Lucknow: यूपी की राजधानी लखनऊ के कैसरबाग स्थित मछली मंडी में 150 साल पुराना पेड़ गिर जाने से बड़ा हादसा हो गया। इससे एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गयी और कई घायल हो गये। घायलों को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिनका हाल जानने उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक अस्पताल पहुंचे।
मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि हादसा इतना अचानक हुआ कि लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। पेड़ गिरते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय दुकानदार और राहगीर इसकी चपेट में आ गए। भारी भरकम पेड़ के नीचे एक घर और कई गुमटियां पूरी तरह से दब गईं। आवाज सुनते ही लोग दौड़े लेकिन तब तक कुछ लोग मलबे में फंस चुके थे। सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई। राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू किया गया। पेड़ की भारी शाखाओं को काटकर मलबे में दबे लोगों को निकालने में लगभग डेढ़ घंटे की मशक्कत लगी, तब जाकर सभी को बाहर निकाला जा सका।
हादसे की जानकारी मिलते ही प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक मौके पर पहुंचे। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि इस हादसे में रामू नामक व्यक्ति हताहत और रिजवान, शोएब, अभिषेक व मोहम्मद अरमान रसूल घायल हुए हैं। सभी घायलों का इलाज चल रहा है। उन्होंने घायलों व उनके परिजनों से मुलाकात करते हुए, हर संभव मदद हेतु आश्वस्त किया। उन्होंने बताया कि चारों घायलों की हालत खतरे से बाहर है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि घायलों को हर हाल में बेहतर इलाज मुहैया कराया जाए। केजीएमयू को भी अलर्ट कर दिया है, ताकि जरूरत पडऩे पर वहां इलाज की व्यवस्था की जा सके।
उप मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन, नगर निगम एवं वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि पूरे जिले में पुराने पेड़ों को चिन्हित करें एवं उन्हें नियमानुसार हटवायें, ताकि इस तरह से हादसों को पुनरावृत्ति न हो। उघटना के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है। लोग आक्रोशित हैं और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। उनका कहना है कि यह हादसा प्राकृतिक नहीं, बल्कि लापरवाही का नतीजा है। फिलहाल पुलिस ने इलाके को चारों तरफ से घेर लिया है ताकि कोई अव्यवस्था न हो। राहत कार्य अब भी जारी है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन और नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि यह पेड़ करीब 150 साल पुराना था और उसकी हालत काफी खराब हो चुकी थी। कई बार इसकी सूचना नगर निगम को दी गई थी, लेकिन समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई। बारिश के कारण जमीन कमजोर हुई और जड़ें ढीली पडऩे से यह हादसा हो गया। लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन ने पहले ही कार्रवाई कर दी होती, तो आज एक जान न जाती और कई लोग घायल न होते।