IndiaLife Style

World Yoga Day : हर 4 में से 3 मिलेनियल्स अपनी रोजाना की सेहत के लिए करते हैं योग

विश्व योग दिवस के अवसर पर, भारत की अग्रणी प्राइवेट नॉन-लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ICICI लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने एक नई रिसर्च रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में भारत में स्वास्थ्य संबंधी आदतों और योग की बढ़ती लोकप्रियता को उजागर किया गया है। रिपोर्ट बताती है कि कैसे भारतीय नागरिक योग, नियमित वॉक और संतुलित आहार को शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य सुधारने के सबसे प्रभावशाली माध्यम के रूप में अपना रहे हैं।

अध्ययन से पता चलता है कि पिछले 5 सालों में 72 फीसदी लोगों ने अपनी जीवनशैली में अच्छे बदलाव किए हैं, और इन बदलावों में युवा (मिलेनियल्स) सबसे आगे हैं। ये बदलाव सिर्फ फिटनेस तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि ये निजी स्वास्थ्य लक्ष्यों, परिवार के प्रभाव और सोशल मीडिया व डिजिटल प्लेटफॉर्म पर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी तक बढ़ती पहुंच के कारण हुए हैं।

यह भी पढ़ें: बेहतर जीवनशैली के लिए रोज़ करें ये 6 आसान योग आसन

योग को अपनाने का बढ़ता ट्रेंड भारत की सेहत की कहानी में एक जागरूक बदलाव को दर्शाता है। 90 फीसदी लोगों ने या तो पहले से ही योग करना शुरू कर दिया है या इसे अपनाने पर विचार कर रहे हैं। योग को अपनाने का यह चलन हर उम्र और देश के हर हिस्से में फैल रहा है। इससे पता चलता है कि यह पुरानी प्रथा आज की आधुनिक जिंदगी में फिर से कितनी जरूरी हो गई है, खासकर उन लोगों के बीच जिनके पास हेल्थ इंश्योरेंस है।

शीना कपूर – हेड मार्केटिंग, कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस एंड सीएसआर, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड का कहना है कि आजकल सेहत सिर्फ शरीर को फिट रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक स्थिरता और आंतरिक संतुलन का निर्माण करने के बारे में है। जब तनाव और थकावट नई महामारी बन रहे हैं, योग केवल वापसी नहीं कर रहा है, बल्कि यह रोजमर्रा की जरूरत बन गया है। योग, भारत का वैश्विक स्वास्थ्य में सदियों पुराना योगदान है, जो जीवन को बेहतर और संतुलित तरीके से जीने का एक शक्तिशाली और संपूर्ण मार्ग प्रदान करता है।

हमारी नई रिपोर्ट दिखाती है कि 74 फीसदी मिलेनियल्स अब नियमित रूप से योग करते हैं, जो यह दर्शाता है कि आज की मध्यम आयु वर्ग की पीढ़ी न सिर्फ लंबी उम्र में बल्कि स्वस्थ तरीके से बढ़ती उम्र में निवेश कर रही है। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड का मानना है कि बीमारियों से बचाव के लिए अपनाई जाने वाली सेहत की आदतें एक स्वस्थ और अधिक मजबूत राष्ट्र के निर्माण में मदद करती हैं। इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर, आइए मन और शरीर दोनों की संपूर्ण सेहत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से मजबूत करें।

2025 की स्टडी की प्रमुख बातें :

योग अब एक खास प्रचलन से मुख्यधारा में आ गया है। 72 फीसदी लोग नियमित रूप से योग करते हैं और 18% कभी-कभी योग करते हैं।

  • 10 में से 9 भारतीय (90%) या तो पहले से योग करते हैं या इसे अपनाने पर विचार कर रहे हैं।
  • मिलेनियल्स (74%) नियमित योगाभ्यास करने में सबसे आगे हैं, उसके बाद जनरेशन एक्स (70%) का स्थान है।
  • पिछले 5 वर्षों में 72% लोगों ने अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव किए हैं। ये बदलाव खासकर युवाओं में अधिक देखे गए हैं।

सेहत की आदतें : योग के अलावा

योग के अलावा, रोजाना टहलना (69%), संतुलित आहार (68%), और योग खुद (67%) कुल सेहत सुधारने के लिए अपनाई जाने वाली टॉप 3 आदतें हैं।

