LUCKNOW: राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के विरोध और नियामक आयोग की सख्ती के बाद आखिरकार 32 साल बाद नोएडा पावर कंपनी (NPCL) को विद्युत आपूर्ति का डेटा सार्वजनिक करना पड़ा। यूपीएसएलडीसी की वेबसाइट पर अब ग्रामीण, शहरी और औद्योगिक उपभोक्ताओं को दी जा रही बिजली आपूर्ति के आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि 1993 से अब तक नोएडा पावर कंपनी (NPCL) ने उपभोक्ताओं को दी जाने वाली बिजली आपूर्ति की जानकारी डेटा सार्वजनिक नहीं की थी। परिषद ने इस मुद्दे को विद्युत नियामक आयोग के सामने कई बार उठाया, जिसके बाद आयोग ने यूपीएसएलडीसी को चेतावनी दी थी कि यदि दो दिन के भीतर जानकारी साझा नहीं की गई तो विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 142 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
आदेश के बाद नोएडा पावर कंपनी को डेटा वेबसाइट पर डालना पड़ा। वर्मा ने कहा कि सितंबर 2025 के आंकड़ों के मुताबिक नोएडा पावर कंपनी ने ग्रामीण उपभोक्ताओं को औसतन 19 से 20 घंटे, शहरी उपभोक्ताओं को करीब 23 घंटे 48 मिनट और उद्योगों को लगभग 23 घंटे 58 मिनट तक बिजली आपूर्ति दी है। उन्होंने कहा कि अब यह सरकार की जिम्मेदारी है कि इन आंकड़ों की सत्यता की जांच करे।
सामग्री खरीद में गड़बड़ी का आरोप
अवधेश वर्मा ने आरोप लगाया कि नोएडा पावर कंपनी में ट्रांसफार्मर, मीटर और अन्य सामग्री की खरीद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। कंपनी को चेतावनी दी गई है कि वह इसमें सुधार करे, अन्यथा उपभोक्ता परिषद इसका भी भंडाफोड़ करेगी। परिषद ने यह भी मांग की है कि यूपीएसएलडीसी को एक स्वतंत्र प्रबंध निदेशक दिया जाए, ताकि नियामक ढांचे के तहत काम हो सके। आयोग ने इस संबंध में आदेश जारी कर सरकार को निर्देशित किया है।