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किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में नई राष्ट्रीयकृत बैंक शाखा खोलने की मांग तेज, कर्मचारी परिषद ने कुलपति को सौंपा ज्ञापन

RAEBARELI: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) में कार्यरत कर्मचारियों की लगातार आ रही शिकायतों और बैंकिंग सेवाओं की गुणवत्ता में गिरावट के चलते अब कर्मचारी परिषद ने ठोस कदम उठाते हुए कुलपति को ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में परिषद ने KGMU परिसर में एक नई राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा खोलने तथा इंडियन बैंक की कार्यप्रणाली की समीक्षा करने की मांग की है।

कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष विकास सिंह और महामंत्री अनिल कुमार द्वारा हस्ताक्षरित इस ज्ञापन में बताया गया है कि विश्वविद्यालय जैसे अत्यंत प्रतिष्ठित संस्थान में हजारों की संख्या में कर्मचारी कार्यरत हैं और प्रतिदिन हजारों मरीज व उनके परिजन आते हैं। लेकिन वर्तमान में परिसर में स्थित इंडियन बैंक की सेवाएं न केवल असंतोषजनक हैं, बल्कि कर्मचारी हितों की भी अनदेखी कर रही हैं।

ज्ञापन में कई प्रमुख समस्याएं गिनाई गई हैं:

  1. नेटवर्क की लगातार समस्या – बैंक में अक्सर सर्वर डाउन या नेटवर्क की खराबी के चलते खाताधारकों को सामान्य सेवाओं के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ता है।

  2. ATM सेवाओं की दयनीय स्थिति – परिसर स्थित एटीएम अधिकतर समय खराब रहता है। इससे डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, मरीजों के तीमारदार और अन्य कर्मचारी बेहद परेशान रहते हैं।

  3. वेतन खाते से जुड़ी सुविधाओं की कमी – अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों की तुलना में इंडियन बैंक वेतन खाता धारकों को अपेक्षित ऋण, पर्सनल लोन, वाहन ऋण, आदि की योजनाएं नहीं देता। इससे कर्मचारियों में असंतोष है।

  4. बीमा योजनाएं केवल कागजों तक सीमित – बैंक द्वारा 20 दिसंबर 2022 को घोषित बीमा योजना अब तक लागू नहीं हुई है। केवल एक्सीडेंटल इंश्योरेंस की बात की जाती है, जबकि अन्य बैंक सामान्य मृत्यु पर भी लाभ देते हैं।

  5. अन्य बैंक को आने से रोकने का प्रयास – परिषद ने आरोप लगाया कि वर्षों से इंडियन बैंक ने इस प्रकार अपनी जड़ें मजबूत कर ली हैं कि किसी अन्य बैंक को प्रवेश का अवसर नहीं दिया जा रहा, जिससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और बेहतर सेवा की संभावना समाप्त हो गई है।

कर्मचारी परिषद ने कुलपति से अनुरोध किया है कि परिसर में जैसे भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक या यूनियन बैंक जैसी किसी अन्य राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा खोली जाए, जिससे न केवल बैंकिंग सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि कर्मचारियों और मरीजों दोनों को लाभ मिलेगा। ज्ञापन की प्रतिलिपि वित्त अधिकारी को भी भेजी गई है ताकि इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही शीघ्र हो सके।

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