UP

कोडीन कफ सिरप मामले की जांच करेगी SIT

कोडीन कफ सिरप का इस्तेमाल हो रहा है नशे के लिए

Lucknow: एसटीएफ (STF) और एफएसडीए (FSDA) की संयुक्त जांच में कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध तस्करी का एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। जांच में ऐसी कई फर्जी फर्मे पकड़ी गई जिनको केवल कोडीन कफ सिरप के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए बनाया गया था। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने बताया कि अब नशे के इस कारोबार की जांच के लिए एसआईटी (SIT) का गठन कर दिया गया है।

एसआईटी कोडीन कफ सिरप की सप्लाई चेन का पता लगाकर फरार चल रहे अन्य आरोपियों को पकडऩे का काम करेगी।
पत्रकार वार्ता करते हुए संजय प्रसाद ने अब तक की गई कार्रवाइयों की जानकारी दी। इस मौके पर एफएसडीए आयुक्त रौशन जैकब ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया कि कई फर्में गिरोह से जुड़े एक ही व्यक्ति और उसके रिश्तेदारों के नाम पर बनाई गई थीं। इनको अस्तित्व में लाने के लिए फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र और गलत दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया था।

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डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि कोडीन युक्त सिरप को नशे के तौर पर बेचना और सप्लाई करना संगठित अपराध की श्रेणी में आता है। इसी जानकारी के आधार पर औषधि विभाग ने प्रदेश के 279 दवा विक्रय प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। कई प्रतिष्ठान केवल कागजों पर ही संचालित पाए गए, जबकि कई स्थानों पर बड़ी मात्रा में कोडीन सिरप की बोतलें बिना दस्तावेजों के बरामद हुईं।

नेपाल और बांग्लादेश तक गिरोह का जाल

जांच में सामने आया कि लखनऊ, लखीमपुर खीरी और बहराइच से कोडीन सिरप की खेप नेपाल भेजी जाती थी, जबकि वाराणसी और गाजियाबाद से तस्करी बांग्लादेश तक होती थी। यूपी पुलिस ने सोनभद्र, गाजियाबाद, वाराणसी और लखनऊ में कई कार्रवाई करते हुए नेटवर्क को तोड़ा। इस मामले में अमित टाटा, बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह, धर्मेंद्र कुमार विश्वकर्मा, पवन गुप्ता, शैलेंद्र आर्या, विभोर राणा, विशाल सिंह, बिट्ढू कुमार, सचिन कुमार, सौरभ त्यागी, शादाब, शिवकांत उर्फ शिव, संतोष भड़ाना, अंबुज कुमार, रूपम राय, दिवाकर सिंह, धर्मेंद्र कुमार सिंह, अब्दुल कादिर, रहमान, भोला प्रसाद जायसवाल, विशाल जायसवाल, बादल आर्या, आजाद सिंह, दीपू यादव और सुशील यादव को पुलिस अब तक गिरफ्तार कर चुकी है।

ये आरोप अब भी फरार

जांच अधिकारियों के अनुसार शुभम जायसवाल, आसिफ, अभिषेक शर्मा, विशाल उपाध्याय सहित पांच अन्य की तलाश जारी है। शुभम जायसवाल के वाराणसी स्थित घर पर ईडी ने नोटिस चस्पा कर 8 दिसंबर तक जवाब मांगा था, लेकिन उसके दुबई में छिपे होने के कारण नोटिस बेअसर रहा। डीजीपी राजीव कृष्णा के अनुसार दुबई से वापस लाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

नारकोटिक्स ब्यूरो से भी लिया सहयोग

एफएसडीए ने इस काले कारोबार का खुलासा करने के लिए केन्द्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो से भी सहयोग लिया है। सीबीएन से इनपुट मिलने के बाद एफएसडीए और एसटीएफ ने यूपी के साथ मध्य प्रदेश, हिमांचल प्रदेश व उत्तराखण्ड तक जांच का दायरा बढ़ाया। जांच में टीम ने 279 औषधि प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया। इस मामले में अब तक 28 जिलों के 128 औषधि प्रतिष्ठानों के संचालकों के खिलाफ मुकदमें दर्ज किए गए हैं। कई जगहों पर अन्य अनियमितताएं भी मिलीं हैं। सोनभद्र में 1.19 लाख कीमत की सिरप की बोतलें जब्त की गईं।

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