opinion

बुखार आना भी शरीर के लिए जरूरी

Lucknow: बुखार आना कोई बीमारी नहीं बल्कि यह शरीर के लिए जरूरी है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसलिए बुखार के शुरूआती पांच दिनों तक दवा नहीं लेनी चाहिए।

आज से सैकड़ों वर्ष पहले, जब एंटीबायोटिक्स का आविष्कार नहीं हुआ था, उस समय चिकित्सक जानबूझकर शरीर का तापमान बढ़ाने का प्रयास करते थे। उनका मानना था कि शरीर की गर्मी बढ़ाकर संक्रमण को समाप्त किया जा सकता है। यह मान्यता आधुनिक चिकित्सा में भी आंशिक रूप से सही पाई गई है, क्योंकि कई जीवाणु और विषाणु ऊंचे तापमान में नष्ट होने लगते हैं।

सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में माह में बरसात और बदलते मौसम के कारण इन महीनों में बुखार की समस्या अधिक होती है। बुखार पैदा करने वाले संक्रमण अलग-अलग मार्ग से फैल सकते हैं। जैसै-

– दूषित पानी
– अस्वच्छ भोजन
– मच्छर जनित जैसे- डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया
– व्यक्ति से व्यक्ति जैसे- श्वसन संक्रमण, फ्लू आदि

अक्सर शुरुआती 4-5 दिनों तक किसी विशेष दवा की आवश्यकता नहीं होती। इस समय केवल सही देखभाल ही काफी होती है।

– पूरी तरह से आराम करें
-पर्याप्त मात्रा में तरल आहार (लिक्विड डाइट) लें
– हल्का और पचने योग्य भोजन लें
* शरीर को हाइड्रेटेड रखें

90 प्रतिशत से अधिक मामलों में केवल इन साधनों से ही बुखार अपने आप उतर जाता है।

कब करवाएं जांच-

यदि 5वें दिन के बाद भी बुखार बना रहता है, तो अनिवार्य रूप से जांच करानी चाहिए। कुल मिलाकर बुखार आने पर पहले इसे खुद ठीक होने का समय दें। इसके बाद भी यदि बुखार बना रहता है तो जांच व इलाज जरूर करायें। बुखार को नजऱअंदाज़ न करें और सही समय पर उचित जांच अवश्य करवाएं।

The coverage nausran
लेखक प्रो. डॉ. अनिल नौसरान संस्थापक – यूनाइटेड फ्रंट ऑफ डॉक्टर्स

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button