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Nepal Zen Z protest: नेपाल में अराजकता का दौर: जेन-जेड प्रदर्शनों से PM ओली ने दिया इस्तीफा, 19 लोगों की मौत, काठमांडू में कर्फ्यू और आगजनी

Nepal Zen Z protest

LUCKNOW/Kathmandu: नेपाल की राजधानी काठमांडू सहित देशभर में फैले हिंसक प्रदर्शनों ने नेपाल (Nepal) की राजनीति को हिला दिया है। सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जेन-जेड (Gen Z) युवाओं के आंदोलन ने विकराल रूप धारण कर लिया है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (Sharma) ने इस्तीफा दे दिया है, जबकि तीन मंत्रियों ने भी अपनी कुर्सी छोड़ दी। प्रदर्शनों में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 400 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं।

काठमांडू में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है, सेना तैनात कर दी गई है और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बंद होने से भारतीय उड़ानें प्रभावित हुई हैं। नेपाल की वर्तमान स्थिति 2025 में राजनीतिक संकट की चरम सीमा पर पहुंच गई है, जहां युवाओं का गुस्सा सड़कों से संसद तक फैल गया है।

नेपाल प्रदर्शन 2025: सोशल मीडिया बैन से भड़का आंदोलन

नेपाल में सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध ने जेन-जेड (जनरेशन जेड) / (Gen Z) युवाओं को सड़कों पर उतार दिया। यह आंदोलन शुरू में सोशल मीडिया की स्वतंत्रता की मांग पर केंद्रित था, लेकिन जल्द ही यह भ्रष्टाचार, सरकारी अकुशलता और आर्थिक संकट के मुद्दों पर बदल गया। काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, बैरिकेड्स तोड़े और नेताओं के घरों में आग लगा दी। प्रधानमंत्री ओली और राष्ट्रपति के आवासों पर हमले की खबरें आ रही हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदर्शनों में 19 लोगों की मौत हुई है, जिसमें अधिकांश युवा शामिल हैं। काठमांडू में झड़पों के दौरान 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए। नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया बैन हटा लिया है, लेकिन देर हो चुकी थी। संयुक्त राष्ट्र ने नेपाल में तत्काल जांच की मांग की है और सहायता की पेशकश की है।

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Zen Z ने नेपाल की संसद में आग लगा दी है

प्रदर्शनकारियों ने नेपाली कांग्रेस कार्यालय और वरिष्ठ नेताओं के घरों को निशाना बनाया। बानेश्वर चौक पर भारी आगजनी हुई, जहां मुख्य सड़कें रणक्षेत्र में तब्दील हो गईं। नेपाल के सात प्रमुख शहरों में विरोध फैल गया है, और सेना की तैनाती के बावजूद स्थिति नियंत्रण से बाहर है।

ओली इस्तीफा: राजनीतिक संकट गहराया, तीन मंत्रियों ने भी छोड़ी कुर्सी

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया, जो नेपाल की राजनीति में बड़ा झटका है। उनके सहयोगी ने रॉयटर्स को बताया कि भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू का उल्लंघन किया और हिंसा को बढ़ावा दिया। इससे पहले, वित्त मंत्री, गृह मंत्री और एक अन्य मंत्री ने इस्तीफा दे दिया था। आरएसपी पार्टी के 21 सांसदों ने भी अपनी सीटें छोड़ दी हैं।

द हिंदू अखबार के अनुसार, ओली का इस्तीफा जेन-जेड प्रदर्शनों के दूसरे दिन आया, जब काठमांडू और अन्य हिस्सों में हिंसा चरम पर थी। नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता लंबे समय से चली आ रही है, लेकिन यह आंदोलन युवाओं की नई पीढ़ी द्वारा संचालित है, जो डिजिटल स्वतंत्रता और पारदर्शिता की मांग कर रही है। ओली सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे रहे हैं, और यह प्रदर्शन उसी का नतीजा है।

भारत-नेपाल बॉर्डर पर सतर्कता, भारतीयों के लिए अलर्ट जारी

नेपाल की वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारत ने सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने नेपाल में रहने वाले भारतीयों के लिए सलाह जारी की है कि वे सतर्क रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें। अमर उजाला की रिपोर्ट में बताया गया है कि काठमांडू एयरपोर्ट के बंद होने से दो इंडिगो उड़ानें लखनऊ डायवर्ट कर दी गईं। बॉर्डर पर नेपाली सेना की तैनाती बढ़ गई है, और भारत ने भी सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया है।

अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह हिंसा दुखद है और शांति की अपील की। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड रिपोर्ट में बताया कि प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने रोक लिया। नेपाल में कोलेरा का प्रकोप भी चल रहा है, जहां बिरगंज में तीन मौतें हो चुकी हैं और 300 से ज्यादा लोग प्रभावित हैं।

नेपाल की आर्थिक और सामाजिक चुनौतियां: बाढ़ से तबाही, चीन की मदद

प्रदर्शनों के अलावा, नेपाल की वर्तमान स्थिति में प्राकृतिक आपदाओं का भी असर दिख रहा है। रासुवा जिले में बाढ़ से क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को चीन ने फिर से बनाने का वादा किया है। भारत ने नेपाल को चावल संवर्धन परियोजना में मदद की है, जो तीन चरणों में चलेगी। नेपाल ने भारत की अगुवाई वाली इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस में शामिल हो गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण एशिया में टीकाकरण कवरेज में भारत और नेपाल अग्रणी हैं। हालांकि, आर्थिक संकट और बेरोजगारी ने युवाओं के गुस्से को भड़काया है। नेपाल सरकार पर लिपुलेख व्यापार मार्ग को लेकर भारत-चीन समझौते का विरोध करने का दबाव है, जिसे ओली ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी उठाया था। भारत ने नेपाल के दावों को आधारहीन बताया है।

नेपाल हिंसा 2025: अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ी

संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने नेपाल में त्वरित जांच की मांग की है। यह प्रदर्शन नेपाल की युवा पीढ़ी की असंतोष का प्रतीक है। नेपाल में पासपोर्ट-वीजा नियमों में छूट के बावजूद, भारतीय पर्यटक सतर्क हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नई सरकार गठन में देरी हो सकती है।

नेपाल की वर्तमान स्थिति 2025 राजनीतिक उथल-पुथल से गुजर रही है, लेकिन युवाओं की आवाज ने लोकतंत्र को मजबूत करने का संकेत दिया है। स्थिति पर नजर बनी हुई है, और भारत जैसे पड़ोसी देश सतर्क हैं।

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