UP: गांव में 18 घंटे का रोस्टर होने से बढ़ रही डिमाण्ड

Lucknow: यूपी के ग्रामीण (Rural) इलाकों में 18 घंटे ही बिजली देने का आदेश है। यही वजह है कि प्रदेश (UP) में बिजली की डिमाण्ड रात में अचानक से बढ़ जाती है। सोमवार की रात प्रदेश में विद्युत मांग (Electricity Demand) 31104 मेगावाट के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई। हालांकि यह डिमाण्ड केवल एक घंटा ही रही। ऐसा तब हुआ तब हरदुआगंज परियोजना (Harduaganj Project) की 660 मेगावाट की एक मशीन बंद थी।
देश में उत्तर प्रदेश प्रदेश ही ऐसा राज्य है जहां रोस्टर व्यवस्था लागू है यानि गांव, तहसील, ब्लॉक व जिला स्तर पर विद्युत आपूर्ति के घंटे (Roster) तय हैं। सोमवार को राज्य में बिजली की डिमाण्ड का रिकॉर्ड बन गया। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि बिजली की मांग का अचानक से बढ़ जाना रोस्टर लागू होने के कारण होता है। अगर रोस्टर को हटा दिया जाए और पूरे राज्य में चौबीस घंटे विद्युत आपूर्ति हो तो बिजली की बेतहाशा मांग नहीं होगी।
वर्मा का कहना है कि रोस्टर होने के कारण उपभोक्ताओं को हर समय बिजली नहीं मिलती और जैसे ही बिजली आती है लोग अपने सभी उपकरण चालू कर देते हैं। सबसे अधिक भार उठाती हैं वह औद्योगिक व कारखाने में लगी मशीनें जहां बिजली आपूर्ति केवल रात में होती है। उत्तर प्रदेश में 3 करोड़ 45 लाख विद्युत उपभोक्ता (Consumer) हैं जिसमें करीब 2 करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे ही बिजली आती है।
रात में कारखानों में होता है काम
ग्रामीण क्षेत्रों में जहां दिन भर बिजली बंद रहती है वहां रात में जैसे ही बिजली आती हैं छोटे-छोटे कारखानों में काम शुरू हो जाता है। उनको पता है कि बिजली रात में ही आएगी तो वहां रात भर काम होता है। इतना ही नहीं वेल्डिंग कर ट्राली व अन्य उपकरण बनाने वाले, आटा चक्की वाले सभी रात में काम करते हैं। यह समय पीक ऑवर कहलाता है और उसी समय बिजली का सभी उपभोग शुरू कर देते हैं। वर्मा का मानना है कि अगर 24 घंटे बिजली मिले तो लोग रात के समय नहीं अपना-अपना काम दिन में भी सुविधा अनुसार कर लेंगे। इससे रात पांच बजे से ग्यारह बजे तक होने वाली अधिकतम डिमांड कम हो जाएगी।
दस रुपये प्रति यूनिट खरीदते हैं बिजली
यूपी में पीक ऑवर (peak hour) में बिजली की मांग सबसे ज्यादा होती है और उस समय ग्रिड पर बिजली के दाम भी सबसे अधिक होते हैं। शाम के 5-10 बजे के बीच पावर कारपोरेशन को ग्रिड से दस रुपये प्रति यूनिट तक बिजली खरीदनी पड़ती है। वर्मा का कहना है कि यदि रोस्टर व्यवस्था खत्म हो जाए तो रात को महंगी बिजली की खरीद की जरूरत नहीं पड़ेगी।