अभियंता संघ के महासचिव ने लगाए ऊर्जा मंत्री मुर्दाबाद के नारे

LUCKNOW: निजीकरण व कर्मियों के घर बिजली मीटर लगाए जाने के विरोध में UPPCL के अभियंताओं और कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री के घर प्रदर्शन किया। ऊर्जा मंत्री (Energy Minister) एके शर्मा के आवास का घेराव किया गया। इस दौरान अभियंता संघ के महासचिव (General Secretary) जितेन्द्र गुर्जर ने ऊर्जा मंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाए। कर्मियों को भी उकसाया कि वह ऊर्जा मंत्री मुर्दाबाद की नारेबाजी करें।
पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत निगम के निजीकरण (Privatization) की प्रक्रिया बीते सात माह से चल रही है। कर्मचारी इसके खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं मगर प्रबंधन इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। इस विरोध के बीच निजीकरण का मसौदा तैयार करने के लिए ग्रांट थार्नटन कमपनी का चयन कर लिया गया। प्रबंधन के अडिय़ल रवैये से कर्मियों में हताशा और आक्रोश बढ़ गया है। कर्मचारी कई बार शक्ति भवन के साथ डिस्कॉम मुख्यालयों पर विरोध सभाएं कर चुके हैं।
यूपीपीसीएल प्रबंधन ने वार्ता के लिए किसी भी संगठन को आमंत्रित नहीं किया। पूर्व में शक्ति भवन पर जब भूख हड़ताल में कर्मचारी नेताओं की तबियत बिगड़ी तब प्रबंधन वार्ता को राजी हुआ। वार्ता तो हुई मगर किसी बिन्दु पर सहमति नहीं बनी। हताश कर्मचारियों ने मंगलवार को ऊर्जा मंत्री के आवास पर घेराव कर दिया।
हाथ जोडक़र निकले थे ऊर्जा मंत्री
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा जब अपने आवास के बाहर आए तो वहां बड़ी संख्या में बिजली कर्मी प्रदर्शन कर रहे थे। कर्मियों को हटाने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया, लेकिन कर्मचारी पीछे हटकर ऊर्जा मंत्री को जाने का रास्ता देने को तैयार नहीं थी। कैबिनेट बैठक में जाने के लिए मंत्री को आवास से बाहर निकालने के लिए पुलिस को रस्से लगाकर रास्ता बनाना पड़ा तब जाकर मंत्री का काफिला निकल सका। काफी जद्दोजहद के बाद ऊर्जा मंत्री हाथ जोडक़र पुलिस के घेरे में बाहर निकल सके।
चेयरमैन ने मंगवाई वीडियो फुटेज
ऊर्जा मंत्री के आवास पर घेराव के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए। कर्मचारियों ने अपनी अपनी तरीके से ऊर्जा मंत्री की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए। इस दौरान अभियंता संघ के महासचिव जितेन्द्र गुर्जर ने भी नारेबाजी की और निजीकरण के साथ कर्मियों के घर मीटर लगाने के आदेश को उत्पीडऩ करार दिया। जितेन्द्र गुर्जर ने ऊर्जा मंत्री मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। इसकी शिकायत चेयरमैन आशीष गोयल तक पहुंच गई है। उन्होंने इसका वीडियो तलब किया है।
सोशल मीडिया के साथ अन्य वीडियोग्राफरों से फुटेज एकत्र की जा रही है। माना जा रहा है कि उसके आधार पर जितेन्द्र गुर्जर के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इससे पहले भी गुर्जर कई जांचें चल रही हैं। प्रबंधन गुर्जर के खिलाफ सबूत जुटा रहा है।
नियमित कर्मी निशाने पर
निजीकरण और मीटर लगाने का विरोध करने वालों में सेवानिवृत्त कर्मी सबसे आगे हैं। पावर कारपोरेशन प्रबंधन रिटायर कर्मियों पर अधिक ध्यान नहीं दे रहा है। उसका फोकस नियमित कर्मियों पर हैं इसमें अभियंता संवर्ग ऊपर माना रहा है। आन्दोलन व विरोध प्रदर्शन के दौरान जो भी अनियमित अभियंता आगे दिखाई देंगे उनकी छोटी भी गलती माफ नहीं की जाएगी। प्रबंधन ने उन सभी अभियंताओं की सूची तैयार करवा ली है। इस सूची में जो भी इंजीनियर हैं अगर वह अपनी तैनाती पर कोई भी गलती है तो उनका निलम्बन तय है।