केजीएमयू में लव जिहाद! आरोपी डॉक्टर निलंबित, विशाखा कमेटी जांच में जुटी

मामला गंभीर, जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई: ब्रजेश पाठक
Lucknow: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में लव जिहाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। सोमवार को बजरंग दल व विश्व हिन्दू परिषद (VHP)के प्रदर्शन के बाद केजीएमयू प्रशासन ने आरोपी डॉक्टर को निलंबित कर दिया है और विशाखा कमेटी मामले की जांच में जुट गयी है। वहीं उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) ने कहा है कि प्रकरण गंभीर है और सरकार ने इसकी जांच के निर्देश दिए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या है पूरा मामला
आरोप है कि केजीएमयू के पैथोलॉजी विभाग में सेकंड ईयर के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर रमीज़ उद्दीन नायक उर्फ रमीज़ मलिक ने अपना धर्म और पहले से शादीशुदा होने की सच्चाई छिपाकर एक हिंदू महिला रेजिडेंट डॉक्टर को प्रेम जाल में फंसाया और जब महिला ने शादी की बात कही तो उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया। पीडि़ता केजीएमयू से एमडी पैथोलॉजी की पढ़ाई कर रही है, जबकि आरोपी डॉक्टर उसका सीनियर है। परिजनों का आरोप है कि आरोपी ने पीडि़ता पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया, जिससे वह मानसिक रूप से टूट गई। इसी कारण बीते 17 दिसंबर को पीडि़ता ने अपने कमरे में दवा की ओवरडोज लेकर आत्महत्या का प्रयास किया। हालत बिगडऩे पर उसे केजीएमयू के आईसीयू में भर्ती कराया गया। जब परिजन अस्पताल पहुंचे, तब पूरे मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद परिजनों ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल और राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई।
निष्पक्ष जांच के लिए निलंबन
आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जांच के दौरान आरोपी का ड्यूटी पर बने रहना निष्पक्ष और तटस्थ जांच को प्रभावित कर सकता है। इसलिए कुलपति की स्वीकृति से जांच पूरी होने तक आरोपी डॉक्टर को निलंबित किया गया है। वहीं केजीएमयू प्रशासन ने साफ किया है कि मामले की आंतरिक जांच जारी है और विशाखा कमेटी सभी पहलुओं की गहराई से पड़ताल करेगी। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
केजीएमयू के मीडिया प्रभारी प्रो. केके सिंह ने बताया कि आरोपी डॉक्टर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। संस्थान की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि पैथोलॉजी विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉ. रमीज़ उद्दीन नायक के खिलाफ कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ की शिकायत प्राप्त हुई है। नोटिस के अनुसार, कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडऩ (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत गठित केजीएमयू की आंतरिक समिति ने शिकायत का संज्ञान लिया है।




