
लखनऊ। निजीकरण के विरोध और पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर अटेवा/NMOPS द्वारा 01 अगस्त को आयोजित किए जा रहे देशव्यापी रोष मार्च को उत्तर प्रदेश के सैकड़ों शिक्षक और कर्मचारी संगठनों का समर्थन मिल रहा है। अटेवा का दावा है कि यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन सिस्टम) को कर्मचारियों द्वारा अस्वीकार किया जाना संगठन के आंदोलन की बड़ी सफलता है।
टेवा/NMOPS द्वारा पुरानी पेंशन की बहाली और निजीकरण के विरोध में 1 अगस्त को आयोजित रोष मार्च को लेकर शिक्षक व कर्मचारी संगठनों का समर्थन लगातार मिल रहा है। यह मार्च देशभर में आयोजित होगा और उत्तर प्रदेश में इसका मुख्य आयोजन लखनऊ में किया जाएगा।
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लखनऊ में रोष मार्च का शुभारंभ वरिष्ठ कर्मचारी नेता स्व. बी.एन. सिंह की प्रतिमा से किया जाएगा, जो परिवर्तन चौक होते हुए शहीद स्मारक पर समाप्त होगा। वहां पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि एनपीएस और यूपीएस के खिलाफ आंदोलन ने अब एक जनांदोलन का रूप ले लिया है। उन्होंने कहा, “कर्मचारियों और शिक्षकों ने यूपीएस को अस्वीकार कर दिया है, जो कि हमारे संघर्ष की बड़ी जीत है” ।
विभिन्न संगठनों का अटेवा को समर्थन प्राप्त हो चुका है, जिनमें शामिल हैं:
चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ, उत्तर प्रदेश, राजकीय नर्सेज संघ, उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ, पीडब्ल्यूडी वर्कचार्ज कर्मचारी संघ, बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, विशिष्ट बीटीसी संघ, विश्वविद्यालय कर्मचारी यूनियन, लूअक्टा, माध्यमिक शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, सिंचाई, कृषि, पंचायती राज, ग्रामीण सफाई कर्मचारी संगठन।
प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि सभी जिलों में भी इसी प्रकार के रोष मार्च और ज्ञापन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अटेवा ने सभी शिक्षक व कर्मचारियों से अपने जिला मुख्यालयों पर पहुंचने की अपील की है।