भारत पर ट्रम्प का 50% टैरिफ: आज से 25% लागू, ज्वेलरी-टेक्सटाइल को झटका

LUCKNOW: अमेरिका ने भारत से आयातित सामानों पर 25% टैरिफ आज 7 अगस्त से लागू कर दिया है। 27 अगस्त से अतिरिक्त 25% टैरिफ लगेगा, जिससे कुल टैरिफ 50% हो जाएगा। इससे भारतीय सामान अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे। इसका असर ज्वेलरी, टेक्सटाइल, और इंजीनियरिंग जैसे सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा पड़ेगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के अनुसार, भारत का अमेरिका को निर्यात 40-50% तक घट सकता है।
हालांकि, भारतीय निर्यातक आशावादी हैं। उनका कहना है कि अमेरिका के अलावा यूरोप और ASEAN जैसे वैकल्पिक बाजारों में अवसर तलाशे जा सकते हैं।
1. इंजीनियरिंग गुड्स: सबसे बड़ा निर्यात, सबसे ज्यादा जोखिम
- 2024 में निर्यात: 19.16 बिलियन डॉलर (1.68 लाख करोड़ रुपये)
- मौजूदा टैरिफ: 15% (5% + 10%)
- नया टैरिफ: 30% (5% + 25%)
- असर: कीमतों में 15% की बढ़ोतरी, निर्यात में 10-15% की कमी संभव।
- प्रभावित कंपनियां: टाटा स्टील, भारत फोर्ज, L&T
- चुनौती: निर्यात में 40% योगदान देने वाले छोटे और मध्यम उद्यमों पर संकट।
भारत की रणनीति:
- यूरोप (जर्मनी, UK) और ASEAN (सिंगापुर, मलेशिया) में निर्यात बढ़ाना।
- PLI स्कीम के विस्तार से उत्पादन लागत कम करना।
2. इलेक्ट्रॉनिक्स: स्मार्टफोन पर संकट के बादल
- 2024 में निर्यात: 14 बिलियन डॉलर (~1.23 लाख करोड़ रुपये)
- मौजूदा टैरिफ: 0.41% (सेक्शन 232 के तहत छूट)
- नया टैरिफ: 25% (सेक्शन 232 की समीक्षा के बाद संभव)
- असर: स्मार्टफोन की कीमत में 25% की बढ़ोतरी, मांग में 20-25% कमी संभव।
- प्रभावित कंपनियां: एपल, डिक्सन टेक्नोलॉजीज।
- चुनौती: वियतनाम और मैक्सिको से प्रतिस्पर्धा।
भारत की रणनीति:
- टैरिफ छूट के लिए अमेरिका से बातचीत।
- घरेलू बाजार और नए ब्रांड्स को बढ़ावा देना।
3. फार्मा: 250% टैरिफ की धमकी
- 2024 में निर्यात: 10.52 बिलियन डॉलर (~92 हजार करोड़ रुपये)
- मौजूदा टैरिफ: 0% (छूट)
- नया टैरिफ: 25% (बाद में 150-250% की धमकी)
- असर: दवाओं की कीमत में 25% की बढ़ोतरी, निर्यात में कमी संभव।
- प्रभावित कंपनियां: सन फार्मा, डॉ. रेड्डी, सिप्ला।
- चुनौती: वियतनाम जैसे देशों से मुकाबला।
भारत की रणनीति:
- जेनरिक दवाओं की कीमतें कम रखने के लिए ट्रेड डील पर जोर।
- यूरोप और लैटिन अमेरिका में निर्यात बढ़ाना।
4. जेम्स एंड ज्वेलरी: निर्यात पहले ही दोगुना
- 2024 में निर्यात: 9.94 बिलियन डॉलर (~87 हजार करोड़ रुपये)
- मौजूदा टैरिफ: ज्वेलरी (16%), डायमंड (10%)
- नया टैरिफ: ज्वेलरी (31%), डायमंड (25%)
- असर: कीमतों में 15% की बढ़ोतरी, निर्यात में 15-20% कमी संभव।
- प्रभावित कंपनियां: राजेश एक्सपोर्ट्स, टाइटन, कल्याण ज्वेलर्स।
- चुनौती: अमेरिकी खरीदार सस्ते विकल्पों की ओर जा सकते हैं।
भारत की रणनीति:
- भारत-अमेरिका ट्रेड एग्रीमेंट को तेज करना।
- यूरोपीय बाजारों में डायमंड निर्यात बढ़ाना।
5. टेक्सटाइल: मांग पर लगेगा ब्रेक
- 2024 में निर्यात: 10 बिलियन डॉलर (~87 हजार करोड़ रुपये)
- मौजूदा टैरिफ: 20%
- नया टैरिफ: 35%
- असर: कीमतों में 15% की बढ़ोतरी, मांग में 20-25% कमी संभव।
- प्रभावित कंपनियां: केपीआर मिल, अरविंद, वर्धमान टेक्सटाइल्स।
- चुनौती: बांग्लादेश और वियतनाम से प्रतिस्पर्धा।
भारत की रणनीति:
- ट्रेड एग्रीमेंट को तेज करना।
- घरेलू ब्रांड्स और वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट्स पर जोर।
6. ऑटोमोबाइल: ऑटो पार्ट्स पर असर
- 2024 में निर्यात: 2.2 बिलियन डॉलर (~19 हजार करोड़ रुपये)
- मौजूदा टैरिफ: 25%
- नया टैरिफ: 25% (पहले से लागू)
- असर: वियतनाम और मैक्सिको से कड़ी प्रतिस्पर्धा।
- प्रभावित कंपनियां: टाटा मोटर्स, भारत फोर्ज, समवर्धन मदरसन।
भारत की रणनीति:
- यूरोप और ASEAN में निर्यात बढ़ाना।
- PLI स्कीम का विस्तार।
टैरिफ के पीछे ट्रम्प का तर्क
ट्रम्प का दावा है कि भारत अमेरिकी सामानों पर भारी टैरिफ लगाता है, जबकि अमेरिका भारतीय सामानों पर कम टैक्स वसूलता है। उनकी “पारस्परिक टैरिफ” नीति के तहत भारत पर 25% टैरिफ लगाया गया है। इसके अलावा, भारत के रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने पर भी ट्रम्प नाराज हैं।
भारत-अमेरिका ट्रेड डील की स्थिति
भारत और अमेरिका लंबे समय से ट्रेड डील पर काम कर रहे हैं। 25 अगस्त को अमेरिकी टीम भारत आएगी, और सितंबर-अक्टूबर तक समझौते की उम्मीद है। हालांकि, कृषि और डेयरी जैसे मुद्दों पर सहमति बाकी है। भारत सरकार को उम्मीद है कि आने वाले समय में अमेरिका अपने निर्णय पर विचार करेगा और टैरिफ दरें कम करेगा।