घोटाला: आयुष्मान योजना के 9.94 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान
लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज हुई FIR

लखनऊ। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आयोग्य योजना(Ayushman Bharat Prime Minister Jan Arogya Yojana) व मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान(Chief Minister’s Public Health Mission) के नाम पर अस्पतालों को फर्जी तरीके से 9.94 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया। यह भुगतान योजना की नोडल एजेंसी साचीज(Nodal Agency Sachies) की CEO की भी आईडी का इस्तेमाल किया गया है। एजेंसी के नोडल अफसर डॉ. बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने हजरतगंज पुलिस में मुकदमा(FIR) दर्ज कराते हुए कहा कि लेखाधिकारी, मैनेजर और सीईओ की आईडी से 39 अस्पतालों को भुगतान हुआ है। इसके लिए 6239 लाभार्थियों को उक्त अस्पतालों में भर्ती दिखाया गया है।
स्टेट एजेंसी साचीज के नोडल अफसर (Nodal Officer) डॉ. बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने पुलिस को लिखी तहरीर में कहा कि साचीज का कार्यालय अशोक मार्ग स्थित नवचेतना केंद्र बिल्डिंग में है। एजेंसी आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत पंजीकृत चिकित्सालयों में भर्ती होने वाले लाभार्थियों के इलाज में खर्च धनराशि का भुगतान करती है। डॉ. बृजेश के अनुसार एक से 22 मई के बीच घोटाले की जानकारी एजेंसी को मिली। जांच में पता चला कि 6239 लाभार्थियों के फर्जी दावों के नाम पर 39 अस्पतालों को गलत भुगतान हो गया है। फर्जी तरीके से हुए भुगतान की राधि 9,94,13,386 रुपये आंकी गई है। गड़बड़ी करने वाले जालसाज ने एजेंसी के तीन अफसरों की लॉगइन आईडी का इस्तेमाल किया है। डॉ. बृजेश के अनुसार एजेंसी के लेखाधिकारी, वित्त प्रबंधक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी की आईडी का दुरुपयोग कर सरकारी धन का गबन किया गया है। इतना ही नहीं अधिकांश भुगतान का रात में किए गए हैं।
भुगतान की लम्बी प्रक्रिया होने पर भी हो गया फ्रॉड
अस्पतालों को आयुष्मान योजना का भुगतान राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकारण पोर्टल (National Health Authority Portal) के माध्यम से ऑनलाइन होता है। भुगतान के लिए अस्पताल मरीज के इलाज के खर्च से संबंधित दस्तावेजों के साथ डिमाण्ड पोर्टल के माध्यम से प्रेषित करते हैं। पहले स्तर पर स्टेट एजेंसी फिर कॉम्प्रिहेन्सिव हेल्थ एण्ड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (Sachies) द्वारा निविदा के माध्यम से इम्प्लीमेन्टेशन सपोर्ट एजेन्सी (ISA) को ऑनलाइन संस्तुति पोर्टल के माध्यम से प्रेषित करती है। साचीज द्वारा पोर्टल के माध्यम से चयनित आईएसए द्वारा मिले दावों की समीक्षा मेडिकल ऑडिटर (Medical Auditor) करते हैं। इसके बाद मेडिकल ऑडिटर द्वारा विश्लेषण के बाद साचीज में लेखाधिकारी (Accounts Officer)प्रबंधक वित्त ऑनलाइन ही डिमाण्ड को अग्रसारित (forwarded) कर देते हैं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी लॉग इन द्वारा संस्तुति किए जाने के बाद डिमाण्ड के भुगतान का अनुमोदन होता है और फिर बैंक द्वारा चिकित्सालयों को ऑनलाइन भुगतान कर दिया जाता है।
औसत से ज्यादा भुगतान पर हुआ शक
इस योजना के तहत अलग-अलग अस्पतालों को रोजाना 4-5 हजार लाभार्थियों का भुगतान होता है। डॉ. बृजेश के अनुसार प्रतिदिन औसत दावों के भुगतान में विसंगतियां एवं अधिक धनराशि के भुगतान की शंका हुई तो पूरी प्रक्रिया की जांच की गई। जब जांच की गई तो पता चला कि करीब 39 अस्पताल ऐसे थे जहां के लाभार्थियों के भुगतान की एजेंसी के किसी भी कर्मचारी द्वारा ऑनलाइन प्रोसेसिंग व संस्तुति नहीं की गई थी।