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गोरखपुर में बनेगा फॉरेस्ट्री कॉलेज, सीएम योगी ने किया गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र का उद्घाटन

वन विभाग की आवश्यकताओं के अनुरूप चलेंगे डिग्री, डिप्लोमा कोर्स, बढ़ेगे नौकरी के अवसर 

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग को निर्देशित करते हुए कहा है कि गोरखपुर में एक फॉरेस्ट्री कॉलेज बनाए। जहां वन से संबंधित पढ़ाई के लिए डिग्री और डिप्लोमा के पाठ्यक्रम चलाए जाएं।

इससे वन विभाग की आवश्यकता के अनुरूप विभिन्न पदों पर युवाओं को नौकरी भी मिल सकेगी। साथ ही यह फॉरेस्ट्री को विकसित करने और वन संरक्षण का बड़ा माध्यम भी बनेगा।

सीएम योगी शुक्रवार को गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज रेंज के भारीवैसी में स्थापित दुनिया के पहले जटायु राजगिद्ध (रेड हेडेड वल्चर) संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र’ का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने इस केंद्र के निर्माण में योगदान देने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जब विकास प्रकृति और पर्यावरण को बचाकर किया जाएगा, तभी वह सतत विकास होगा। लंबे समय तक उसका लाभ मिलेगा। प्रकृति और पर्यावरण की कीमत पर होने वाला विकास क्षणिक और खतरनाक होता है। इसके दूरगामी परिणाम होते हैं।

गिद्धराज जटायु के रामायणकालीन आख्यान का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पेस्टीसाइड के दुष्प्रभाव से पर्यावरण के संरक्षक गिद्धों की संख्या तेजी से घटी है। उनके संरक्षण के लिए यूपी और भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का पहला संरक्षण केंद्र कैम्पियरगंज में खोला गया है। खुशी की बात यह भी है कि इस केंद्र में वनटांगिया समुदाय के लोग भी केयरटेकर के रूप में नौकरी से जुड़े हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति और इसके जीवों को बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है।

रामायण काल के पहले बलिदानी थे गिद्धराज जटायु

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज हम जटायु संरक्षण केंद्र के माध्यम से अपनी वैदिक और पौराणिक परंपरा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं। गिद्धराज जटायू धर्म और नई गरिमा की रक्षा के लिए रामायण काल के पहले बलिदानी थे। उन्होंने सीताजी के दुखभरे वचन को सुनकर ही जान लिया था कि यह आवाज रघुकुल तिलक श्रीराम की अर्धांगिनी का है।

गिद्धराज जटायु राजा दशरथ के मित्र थे। मित्रता निभाने और नारी गरिमा की रक्षा के लिए वे निहत्थे ही रावण से भिड़ गए और खुद को बलिदान कर दिया। रामायण से हमें मित्रता, नारी गरिमा, मर्यादा, अनुशासन और वचन रक्षा की प्रेरणा मिलती है। आज के कालखंड में भी पर्यावरण की शुद्धि के लिए जो कार्य जटायु के वंशजों द्वारा किया जाता है, वह अविस्मरणीय है।

जटायु के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए, रामायणकालीन उनकी स्मृतियों को बनाए रखने के लिए अयोध्या में राम मंदिर के सामने गिद्धराज जटायु की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है और अब यह जटायु संरक्षण केंद्र भी उसी की कड़ी है।

प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा के प्रति संकल्पित है सरकार

सीएम योगी ने कहा कि सरकार प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा के लिए संकल्पित भाव से कम कर रही है। हमारे इन्हीं कार्यों की देन है कि आज उत्तर प्रदेश देश ही नहीं बल्कि दुनिया का ऐसा पहला राज्य है जिसने 7 वर्षों में 200 करोड़ के पौधारोपण के लक्ष्य को हासिल किया है।

2017 के पहले हमें जहां जंगलों की कटान देखने को मिलती थी वहीं अब बड़े पैमाने पर पौधे लगाए और बचाए जा रहे हैं। प्रकृति, पर्यावरण और वर्तमान पीढ़ी को बचाने के लिए आवश्यक भी है क्योंकि यदि प्रकृति सुरक्षित नहीं रहेगी तो मानवता पर भी संकट आएगा।

आज हम सभी क्लाइमेट चेंज के कारण और असमय बारिश, अतिवृष्टि तो कभी सुख जैसी स्थितियों को देख रहे हैं। दूसरी तरफ प्लास्टिक कचरे के कारण गोवंश और खेती को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए एक तरफ हम अधिक अधिक पौधरोपण पर जोर दे रहे हैं तो दूसरी तरफ देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 12 करोड़ महिलाओं को मुफ्त में रसोई गैस का कनेक्शन दिया गया।

उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ 86 लाख महिलाओं को इससे धुएं से मुक्ति मिली है तो साथ ही पर्यावरण की भी रक्षा हो रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की सरकार इन कनेक्शन धारकों को होली और दिवाली में मुफ्त रसोई गैस भी दे रही है।

