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संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ पर होगा डाक टिकट डिजाइन प्रतियोगिता का आयोजन

यूएन@80 डाक टिकट डिजाइन प्रतियोगिता के माध्यम से विद्यार्थियों को मिलेगा रचनात्मकता व वैश्विक चेतना का मंच-पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

AHMDABAD: संयुक्त राष्ट्र (यूएन) अक्टूबर 2025 में अपनी 80 वीं वर्षगाँठ मनाएगा। इस उपलक्ष्‍य में भारत के छात्र अपनी कल्पनाशक्ति और रचनात्मकता से इस अवसर को जीवंत बनाएंगे। यूएन@80 के स्मृति कार्यक्रमों के तहत भारतीय डाक विभाग द्वारा विदेश मंत्रालय के सहयोग से डाक टिकट डिजाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।

उत्तर गुजरात परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि “बहुपक्षवाद, वैश्विक नेतृत्व और प्रबंधन के माध्यम से हमारे भविष्य के निर्माण में यूएन@80 और भारत की नेतृत्वकारी भूमिका” विषय पर कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थी एवं आर्ट कॉलेज के विद्यार्थी डाक टिकट डिजाइन कर सकते हैं। यह प्रतियोगिता 1 जुलाई से 15 अगस्त, 2025 तक विभिन्न विद्यालयों और कॉलेज में डाक विभाग द्वारा आयोजित की जाएगी। कलाकृति ए4 आकार (200 जीएसएम) के सफेद आर्ट पेपर पर क्रेयॉन्स, पेंसिल कलर, वाटर कलर, एक्रेलिक कलर्स का उपयोग करके बनाई जाएगी।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि प्रतियोगिता में केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सीबीएसई व राज्य बोर्ड से संबद्ध विद्यालय, तथा सभी कला महाविद्यालय भाग ले सकते हैं। स्कूल शिक्षा विभाग, सीबीएसई, यूजीसी एवं अन्य नियामक संस्थाएं अपने अधीनस्थ संस्थानों को प्रतियोगिता आयोजित करने हेतु निर्देशित करेंगी। प्रत्येक विद्यालय द्वारा प्रतियोगिता के बाद शीर्ष 5 प्रविष्टियाँ चयनित कर उन्हें स्कैन करके माईगॉव (MyGov) पोर्टल पर अपलोड किया जायेगा।

यह पोर्टल 20 जुलाई से 15 अगस्त 2025 तक लाइव रहेगा। चीफ पोस्टमास्टर जनरल की अध्यक्षता में परिमंडल स्तर पर गठित समिति स्कूलों से प्राप्त प्रविष्टियों का मूल्यांकन कर 5 श्रेष्ठ डिज़ाइनों का चयन करेगी, जिन्हें डाक निदेशालय को अंतिम मूल्यांकन हेतु भेजा जाएगा। इनमें से राष्ट्रीय स्तर की श्रेष्ठ प्रविष्टि के चयन हेतु विदेश मंत्रालय और डाक विभाग द्वारा संयुक्त रूप से नामित समिति द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक टिकट केवल संचार का माध्यम नहीं हैं, बल्कि ये राष्ट्र की कला, संस्कृति, इतिहास और विरासत को दर्शाने वाले जीवंत प्रतीक होते हैं। ये छोटे आकार में बड़े विचारों, ऐतिहासिक घटनाओं और सामाजिक मूल्यों को सहेजते हैं। ऐसे में यह प्रतियोगिता विद्यार्थियों को रचनात्मक अभिव्यक्ति और राष्ट्रीय व वैश्विक दृष्टिकोण को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत करने का अनूठा अवसर प्रदान करेगी।

यह प्रतियोगिता न केवल उनके कलात्मक विकास, बल्कि समाज और वैश्विक मुद्दों की समझ को भी बढ़ावा देगी। यह पहल विद्यार्थियों को न केवल एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय मंच प्रदान करती है, बल्कि उन्हें एक जागरूक वैश्विक नागरिक के रूप में सोचने और रचनात्मक रूप से अपनी बात कहने का अवसर भी देती है।

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