ऑनलाइन उपस्थिति के खिलाफ शिक्षकों का हल्लाबोल, विकास भवन में किया प्रदर्शन कर रखी मांगे
ऑनलाइन उपस्थिति के खिलाफ शिक्षकों का हल्लाबोल, कहा मांगें पूरी करो, भारी बारिश भी नहीं डिगा सकी शिक्षकों का हौसला हजारों की संख्या में विरोध जताने पहुंचें
रायबरेली। ऑनलाइन उपस्थिति के खिलाफ शिक्षकों का लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। गुरुवार को शिक्षक समन्वय समिति के आवाहृन पर भारी बारिश के बाद भी हजारों शिक्षकों ने पहुंचें ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध जताया।
शिक्षक विकास भवन में एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन करते हुए डीएम कार्यालय पहुंचें। 18 सूत्रीय मांगों का मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। शिक्षकों ने कहा कि हम ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन सरकार पहले हम लोगों की मांगों पर ध्यान दें।
भारी बारिश में भीगते शिक्षकों को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश जूनियर शिक्षक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष समर बहादुर सिंह ने कहा कि भारी बारिश, ठंडक और गर्मी में मौसम की हर प्रतिकूल स्थिति को झेलते हुए शिक्षक लगातार पढ़ाने का कार्य कर रहा है। लेकिन अधिकारी अपनी हाजिरी नहीं लगवा रहे हैं, उनकी जगह पर शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन लगवाने पर बहुत सख्ती दिखा रहे हैं। जिलाध्यक्ष राघवेंद्र यादव ने कहा कि हम लोगों की मांग है कि हमें ई0एल0, हॉफलीव की सुविधा दी जाए। डीजी की तरफ से ऑनलाइन उपस्थिति के लिए 18 जून को जारी की गई नियमावली को तत्काल निरस्त किया जाए।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष महेंद्र यादव ने कहा कि अधिक दबाव पड़ेगा तो इंचार्ज प्रधानाध्यापक अपना पद छोड़कर सिर्फ अब अध्यापन का ही काम करेंगे। हम लोगों लगातार 17140—18150 वेतनमान की विसंगति को दूर करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार का ध्यान उस पर नहीं जा रहा है। महामंत्री शैलेष यादव ने कहा कि अधिकारियों के दबाव पर हम लोग भी सिर्फ और सिर्फ पढ़ाने का काम करेंगे। सारे ऐप को डिलीट करते हुए सिर्फ विभाग के नियमों के हिसाब से ही काम किया जाएगा।
एस0सी0एस0टी0 शिक्षक संघ के रोहित चौधरी ने कहा कि कैशलेस चिकित्सा का लाभ राज्य कर्मचारियों की भांति बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को भी प्रदान किया जाए। अवकाश के दिनों में कार्य करने पर देय प्रतिकर अवकाश की व्यवस्था अन्य विभागों की भांति बेसिक शिक्षा विभाग में भी लागू की जाये।
शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष अजित सिंह और अजय प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य कर्मचारियों की भांति शिक्षकों को भी प्रतिवर्ष 31 अर्जित अवकाश प्रदान किया जाएं। उन्होंने कहा हम लोग लगातार अपने साथियों को न्यूनतम 25 हजार रूपये मानदेय दिए जाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन नहीं दिया जा रहा है। शिक्षणेत्तर संघ के जिलाध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने कहा कि टाइम एंड मोशन स्टडी आदेश 14 अगस्त 2020 में निर्धारित विद्यालय अवधि ग्रामीण परिवेशीय वातावरण के प्रतिकूल है । अतः बेसिक शिक्षा के ग्रामीण परिवेशीय विद्यालयों का शिक्षण समय प्रकृति के अनुकूल ग्रीष्मकाल में 7-12 तथा शीतकाल में प्रातः 9 से 3 बजे तक किया जाए।
महिला शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष सरिता नागेंद्र ने कहा कि यह आदेश पूरी तरह से सरकार की छवि खराब करने का काम कर रहा है, जब तक हम लोगों की मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा तब तक हम लोग हाजिरी नहीं देंगे। विरोध—प्रदर्शन का संचालन अजय सिंह और महामंत्री सियाराम सोनकर ने किया।
इस मौके पर टीएससीटी के जिला संयोजक अनुराग मिश्रा, अटेवा जिला संयोजक इरफान अहमद, शिवशरण सिंह, राजेश यादव, शांति अकेला, आशीष सिंह, रवि श्रीवास्तव, सुनील यादव, गौरव युवराज, सरला वर्मा, सुरेश वर्मा, नागेंद्र सिंह, रमेश सोनकर, सुरेंद्र वर्मा, साधना शर्मा, बबीता सिंह, हरिकेश यादव, लक्ष्मी सिंह, संजीव, सुरेश सिंह, राकेश, संदीप, विक्रमादित्य सिंह, आशीष तिवारी, शिवकुमार सिंह, सूर्य प्रकाश, दीपक, अजित सिंह, कुसुमचन्द्र, उमेश श्रीवास्तव सहित हजारों शिक्षक मौजूद रहा।