पदनाम परिवर्तन पर नर्सेज संघ ने जताया आभार, अन्य लंबित मांगों के शीघ्र निस्तारण की उठाई मांग

LUCKNOW: राजकीय नर्सेज संघ उत्तर प्रदेश ने प्रदेश सरकार द्वारा स्टाफ नर्स का पदनाम बदलकर “नर्सिंग ऑफिसर” (Nursing Officer) तथा सिस्टर इंचार्ज का “सीनियर नर्सिंग ऑफिसर” (Senior Nursing Officer) किए जाने के निर्णय का स्वागत किया है। संघ ने स्वास्थ्य मंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इसे एक सकारात्मक कदम बताया है।
संघ के महामंत्री अशोक कुमार ने बताया कि यह बदलाव पहले ही किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) और सैफई आयुर्विज्ञान संस्थान इटावा में लागू किया जा चुका था। उन्होंने सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्य सचिव समिति द्वारा सितंबर 2024 में निर्णय ले लिए जाने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग में इसे लागू करने में अनावश्यक देरी हुई, जबकि चिकित्सा शिक्षा विभाग में जनवरी 2025 में ही इसे अमल में लाया गया था।
संघ के पदाधिकारियों ने अप्रैल 2025 में स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर पदनाम परिवर्तन सहित तीन प्रमुख मांगें रखी थीं। स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें शासन स्तर पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया था, किंतु अब तक केवल एक मांग पर ही आदेश जारी किया गया है। अन्य दो प्रमुख मांगें — गृह जनपद तैनाती और केन्द्र के समान भत्तों की सुविधा — अभी भी लंबित हैं।
राजकीय नर्सेज संघ के उपाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा नर्सेज के साथ दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है। जहां एक ओर अन्य चिकित्सा संस्थानों की नर्सेज को केंद्र के समान भत्ते दिए जा रहे हैं, वहीं चिकित्सा स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग की नर्सेज इससे वंचित हैं। इसके अलावा, चिकित्सक संवर्ग को गृह जनपद तैनाती का लाभ मिल रहा है, लेकिन नर्सेज को यह सुविधा नहीं दी गई है।
संघ ने स्वास्थ्य मंत्री से पुनः अनुरोध किया है कि वे सभी औचित्यपूर्ण और लंबित मांगों पर शीघ्र निर्णय लेकर नर्सिंग समुदाय के हित में आवश्यक आदेश जारी करें। नर्सेज संघ ने चेतावनी दी है कि यदि इन मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलनात्मक रणनीति पर भी विचार किया जा सकता है।
Param Hans