Health

डायरिया पीड़ित बच्ची की इलाज के दौरान मौत

Lucknow: फैजुल्लागंज और जानकीपुरम विस्तार में डायरिया का प्रकोप जारी है। जानकीपुरम विस्तार की रहने वाली 12 साल की बच्ची सरिता की बुधवार को मौत हो गई। डायरिया पीड़ित बच्ची का बलरामपुर अस्पताल में इलाज चल रहा था। उसे तीन दिनों से बुखार आ रहा था। क्षेत्र में डायरिया के लक्षण वालें 62 मरीजों का देखा गया। तीन में संक्रामक रोग की पुष्टि हुई जिसमें से दो को भर्ती कराना पड़ा।

बुधवार को सीएचसी अलीगंज और पीएचसी पुराना दाऊददनगर की टीमों ने फैजुल्लागंज के मामा कालोनी एवं शिव शक्तिनगर का दौरा किया। टीमों ने करीब 140 घरों किया तो 62 मरीजों संदिग्ध मिले। इनकी स्क्रीनिंग करके जरूरी दवाएं दी गईं। जिला मलेरिया अधिकारी की टीम द्वारा क्षेत्र में एण्टी लार्वा रसायन का छिड्काव भी किया गया। जानकीपुरम विस्तार सेक्टर-3, 7 एवं 8 में नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जानकीपुरम की टीम ने 56 घरों का निरीक्षण किया गया। क्षेत्र में लगाए गए कैम्प में 15 मरीजों को देखा गया है। डायरिया के तीन रोगी मिले जिसमें से 2 मरीजों चिकित्सालय में भर्ती कराया गया।

The coverage

सीएमओ कार्यालय से जारी जानकारी के अनुसार जानकीपुरम विस्तार निवासी 12 वर्षीय बच्ची को 25 तारीख को तबियत बिगड़ने पर जानकीपुरम ट्रामा सेन्टर में भर्ती किया गया था। भर्ती के बाद मरीज की हालत में सुधार न होने पर उसे अगले दिन बलरामपुर अस्पताल भेज दिया गया। बलरामपुर में भर्ती करने के बाद उसका इलाज चल रहा था जबकि बुधवार को उसकी सांसें थम गईं। बलरामपुर चिकित्सालय की डेथ आडिट रिपोर्ट के अनुसार बच्ची की मौत सेप्टिसीमिया और हाइपोवोलेमिक शॉक के कारण हुई है।

परिजनों ने लगाए लापरवाही के आरोप
बलिया निवासी उमाशंकर सिंह जानकीपुरम विस्तार के सेक्टर-8 में झोपड़ी डालकर रहते हैं। गुरुवार को बच्ची को बुखार हुआ। तबीयत खराब होने पर घरवालें पहले उसे स्थानीय डॉक्टर के पास ले गए। हालत गंभीर होने पर किशोरी को जानकीपुरम ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया मगर सुधार नहीं हुआ। वहां से पीडि़ता को बलरामपुर अस्पताल रेफर किया गया। इमरजेंसी में डॉक्टरों ने बच्ची का इलाज शुरू किया। सरिता की मां सरोजनी का आरोप है कि ट्रॉमा के डॉक्टरों ने समय रहते बेटी को रेफर कर देते तो उसकी जान बच सकती थी। हालत बिगडऩे पर पहले उसे सिविल अस्पताल भेजा गया, जहां भर्ती करने से मना कर दिया गया। इसके बाद परिजन बलरामपुर अस्पताल पहुंचे। काफी मशक्कत के बाद सरिता को भर्ती किया गया। सांस लेने में दिक्कत होने पर उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। देर रात सरिता की मौत हो गई।

बीमारी की वजह नहीं खोज पा रहे डाक्टर
जानकीपुरम विस्तार व फैजुल्लागंज में डायरिया क्यों फैल रहा है डाक्टर इसकी वजह नहीं खोज पा रहे हैं। इलाके के पानी की जांच की गई। एपिडिमियोलॉजिस्ट को पानी में कोई बैक्टीरिया नहीं मिला। यही वजह है कि उनकी द्वारा बीमारी का कारण नहीं बताया जा पा रहा है। डाक्टरों की इस नाकामी के बावजूद दोनों क्षेत्रों में डायरिया के मरीज मिल रहे हैं। बुधवार को एक बच्ची की जान भी चली गई।

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