मनोरंजन

‘IC814 कंधार हाईजैक’: साहस और संघर्ष की सच्ची कहानी जो दिल को छू जाएगी”

Sandeep Yadav

Netflix पर रिलीज़ हुई “webseries IC814 कंधार हाईजैक “ 1999 में हुए कंधार हाईजैक पर आधारित है। एयर इंडिया का एक विमान काठमांडू से उड़ा था जिसे दिल्ली पहुँचना था लेकिन विमान में सवार आतंकवादियों द्वारा उसे अपहरण कर लिया गया था, बाद में आतंकवादी इस विमान को कांधार लेके गये थे, 7 दिन बाद विमान के यात्रियों को छुड़ाया जा सका था।

इस पूरे घटना क्रम को 6 एपिसोड की सीरीज में क्रिएट किया है Anubhav Sinha और उनकी टीम ने।
ये सीरीज देखते हुए आप ऐसा महसूस करेंगे कि या तो आप ख़ुद उस विमान में सवार हैं या आपका अपना कोई उस विमान में सवार है, कभी दिल बेचैन हो जाएगा तो कभी मन ग़ुस्से से भर जायेगा।

निश्चित रूप से प्लेन के मुख्य पायलट की सूझ बूझ समझदारी आपको सही लगेगी। सीरीज में धीरे धीरे एक डर घबराहट पैदा होना शुरू होती है और आप इस सीरीज में बंधते चले जाते हैं।

अनुभव सिन्हा ने इस फ़िल्म में कहीं किसी तरफ़ से अतिशयोक्ति नहीं डाली है, मुद्दे को मुद्दे की तरह प्रस्तुत किया है, वास्तविक घटनाओं में प्रत्येक व्यक्ति की इनवॉलमेंट किस मनोवैज्ञानिक तरह से होती है ये बेहतर पेश किया है।

लेखन की बात करें तो फ़िल्म के संवाद सामान्य बोलचाल की भाषा वाले रखे गये हैं, कुछ देशज शब्दों का प्रयोग करके चरित्रों के हावभाव, व्यक्तित्व का अच्छा गठन किया गया है, सबसे बड़ी बात फ़िल्म की research बहुत बढ़िया की गई है।

फ़िल्म में कई जगह वास्तविक फ़ुटेज का भी इस्तेमाल किया गया है ताकि असल घटनाक्रम की यादें भी ताज़ा रहें।
फ़िल्म की सिनेमेटोग्राफ़ी व लाइटिंग की तारीफ़ किए बिना ये लेख अधूरा रहेगा।

आसमान में बादलों के बीच से उड़ता हुआ प्लेन, रनवे पर खड़ा जहाज़, लैंडिंग, टेकऑफ़ तथा प्लेन के अंदर के सभी दृश्यों में लाइटिंग व कैमरा वर्क वास्तविकता के और क़रीब ले जाता है,आप महसूस करते हैं कि सब घटनाएँ आप वास्तविकता में देख रहे हैं। ये फ़िलिम्ग नहीं है बल्कि यथार्थ दृश्य बंध है।

भारतीय सिनेमा में ख़ासकर OTT आने के बाद मेरी नज़र में ये सीरीज पहली सीरीज़ है जिसमें इतनी बढ़िया लाइटिंग, colortone, शेड्स, लाइट की तीव्रता का प्रयोग किया गया है। अच्छी सिनेमेटोग्राफ़ी की वजह से फ़िल्म बहुत वास्तविक लगती है।

अनुभव सिन्हा ने इधर के कई वर्षों में सब्जेक्ट बेस्ड सिनेमा को अपनी मुख्य धारा बनाया है, और वो इसमें लगातार नये नये आयाम जोड़ते जा रहे हैं इसी क्रम में ये सीरीज उन्हें कई पायदान ऊपर लेकर जाती है।

पंकज कपूर साहब,नसीर साहब,कुमुद मिश्रा,मनोज पहवा, आदित्य श्रीवास्तव अरविंद स्वामी यशपाल शर्मा ने तो कमाल काम किया ही है लेकिन विजय वर्मा ने कम संवादों में तथा ज़्यादा खामोशी में जो जान डाली है वो भी इस सीरीज़ को बहुत कमाल बनाती है तथा प्लेन के आतंकवादियों में डॉ का रोल निभाने वाले अभिनेता हैरी परमार कई कई दृश्यों में चुपचाप अपनी आँखों से ही खेलते नज़र आते हैं, इस एक्टर की आँखों के अभिनय ने संवादों की ज़रूरत को कम कर दिया है, ये सीख भी है उन ऐक्टर्स के लिए जो संवादों के पीछे भागते हैं।

इस सीरीज की एक और ख़ासियत है इसकी बेहतरीन कास्टिंग, जो की मुकेश छाबड़ा व उनकी टीम ने की है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर के सिनेमा की परिपाटी को पूरा करती हुई अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित ये 6 एपिसोड की सीरीज आप दर्शकों को ज़रूर देखनी चाहिए।

संदीप यादव

संदीप यादव
(लेखक अभिनेता व पूर्व पत्रकार हैं) , संदीप को सोशल मीडिया पर फालो करने के लिए इन लिंक  पर क्लिक करें
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