घर की चौखट पार करने में ग्रामीण महिलाएं भी आगे

Lucknow: ग्रामीण क्षेत्रों (Rural area) की महिलाएं भी अब घर की चौखट लांघने में परहेज नहीं कर रही हैं। घर की चारदीवारी तक सीमित न होकर वह पुरूषों के साथ कंधे के कंधा मिलाकर बाहर के कामों की जिम्मेदारी बखूबी निभा रही हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के आंकड़े बताते हैं कि मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 45 प्रतिशत तक बढ़ गयी है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत महिलाओं के कल्याण के लिए भी कई कदम उठाये गये हैं। विभाग द्वारा महिला मेटों को जोडऩे की प्रक्रिया जारी है जिसके सापेक्ष महिलाओं का विश्वास भी विभाग पर बढ़ा है और मनरेगा में महिला सहभागिता तेजी से बढ़ी है। महिलाएं अब घर की चौखट पार कर काम करने के लिए बाहर निकल रहीं हैं। प्रदेश में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक मनरेगा योजना के तहत कुल 1.60 करोड़ मानव दिवस सृजित हुए, जिनमें से 72 लाख से ज्यादा मानव दिवस सृजन में महिलाओं का योगदान है, जो लगभग 45 प्रतिशत है। महिला मेट मनरेगा में प्रबंधन और पर्यवेक्षण के लिए महिला श्रमिकों के लिए सहायक सिद्ध हो रही हैं। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 5500 से ज्यादा महिला मेटों को नियोजित किया गया है।
उत्तर प्रदेश में मनरेगा के तहत महिलाओं की भागीदारी 2020-21 में 33.57 प्रतिशत रही, वर्ष 2021-22 में 37.25 प्रतिशत रही, वर्ष 2022-23 में 37.87 प्रतिशत रही, वर्ष 2023-24 में यह ब?कर 42.26 प्रतिशत हुई, वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक यह प्रतिशत लगभग 42 फीसदी रहा। वहीं वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक 45 फीसदी से ज्यादा हो गई है।