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सिरीन फिल्म्स ने ‘ड्रॉप आउट’ की शूटिंग बाराबंकी में शुरू की

Barabanki: अहमदाबाद स्थित प्रोडक्शन हाउस सिरीन फिल्म्स ने अपनी पहली फीचर फिल्म ‘ड्रॉप आउट’ (Drop Out) की शूटिंग का शुभारंभ बाराबंकी के ऐतिहासिक गवर्नमेंट इंटर कॉलेज में पारंपरिक मुहूर्त शॉट के साथ किया। इस खास मौके पर कई सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें प्रख्यात कवि एवं समाजसेवी श्री प्रदीप सारंग, जीआईसी बाराबंकी के प्राचार्य श्री राधेश्याम, व्याख्याता श्री सुशील द्विवेदी, कॉलेज कार्यालय सहायक श्री कृष्णलाल, फिटनेस मेंटर श्री असद शाजिद और हरख फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी के निदेशक श्री वीरेंद्र वर्मा प्रमुख रूप से शामिल थे। उनके आशीर्वाद और शुभकामनाओं से एक प्रेरणादायक सिनेमाई पात्रा की शुरुआत हुई।

ड्रॉप आउट एक संवेदनशील और प्रेरणादायक कहानी है, जिसे उमाशंकर यादव ने लिखा और निर्मित किया है। वे इस फिल्म में अपनी पहली प्रमुख भूमिका में भी नजर आएंगे। निर्देशन की जिम्मेदारी ओमकार पेतकर संभाल रहे हैं, जो पटकथा और संवाद लेखन का कार्य भी कर रहे हैं।

फिल्म की कहानी एक प्रतिभाशाली लेकिन आर्थिक रूप से संघर्षरत ग्रामीण युवक के इर्द-गिर्द घूमती है, जो शिक्षा व्यवस्था के असंगत दबावों से जूझते हुए पढ़ाई बीच में छोड़ने का साहसिक निर्णय लेता है। आत्ममंथन और सामाजिक आलोचनाओं से गुजरते हुए, वह अपनी असली पहचान को खोजता है। यह फिल्म न केवल दोस्ती, सहानुभूति और मानसिक स्वास्थ्य जैसे जरूरी मुद्दों को उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कठिन परिस्थितियों में परिवार का साथ कैसे निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

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फिल्म में कलाकारों की एक सशक्त और विविध टीम शामिल है। डिजिटल जगत की लोकप्रिय चेहरा तनुष्का शर्मा इस फिल्म में अपनी पहली मुख्य भूमिका निभा रही हैं। उनके साथ अनुभवी अभिनेता राजेंद्र गुप्ता और मुश्ताक खान भी अहम किरदारों में दिखाई देंगे। रंगमंच से जुड़े उभरते अभिनेता उदय सिंह अपनी सशक्त अभिनय क्षमता से फिल्म की ग्रामीण पृष्ठभूमि में जीवंतता भरते हैं।

छायांकन की जिम्मेदारी इंद्रजीत कुमार ने संभाली है, जबकि विवेक यादव कार्यकारी निर्माता एवं कास्टिंग निदेशक के रूप में फिल्म की प्रामाणिकता को सुनिश्चित कर रहे हैं।

ड्रॉप आउट न केवल एक मनोरंजक फिल्म है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता से जुड़ा सशक्त संदेश भी देती है। यह फिल्म उन छात्रों की आवाज बनती है, जो अकादमिक दबाव, पारिवारिक अपेक्षाओं और संस्थागत उदासीनता के बीच अपनी राह तलाशते हैं।

इस अवसर पर निर्देशक और निर्माता उमाशंकर यादव ने सभी विशिष्ट अतिथियों का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा, “हमारी कोशिश है कि हम ऐसी कहानियां कहें जो समाज से जुड़ी हों और युवाओं को प्रेरणा दें। समुदाय का सहयोग इस यात्रा में हमारे लिए संबल है।”

ड्रॉप आउट, सिरीन फिल्म्स की पहली हिंदी फीचर फिल्म के रूप में, उनकी रचनात्मक प्रतिबद्धता और समाजोन्मुख दृष्टिकोण का परिचायक है। यह केवल एक कहानी नहीं, बल्कि आशा और आत्मविश्वास का सजीव उदाहरण है—जो हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी रास्ता बदलना ही सबसे बड़ी सफलता की ओर पहला कदम होता है।

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