World No Tobacco Day: 38 साल बाद भी जारी है जानलेवा प्रचार
हर साल करीब 13 लाख से अधिक मौतें तंबाकू से जुड़ी बीमारियों के कारण

Lucknow: 31 मई को हर साल ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ (World No Tobacco Day) मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत वर्ष 1987 में हुई थी। इसका मकसद था तंबाकू के उपयोग के खतरों के बारे में जागरूक करना और तंबाकू मुक्त जीवन को बढ़ावा देना। विडंबना यह है कि लगभग चार दशक बीत जाने के बाद भी तंबाकू का उपभोग घटने की बजाय बढ़ता जा रहा है। जिसका नतीजा है कि हर साल तंबाकू से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है।
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (GATS-2) के अनुसार, देश में लगभग 26 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। हर साल लगभग 13 लाख से अधिक मौतें तंबाकू से जुड़ी बीमारियों के कारण होती हैं।
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के मौके पर डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान (RMLIMS) की ओर से नगरीय स्वास्थ एवं प्रशिक्षण केन्द्र उजरियांव में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जहां डॉक्टरों ने भी तंबाकू की बढ़ती लत पर चिंता जताई।
अनमास्किंग द अपील तम्बाकू और निकोटीन उत्पादों पर उद्योग की रणनीति को उजागर करना” के विषय जानकारी देते हुए संस्थान के निदेशक प्रो. सी.एम.सिंह (Dr. C.M. Singh) ने कहा कि इस वर्ष, अभियान उन रणनीतियों को उजागर करेगा, जो तम्बाकू और निकोटीन उद्योग अपने हानिकारक उत्पादों को आकर्षक बनाने के लिए उपयोग करते हैं। जिससे लोगों को इन उत्पादों के जोखिमों के बारे में पता चल सके। प्रो प्रद्युम्न सिंह ने बताया कि देश में हर साल तम्बाकू के उपयोग से 13 लाख से अधिक लोगों की मौत होती है। दुनिया में तम्बाकू के सेवन के कारण होने वाली मौतों में भारत सबसे आगे है।
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डॉ. अनामिका सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग ने बताया कि देश में, लगभग 28-6 प्रतिशत वयस्क किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं, जिसमें 42-4 प्रतिशत पुरुष और 14-2 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं । डॉ. हेमन्त कुमार ने बताया कि धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का प्रमुख कारण है। उन्होंने बताया कि फेफड़े के कैंसर से होने वाली 10 में से 9 मौतों के लिए धूम्रपान जिम्मेदार है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू के धुएं में 7,000 से अधिक रसायन होते हैं, जिनमें से कई जहरीले और कैंसर जनक होते हैं। प्रो ए.के.सिंह ने कहा कि तम्बाकू का सेवन रोकने के लिए, कई उपाय किए जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैं-तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना, तम्बाकू के सेवन के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, तम्बाकू के सेवन को छोड़ने में लोगों की मदद करना।
कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष, प्रो. एस. डी. काण्डपाल ने COTPA – सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम, 2003 के बारे में बताया। आयोजन सचिव डॉ मनीष कुमार सिंह ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति तम्बाकू छोड़ना चाहता है तो लोहिया संस्थान में तम्बाकू निषेध केंद्र कक्ष संख्या नंबर 2 ग्राउंड फ्लोर ऑन्कोलॉजी भवन में सम्पर्क कर सकता है। हर शनिवार सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक वहां का लाभ उठा सकता है।