रदान करना है।
इन आपदाओं को राष्ट्रीय आपदा सूची में शामिल करने की मांग
सरकार की ओर से रखे गये प्रस्तावों में राज्य द्वारा अधिसूचित आपदाओं, जैसे गर्मी की लहर (लू), वज्रपात, असमय बारिश, तूफान, सांप के काटने और डूबने जैसी घटनाओं को राष्ट्रीय आपदा सूची में शामिल करने की बात कही है। योगी सरकार का मानना है कि ये आपदाएं राज्य में बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करती हैं। उदाहरण के लिए, वर्ष 2024-25 में राज्य अधिसूचित आपदाओं से 4,534 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि राष्ट्रीय आपदाओं से केवल 176 लोगों की जान गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दिशा में सक्रियता दिखाते हुए केंद्र सरकार से इन आपदाओं को गंभीरता से लेने की अपील की है।
प्रमुख प्रस्ताव और मांगें:
जिलों में आपदा प्रबंधन भवन: प्रत्येक जिले में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) के लिए पृथक भवनों के निर्माण की मांग, जिससे स्थानीय स्तर पर त्वरित और समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
आपदाओं को राष्ट्रीय सूची में शामिल करने की मांग: लू, वज्रपात, असमय बारिश, आंधी-तूफान, सर्पदंश और डूबने की घटनाओं को “राष्ट्रीय आपदा” घोषित करने की मांग। वर्ष 2024-25 में केवल इन राज्य-अधिसूचित आपदाओं से 4,534 लोगों की मौत दर्ज की गई, जबकि राष्ट्रीय आपदाओं से मात्र 176 लोगों की।
बजट में लचीलापन: राज्य सरकार ने SDRF/SDMF की राशि में लचीलापन लाने के लिए विभिन्न मदों के बीच फंड ट्रांसफर की अनुमति मांगी है। साथ ही, राज्य अधिसूचित आपदाओं के लिए व्यय सीमा को 10% से बढ़ाकर 25% करने की सिफारिश की गई है।
प्रशासनिक व्यय की अनुमति: एक प्रतिशत प्रशासनिक खर्च की मंजूरी देने का प्रस्ताव, जिससे आपदा प्रबंधन के कार्यों में दक्षता और जवाबदेही लाई जा सके।
डीडीएमए के लिए भवन निर्माण की मिले अनुमति
योगी सरकार ने एक और महत्वपूर्ण मांग रखी है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्रत्येक जिले में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के लिए भवन निर्माण की अनुमति दी जाए। वर्तमान में एसडीआरएफ और एसडीएमएफ के नियम इसकी अनुमति नहीं देते। इसके साथ ही, सरकार ने 1 प्रतिशत प्रशासनिक खर्च की अनुमति देने की भी मांग की है, ताकि आपदा प्रबंधन के लिए बेहतर प्रशासनिक ढांचा तैयार किया जा सके। इन मांगों के पीछे योगी आदित्यनाथ की वह सोच है, जो आपदा प्रबंधन को और अधिक कुशल और जन-केंद्रित बनाने पर केंद्रित है।