इन आदतों को अपनाने में जेन एक्स (Gen X) सबसे आगे हैं, और पुरुष महिलाओं की तुलना में इनमें थोड़ा ज्‍यादा इनमें शामिल होते हैं।

संतुलित आहार को 72% लोग “बेहद महत्वपूर्ण” मानते हैं, उसके बाद नियमित व्यायाम (67%) और योग (63%) का नंबर आता है।

जागरूकता बनाम अनुभव : योग का असली असर

भले ही 66 फीसदी लोग जानते हैं कि योग तनाव और चिंता को कम करता है, लेकिन सिर्फ 52 फीसदी लोगों ने ही असल में इस फायदे का अनुभव किया है। यह जागरूकता और अनुभव के बीच एक बड़ा अंतर दिखाता है।

बेहतर नींद, लचीलापन, अच्छा मूड और मजबूत इम्यूनिटी जैसे दूसरे फायदे भी लोगों को खूब पता हैं और उनका अनुभव भी किया जाता है।

हालांकि, सामाजिक संबंध बनाने जैसे फायदों का अनुभव सबसे कम लोगों (13%) को हुआ, जबकि इसके बारे में 21% लोगों को जानकारी थी।

वर्कप्लेस वेलनेस (कार्यस्थल पर सेहत) : एक अनदेखा अवसर

भले ही लोग व्यक्तिगत रूप से योग को खूब अपना रहे हैं, लेकिन वर्कप्लेस पर अभी भी इसको लेकर सही समर्थन की कमी है। सिर्फ 64 फीसदी वर्कप्लेस पर योग से जुड़े वेलनेस प्रोग्राम चलाए जाते हैं, जिसमें जेन एक्स (Gen X) प्रोफेशनल्स (पेशेवरों) के बीच इनकी उपलब्धता सबसे कम (50%) बताई गई है। यह कमी इस बात को दिखाती है कि कंपनियों के पास अपने कर्मचारियों की सेहत से जुड़ी योजनाओं में संपूर्ण स्वास्थ्य पहल को शामिल करने का अच्छा अवसर है।

खास बात यह है कि 27 फीसदी लोगों का मानना है कि सिर्फ योग कुल सेहत के लिए काफी नहीं है, और वे इसे माइंडफुलनेस (98%), संतुलित आहार (94%) और नियमित जांच (86%) जैसी आदतों के साथ पूरक करना पसंद करते हैं। इनमें से कई चीजें कंपनियां अपने कर्मचारियों को दे सकती हैं।

हर पीढ़ी में पॉपुलर हो रहा है विश्व योग दिवस

करीब 96 फीसदी लोग विश्व योग दिवस के बारे में जानते हैं, जिसमें सोशल मीडिया (80%) और अखबार (64%) जानकारी के मुख्य सोर्स हैं। जेन जेड (Gen Z) के लोग जानकारी के लिए अपने सहकर्मियों और सोशल मीडिया चैनलों पर ज्यादा निर्भर करते हैं, जबकि जेन एक्स (Gen X) पारंपरिक मीडिया का सहारा लेते हैं। खास बात यह है कि हर 4 में से 3 लोग पहले किसी योग दिवस कार्यक्रम में हिस्सा ले चुके हैं, और हर 10 में से 9 लोग भविष्य में होने वाले ऑनलाइन या ऑफलाइन सेशन में दिलचस्पी रखते हैं।

हेल्थ इंश्योरेंस और वेलनेस: आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के फायदे

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड इंश्योरेंस पॉलिसी स्वामित्व में सबसे आगे है, खासकर मिलेनियल्स और पुरुषों के बीच। इसे सबसे पहचानने योग्य और पसंदीदा इंश्योरेंस ब्रांड के रूप में देखा गया है।

पॉलिसीधारकों में से, हर 3 में से 2 लोग आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के हेल्थ चेक-अप की सुविधाओं और हर महीने के स्टेप चैलेंज के बारे में जानते हैं। वहीं, हर 5 में से 3 से ज्यादा लोग मोबाइल ऐप के जरिए हर महीने के स्टेप गोल पूरे करके, फिटनेस चैलेंज पूरे करके और स्वास्थ्य जोखिम का आकलन (हेल्थ रिस्क असेसमेंट) करके प्वॉइंट कमाने के बारे में भी जानते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button