डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS) से पार्किंसन से जूझ रहे मरीज मिली राहत

लोहिया संस्थान के डॉक्टरों ने की ब्रेन की जटिल सर्जरी
Lucknow: लम्बे समय से पार्किंसन बीमारी के जूझ रहे एक मरीज की डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (DBS) सर्जरी कर डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (RMLIMS) के डॉॅक्टरों से उसे राहत दी। मरीज स्थिति में अब सुधार है और वह बिना किसी सहारे के चलने-फिरने में सक्षम है। डॉक्टरों का कहना है कि संस्थान में पहली बार इस प्रकार की सर्जरी की गयी है।
68 वर्षीय रविन्द्र मिश्रा बीते कई सालों से पार्किंसन रोग से पीडि़त थे। शरीर में जकडऩ, कंपन और चलने में कठिनाई ने उनका जीवन कठिन बना दिया था। बीमारी इतनी बढ़ चुकी थी कि दवाओं का असर भी असर कम पडऩे लगा। इलाज के लिए जब वह लोहिया संस्थान पहुंचे तो वहां डॉ. प्रो. दिनकर कुलश्रेष्ठ ने मरीज की गहनता से जांच की और पाया कि दवा का असर अब कम होता जा रहा है। इलाज का एकमात्र विकल्प सर्जरी की है। उन्होंने इस विषय में न्यूरोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. दीपक सिंह ने परामर्श किया और मरीज की सर्जरी करने का फैसला किया गया।
बीते 4 अक्टूबर प्रो. डॉ. दीपक सिंह के नेतृत्व में सर्जरी की गई। इस सर्जरी में मुंबई से आए डीबीएस विशेषज्ञ डॉ. नरेन नाइक ने तकनीकी सहयोग दिया। सर्जरी के बाद 30 अक्टूबर को मरीज के डिवाइस को प्रोग्राम किया गया और इलेक्ट्रोड सेटिंग्स समायोजित की गईं। इसके बाद मरीज के कंपन में कमी आई और वे बिना सहारे चलने में सक्षम हो गए। डॉक्टरों का कहना है कि मरीज की स्थिति लगातार बेहतर हो रही है। सर्जरी से पहले उसे चलने-फिरने के साथ बोलने में भी कठिनाई हो रही थी। अब मरीज आराम से चल और बोल सकता है। उन्होंने बताया कि संस्थान में काफी किफायती दरों पर मरीज की सर्जरी की जाती है जबकि प्राइवेट अस्पतालों में यह सर्जरी काफी महंगी है।
क्यों खास है यह सर्जरी
डॉ. दीपक सिंह का कहना है कि डीप ब्रेन स्टिमुलेशन पार्किंसन इलाज का स्वरूप बदलने वाली तकनीक है। यह सर्जरी आधुनिक न्यूरो-नेविगेशन तकनीक से की जाती है, जिससे जोखिम बेहद कम होता है। जिन मरीजों पर दवाएँ असर नहीं करतीं, उनके लिए यह तकनीक जीवन में नया आत्मविश्वास लाती है। डॉ. दिनकर कुलश्रेष्ठ ने कहा कि डीप ब्रेन स्टिमुलेशन ने पार्किंसन रोग के उपचार का स्वरूप बदल दिया है। यह प्रक्रिया मरीज की गतिशीलता बढ़ाती है, कंपन कम करती है और दवाओं के दुष्प्रभावों से राहत देती है। डॉक्टरों का कहना है कि इस उपलब्धि के बाद संस्थान को न्यूरोमॉड्यूलेशन थेरेपी के क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। अब यूपी और आसपास के राज्यों के मरीजों को ऐसे इलाज के लिए दिल्ली या मुंबई जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
डीप ब्रेन स्टिमुलेशन क्या है
डीप ब्रेन स्टिमुलेशन (ष्ठक्चस्) एक अत्याधुनिक न्यूरोसर्जिकल प्रक्रिया है। इसमें मस्तिष्क के विशेष हिस्सों में अत्यंत पतले इलेक्ट्रोड लगाए जाते हैं, जो एक छोटे बैटरी चालित उपकरण (पेसमेकर जैसे) से जुड़े रहते हैं। यह उपकरण मस्तिष्क को नियमित विद्युत संकेत भेजता है, जिससे असामान्य तंत्रिका गतिविधि नियंत्रित होती है और कंपन, जकडऩ तथा चलने में कठिनाई जैसी समस्याएं कम होती हैं। यह प्रक्रिया मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान नहीं पहुंचाती और जरूरत पडऩे पर उपकरण की सेटिंग्स बदली या बंद की जा सकती हैं। यह उन मरीजों के लिए उपयोगी है जिन्हें दवाओं से पर्याप्त लाभ नहीं मिलता।




