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एनसीआर की राह पर लखनऊ, 71 करोड़ की लागत से तैयार होगा स्टेट कैपिटल रीजनल प्लान, 6 साल में आकार लेगा ‘एससीआर’

LUCKNOW: लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) के विकास के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत लखनऊ सहित बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव और रायबरेली जैसे छह जनपदों में नियोजित विकास और आधारभूत संरचना के कार्य किए जाएंगे।

एक वर्ष में बनेगा प्‍लान

71 करोड़ रुपये की लागत से अगले एक वर्ष में रीजनल प्‍लान तैया किया जाएगा। इस योजना से क्षेत्र में आर्थिक विकास को गति मिलेगी, रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, और लोगों को बेहतर आवासीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

लखनऊ विकास प्राधिकरण के पारिजात सभागार में शुक्रवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में इस योजना का विस्तृत प्रेजेंटेशन हाईलेवल कमेटी के चेयरमैन केशव वर्मा के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बैठक में प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग पी. गुरुप्रसाद, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब, एलडीए उपाध्यक्ष प्रधमेश कुमार, आवास बंधु के निदेशक रवि जैन, मुख्य नगर नियोजक के.के. गौतम, विश्व बैंक की टीम, शहरी योजनाकार और इंजीनियर शामिल रहे।

विश्व बैंक का सहयोग और रीजनल प्लान

एलडीए उपाध्यक्ष प्रधमेश कुमार ने बताया कि इस परियोजना के लिए कंसल्टेंट के रूप में एईकॉम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और एजीस इंडिया कंसल्टिंग इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के कंसोर्टियम का चयन किया गया है। यह कंसोर्टियम 71 करोड़ रुपये की लागत से एक वर्ष के भीतर रीजनल प्लान तैयार करेगा। इसके बाद अगले पांच वर्षों में कंपनी इस प्लान के अनुसार परियोजनाओं को परिभाषित कर डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करेगी, साथ ही स्थल पर इन परियोजनाओं को लागू करने का कार्य सुनिश्चित करेगी।

विश्व बैंक की टीम ने बैठक में बताया कि उनकी सहभागिता से कई विकसित देशों में इस तरह के नियोजित शहरी विकास के प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक लागू किए गए हैं। विश्व बैंक ने आश्वासन दिया कि वह स्टेट कैपिटल रीजन को बेहतर ढंग से विकसित करने के लिए अपने अनुभव और सफल परियोजनाओं की जानकारी साझा करेगा। साथ ही, इस रीजनल प्लान में क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को भी संरक्षित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

26,700 वर्ग किलोमीटर में फैला होगा एससीआर

प्रस्तावित स्टेट कैपिटल रीजन का कुल क्षेत्रफल लगभग 26,700 वर्ग किलोमीटर होगा, जिसमें लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, बाराबंकी और रायबरेली शामिल होंगे। इस क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं को उन्नत किया जाएगा। जनपदों के बीच हाई-स्पीड कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए रिंग रोड नेटवर्क को पूरा किया जाएगा, साथ ही रैपिड रेल, रिंग रोड और एक्सप्रेस-वे जैसे प्रोजेक्ट्स पर काम किया जाएगा। इससे आवागमन सुगम होगा, जिससे औद्योगिक और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। परिणामस्वरूप, क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचेंगी शहरी सुविधाएं

एलडीए उपाध्यक्ष प्रधमेश कुमार ने बताया कि लखनऊ, अन्य शामिल जनपदों की तुलना में अधिक विकसित है। आसपास के जनपदों से रोजाना हजारों लोग व्यवसाय, नौकरी, स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य कारणों से लखनऊ आते हैं। स्टेट कैपिटल रीजन के लागू होने से अन्य जनपदों में भी समानांतर विकास होगा। इससे निवेश में वृद्धि होगी, रोजगार और व्यवसाय के अवसर बढ़ेंगे, और ग्रामीण क्षेत्रों तक शहरी सुविधाएं पहुंचेंगी। इससे लोगों को अपने क्षेत्र में ही बेहतर आवास, व्यापार और नौकरी के अवसर उपलब्ध होंगे।

आर्थिक और सामाजिक विकास का नया दौर

यह परियोजना न केवल लखनऊ और आसपास के जनपदों की सूरत बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी मील का पत्थर साबित होगी। हाई-स्पीड कनेक्टिविटी, बेहतर आधारभूत संरचना और नियोजित शहरीकरण से इस क्षेत्र में निवेशकों का आकर्षण बढ़ेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को सहेजते हुए क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित किया जाएगा।

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