दिल्ली में खुला है ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोसिएशन (AIDA) का कार्यालय

Lucknow: सरकारी बिजली कम्पनियों से चंदा लेने वाली निजी संस्था ऑल इंडिया डिस्काम एसोसिएशन (All India Discom Association) का दफ्तर दिल्ली में है। एसोसिएशन की एग्जीक्यूटिव काउंसिल में पावर कारपोरेशन की बिजली कंपनियों के निदेशक, मुख्य अभियंता, अदानी पावर के एमडी, टाटा पावर के सीईओ, नोएडा पावर कंपनी के एमडी और बड़े निजी घरानों के उच्च अधिकारी शामिल हैं। कार्यालय में तैनात अधिकारी मोटा वेतन ले रहे हैं।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि एसोसिएशन ने अपना नेटवर्क इस तरह से बनाया है कि सरकारी बिजली कंपनियों कर हर गोपनीय डाटा आसानी से पाया जा सके। गौर करने वाली बात यह है कि ऑल इंडिया डिस्काम एसोसिएशन के अफसर सरकारी राजस्व के रुपयों से अपना वेतन पा रहे हैं। उसने दिल्ली में अपना एक सचिवालय खोल रखा है जिसमें तैनात डायरेक्टर प्रशासन की सैलरी प्रतिमाह 2 लाख, डायरेक्टर रेगुलेटरी अफेयर्स की 3 लाख, निदेशक तकनीकी का वेतन 3 लाख और रिसर्च ऑफिसर की तनख्वाह 80 हजार रुपये है। वर्मा ने कहा कि डायरेक्टर जनरल भी मोटा वेतन पा रहे हैं। डीजी कोई और पावर कारपोरेशन में चेयरमैन की हैसियत से काम कर चुके रिटायर आईएएस ही हैं। वर्तमान समय में वो कारपोरेशन के अफसरों के साथ सीधे सम्पर्क में हैं और निजीकरण के मुद्दे पर लगातार अपडेट ले रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि वर्तमान चेयरमैन आशीष गोयल के साथ उनकी कई बार बैठक भी चुकी है।
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कार्यालय सील कर कराएं सीबीआई जांच
अवधेश वर्मा का कहना है कि प्रदेश के पावर सेक्टर में काम करने वाले अधिकारी निजी संस्था से लाखों रुपया कमा रहे हैं। प्रदेश के राजस्व का पैसा वेतन में बंटा जा रहा है। केन्द्र व उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि दिल्ली स्थित एसोसिएशन के कार्यालय को सील कराया जाए और पूरे मामले की तत्काल सीबीआई जांच कराई जाए। वर्मा ने कहा ऊर्जा क्षेत्र के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि जो उच्च पदों पर बैठे लोग रिटायर्ड हो रहे हैं वह इस संगठन में बड़ा पद लेकर लाखों रुपया कमा रहे हैं

निजीकरण से निजी घरानों को होगा लाभ
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 42 जिलों के निजीकरण से देश के बड़े निजी घरानो को कैसे फायदा होगा इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ऑल इंडिया डिस्काम एसोसिएशन ने सात कमेटियों बना रखी है। एग्जीक्यूटिव काउंसिल बना ली है जिसमें पावर कारपोरेशन के निदेशक और चीफ इंजीनियर के साथ निजी घरानों के अधिकारी शामिल है। आपस में सभी ऑनलाइन व फिजिकल मीटिंग करते हैं। सभी एक दूसरे का डाटा आधार प्रदान कर रहे हैं। इससे गोपनीय दस्तावेज भी बहुत आसानी से निजी घराने प्राप्त कर लेंगे। यह पूरी तरह कनफ्लिक्ट आप इंटरेस्ट हितों के टकराव का मामला बनता है। प्रदेश के 42 जनपदों के निजीकरण को अंजाम देकर निजी घरानों को दिलाने में डिस्काम एसोसिएशन की भूमिका अहम होगी।