केजीएमयू में जूनियर रेजिडेंट ने नर्सिंग स्टाफ को पीटा

Lucknow: केजीएमयू (KGMU) ट्रामा सेंटर के अर्थोपेडिक सर्जरी विभाग में नर्सिंग स्टाफ और रेजिडेंट (Resident) डाक्टर आपस में भिड़ गए। आरोप है कि रेजिडेंट डाक्टरों ने नर्सिंग आफिसर शुभम राव के साथ मारपीट की। पुलिस में की गई शिकायत में शुभम में आरोप लगाया कि डाक्टरों ने उनके साथ गाली-गलोच करते हुए मारपीट की, मोबाइल फेंक दिया, सोने की चेन तोड़ दी और जान से मारने की धमकी भी दी है। फिलहाल पुलिस केजीएमयू प्रशासन की ओर से कार्रवाई के लिए आने वाले पत्र का इंतजार कर रही है।
पीडि़त शुभम राव ने चौक पुलिस को लिखित शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि कुछ जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर पहले से ही गाली गलौज करते थे। शनिवार रात करीब 11 बजे जूनियर रेजिडेंट आश्विन, जूनियर रेजिडेंट आयुष, जूनियर रेजिडेंट निखिल, जूनियर रेजिडेंट अंकित वर्मा, सीनियर रेजिडेंट अंकित वर्मा, जूनियर रेजिडेंट प्रेम मिलकर गाली-गलोच करते हुए मारपीट की। मेरा मोबाइल फेंक दिया, चेन भी तोडऩे के साथ ही जान से मार देने की धमकी भी दी।
शुभम ने इसकी जानकारी नर्सिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों को दी तो वहां कई नर्सिंग कर्मी जमा हो गए और रेजिडेंट डॉक्टरों के विरोध में आवाज उठाते हुए कार्रवाई की मांग करने लगे। इसकी सूचना कुलपति प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद और प्रवक्ता डॉक्टर केके सिंह को मिली तो डॉ. सिंह आनन फानन में ट्रामा पहुंचे औ मामले को संभालने की कोशिश करने लगे। डॉ. सिंह द्वारा एसोसिएशन के सदस्यों को समझा बुझाकर जैसे तैसे शांत किया गया। नर्सिंग स्टाफ ने प्रदर्शन को स्थगित कर कतरे हुए आरोपी डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। आरोप यह भी लगे कि मारपीट करने वाले रेजिडेंट डाक्टर नशे में थे। बताया जा रेजिडेंट ने शराब के नशे में आकर ड्यूटी के दौरान मारपीट की है। शुभम का आरोप है कि उसके शरीर पर कई जगहों पर चोटें भी आई हैं।
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घटना की जांच के लिए कमेटी बनी
डॉ. केके सिंह के अनुसार घटना की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि प्रथम जांच में यही पाया गया है कि जूनियर डाक्टरों ने स्टाफ के साथ मारपीट की है। उन्होंने बताया कि जूनियर डाक्टरों की शिकायतें अक्सर आती रहती हैं। ऐसी घटनाओं पर रोक लगे इसके लिए रेजिडेंट पर सख्ती की जाएगी। उन्हें यह बताया जाएगा कि मरीज व स्टाफ के साथ गलत तरह से व्यवहार किया जाना उचित नहीं है। इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
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केजीएमयू में होने वाली कुछ मारपीट की घटनाएं
1. बेहोश मरीज को मारना- 2015 में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक डॉक्टर (जूनियर रेजिडेंट) को देखा गया कि वो मेडिसिन विभाग के प्राइवेट वार्ड में बेहोश मरीज को थप्पड़ मार रहा है। डॉक्टर को निलंबित कर दिया गया।
2. तीमारदारों के साथ मारपीट – एक मरीज के डिस्चार्ज की मांग करने पर जूनियर डॉक्टरों ने तीमारदारों पर हाथ उठाया।
3. ओपीडी ब्लॉक में तीमारदार की पिटाई- कैंसर के महिला मरीज के साथ हुई घटना जिसमें मरीज के तीमारदार को ओपीडी में धक्का-मुक्की और थप्पड़ मारने की बात सामने आई।
4. ट्रामा सेन्टर में डॉक्टर-अटेंडेंट विवाद- दस्तावेज खो जाने पर एक डॉक्टर ने तीमारदार के साथ अभद्रता की। वीडियो वायरल होने के बाद जांच कर कार्रवाई की गई।
5. महिला रेजिडेंट डॉक्टर से झड़प- एक आउटसोर्स कर्मचारी द्वारा गांधी वार्ड में महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हाथापाई का आरोप लगा।
6. वार्ड बॉय ने नर्स को पीटा- लारी कार्डियोलॉजी वार्ड में एक नर्स ने शिकायत की कि वार्ड ब्वाय ने उन पर हमला किया, उनका हाथ मोड़ा गया। बाद में वार्ड ब्वाय की सेवा समाप्त की गई।