हमारे जंगल ऑक्सीजन के केंद्र हैं। इनके माध्यम से क्लाइमेट चेंज की चुनौतियां से भी बचा जा सकता है। सरकार पर्यावरण संरक्षण के क्रम में जहां 100 वर्ष पुराने वृक्षों को हेरिटेज वृक्ष घोषित कर एक विस्तृत श्रृंखला खड़ी कर रही है तो वहीं वेटलैंड, पक्षी विहार, टाइगर रिजर्व भी बना रही है।

तेजी से हो रहा यूपी और गोरखपुर का विकास

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा आज कि यूपी तेजी से आगे बढ़ रहा है। यूपी ने हरेक क्षेत्र में प्रगति की है। यहां हाइवे बन रहे हैं, रेलवे का विस्तार हो रहा है, मेट्रो ट्रेन पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए बेहतरीन माध्यम बन रही है, एयर कनेटिविटी भी मजबूत हो रही है।

साथ ही नौकरी और रोजगार के नए द्वार भी खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए भारत में नए यूपी का निर्माण हो रहा है तो इसमें गोरखपुर भी कहां बिछड़ने वाला है।

गोरखपुर में खाद कारखाना, एम्स खुल चुका है तो बीआरडी मेडिकल कॉलेज की सेवाएं और सुविधाएं बेहतरीन हुई हैं। गोरखपुर में फोर और सिक्स लेन सड़कों का संजाल बिक रहा है। यहां चिड़ियाघर और रामगढ़ताल को देखने दूर से सैलानी आ रहे हैं। यहां के सड़कों की लाइटिंग सबको अपनी ओर आकर्षित कर रही है।

लखनऊ में बनने जा रही विश्व की छठवीं नाइट सफारी : डॉ. सक्सेना

इस अवसर पर वन, पर्यावरण एवं जंतु उद्यान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों जटायु संरक्षण केंद्र की सौगात मिली है। उन्होंने कहा कि जटायु की महिमा और महत्व का वर्णन रामायण में मिलता है।

रामायण काल में माता सीता की रक्षा करने में बलिदान हुए जिस जटायु का अंतिम संस्कार प्रभु श्रीराम ने किया था आज उनकी वर्तमान और भावी पीढ़ी के संरक्षण का बीड़ा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उठाया है। डॉ. सक्सेना ने मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा किए गए रिकॉर्ड पौधरोपण और पर्यावरण संरक्षण को लेकर किए गए कार्यों पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि विश्व में अभी सिर्फ पांच नाइट सफारी हैं, छठवीं नाइट सफारी मुख्यमंत्री के विजन से लखनऊ में बनने जा रही है।

इस अवसर पर वन, पर्यावरण एवं जंतु उद्यान राज्य मंत्री केपी मलिक, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, डॉ. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, एमएलसी एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, फरेंदा के पूर्व विधायक बजरंगी सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

जटायु संरक्षण केंद्र का निरीक्षण किया सीएम ने

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र का सहन भ्रमण कर निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली।

सीएम ने संरक्षण केंद्र के हर हिस्से का भ्रमण करने के साथ ही बाड़े में संरक्षित जटायु का भी अवलोकन किया। इस दौरान प्रभागीय वनाधिकारी एवं चिड़ियाघर के निदेशक विकास यादव उन्हें केंद्र से संबंधित जानकारी देते रहे।

संरक्षण केंद्र के जरिए बढ़ेगी राजगिद्धों की संख्या

इस जटायु संरक्षण केंद्र का शिलान्यास भी मुख्यमंत्री ने 7 अक्टूबर 2020 को किया था। राजगिद्ध जटायु की गाथा तो रामायण काल से ही सभी जानते हैं लेकिन पर्यावरणीय खतरे के चलते जटायु के वंशजों के अस्तित्व पर ही संकट आ गया।

राजगिद्ध के संरक्षण व संवर्धन के लिए गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज (भारीवैसी) में जटायु संरक्षण व संवर्धन केंद्र बनाया गया है। इस केंद्र के जरिये राजगिद्धों की संख्या बढ़ेगी ही, विलुप्त होती प्रजातियों में शामिल इन जीवों को देखने के लिए सैलानियों की आमद बढ़ने से ईको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र की स्थापना पर कुल 2 करोड़ 80 लाख 54 हजार रुपये की लागत आई है।

इसमें ब्रीडिंग एवरी, होल्डिंग एवरी, हॉस्पिटल एवरी, नर्सरी एवरी, वेटनरी सेक्शन, प्रशासनिक भवन, रिकवरी एवरी, गार्डरूम, जेनरेटर रूम, पाथवे का निर्माण किया गया है। इस केंद्र में कुल 8 स्टाफ कार्यरत हैं। जटायु संरक्षण केंद्र में कुल 6 राजगिद्धों (नर एवं मादा) को लाया जा चुका है।

यहां राजगिद्धों गिद्धों की निगरानी की सीसी कैमरों से की जाएगी। पांच हेक्टेयर जमीन पर बनाए गए इस केंद्र के लिए बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी और प्रदेश सरकार के बीच में समझौता हुआ है। गोरखपुर वन प्रभाग द्वारा बनाई गई कार्ययोजना के अनुसार इस जटायु संरक्षण केंद्र से आगामी आठ-दस साल में 40 जोड़े राजगिद्ध छोड़े जाने का लक्ष्य है।

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