खुजली, चकत्ते या चक्कर, सेहत के लिए बेहतर

Lucknow:
शरीर में खुजली (Itching), चकत्ते (Rashes) या चक्कर (Dizziness) आना कोई गंभीर समस्या नहीं, बल्कि सेहत के लिए बेहतर संकेत हो सकता है। यह कहना है राज्य फाइलेरिया अधिकारी डॉ ए.के. चौधरी का। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया की दवा खाने के बाद कुछ लोगों को ऐसी दिक्कत होती है जिसे यह माना जाता है की दवा असर कर रही है।
10 अगस्त से शुरू हो रहे सर्वजन दवा सेवन (MDA) अभियान जानकारी देते हुए डॉ चौधरी ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवा सबको खिलाना है। अगर किसी व्यक्ति को खुजली, चकत्ते या चक्कर जैसे दुष्प्रभाव आते हैं तो ये उसके लिए शुभ संकेत है। इसका मतलब है कि उस व्यक्ति के अंदर फाइलेरिया या पेट के अन्य परजीवी हैं। उन्होंने बताया कि जो भी हर साल एक बार पांच साल तक दवा खा लेगा तो वह स्वयं फाइलेरिया से सुरक्षित हो जाएगा और अगर उस क्षेत्र के 80 प्रतिशत से अधिक लोग दवा खा लेंगे तो वह समुदाय फाइलेरिया से सुरक्षित हो जाएगा।
उन्होंने शुक्रवार को फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत पंचायती राज विभाग के अधिकारियों, प्रधानों, कोटेदारों व स्वयंसेवी सदस्यों को बीमारी के बारे में प्रशिक्षित किया और लक्षित जनसंख्या को दवा सेवन कराने में सहयोग करने की अपील की। डॉ चौधरी ने पिछले एमडीए अभियान में पंचायती राज विभाग से मिले सहयोग की तारीफ करते हुए कहा कि इस बार भी सभी प्रधान ग्रामीणों के सामने स्वयं दवा खाकर अभियान की शुरुआत करें।
अभियान की तिथि के बारे में ग्रामीणों को डुगडुगी बजवाकर व अन्य माध्यमों से सूचित करें। गांव में साफ-सफाई रहे। उन्होंने सहायक विकास अधिकारियों से एमडीए अभियान शुरू होने से पहले प्रधान व अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करने की अपील की ताकि सभी अभियान से संकल्पित रूप से जुड़ सकें। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ), प्रधानों, कोटेदारों, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं व स्वयंसेवकों को फाइलेरिया के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
48 फीसदी लोग दुष्प्रभावों के डर से नहीं खाते दवा
पीसीआई के आईईसी विशेषज्ञ मिथिलेश कुमार सिंह ने बताया कि बीते साल किए गए एक सर्वे के मुताबिक 48 फीसदी लोग दुष्प्रभावों के डर से दवा नहीं खाते हैं। जबकि खुजली, चकत्ते या चक्कर जैसे दिखने वाले दुष्प्रभाव तो शुभ संकेत हैं। ऐसे मौके पर आप स्वयंसेवकों की भूमिका की अहम भूमिका है।
दवा सामने ही खिलानी है। किसी को बाद में खाने के लिए नहीं देनी है। गर्भवती महिला, दो साल से कम उम्र के बच्चों व गंभीर रोगों से पीड़ित लोगों के अलावा सभी को दवा खानी है।