स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की शिकायतें नहीं सुन रहे अधिकारी
Lucknow: यूपी में लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटरों में विभाग अनियमितता बरत रहा है। उपभोक्ताओं के घरों में लगे पुराने मीटरों को चेक मीटर के रूप में प्रयोग करते हुए नया स्मार्ट मीटर लगाकर रीडिंग का मिलना किया जाना था। मिलान की रिपोर्ट को हर महीने केंद्र सरकार को भेजना भी था। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का आरोप है कि कारपोरेशन प्रबंधन की शह पर प्रदेश की बिजली कंपनियां रिपोर्ट भेजने से कतरा रही हैं।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस सम्बंध में विद्युत नियामक आयोग में बुधवार को एक लोक महत्व की याचिका दाखिल करते हुए आयोग से हस्तक्षेप की मांग की है। वर्मा का कहना है कि स्मार्ट मीटर के सही चलने को लेकर बिजली कंपनियां केवल दावे कर रही हैं, जबकि अब तक एक भी रीडिंग की मिलान रिपोर्ट न तो केंद्र सरकार को भेजी गई है और न ही सार्वजनिक की गई है। इससे स्मार्ट मीटर की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा होता है।
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केंद्र सरकार के आदेश की अनदेखी
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने आरडीएसएस (रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) के तहत स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। योजना में यह व्यवस्था की गई थी स्मार्ट मीटर लगाने में पांच प्रतिशत पुराने मीटरों को चेक मीटर के तौर पर प्रयोग किया जाए। ऐसा करने की वजह यह थी कि उपभोक्ताओं के बीच मीटर के प्रति विश्वास कायम हो सके। पुराने मीटर की रीडिंग का मिलान स्मार्ट प्रीपेड मीटरों से किया जाए ताकि उपभोक्ताओं की यह आशंका दूर हो सके कि नए स्मार्ट मीटर सही चल रहे हैं। मौजूदा समय में विभाग ऐसा नहीं कर रहा है। इसी कारण उपभोक्ता मीटर को लेकर आशंकित हैं। उन्हें यह डर सता रहा है कि अगर नया मीटर तेज चलता रहा तो वह बिजली का बिल कैस अदा करेंगे। अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं करेंगे तो उनके सामने क्या विकल्प होगा। वर्मा ने बताया कि डाटा पर गौर करें तो 15 सितंबर तक प्रदेश में 39,33,924 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं। इसके मुकाबले केवल 2,24,226 पुराने मीटरों को ही चेक मीटर के रूप में लगाए रखा गया है।
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बिजली कम्पनियों की स्थिति
पूर्वांचल डिस्कॉम – 13,32,868 स्मार्ट मीटर, 84,867 चेक मीटर
मध्यांचल डिस्कॉम – 9,01,361 स्मार्ट मीटर, 57,578 चेक मीटर
दक्षिणांचल व केस्को – 9,23,520 स्मार्ट मीटर, 50,624 चेक मीटर
पश्चिमांचल डिस्कॉम – 7,76,175 स्मार्ट मीटर, 31,157 चेक मीटर
कौन दूर करेगा उपभोक्ताओं की परेशानी
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि भारत सरकार के निर्देशों के बावजूद प्रदेश की बिजली कंपनियां रीडिंग मिलान की रिपोर्ट केन्द्र को भेज नहीं रही हैं। यही वजह है कि उपभोक्ताओं में स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को लेकर अविश्वास और भ्रम की स्थिति बनी हुई है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से रोजना स्मार्ट मीटर को लेकर तरह तरह की शिकायतें भी सामने आ रही हैं, लेकिन बिजली कंपनियां इसे गंभीरता से नहीं ले रही हैं। लोगों को शिकायत है कि स्मार्ट मीटर लगाने के बाद भी उनका बिल गलत रीडिंग का बन रहा है। मीटर लगने के बाद बिज जेनरेट ही नहीं हो रहा। जहां मीटर तेज चलने की शिकायत है वहां विभाग चेक मीटर लगा ही नहीं रहा। वर्मा का कहना है कि बिजली कंपनियां लगातार नियमों की अनदेखी कर रही हैं। उन्हें भली प्रकार पता चला है कि स्मार्ट मीटरों की क्वालिटी अच्छी नहीं है और वह तेज चलते हैं। इसी वजह से मिलान रिपोर्ट को सार्वजनिक करने में टालमटोल की जा रही है। अगर मीटरों की रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी जाएगी तो उपभोक्ताओं को हकीकत का पता चल जाएगा।