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UP News: दवा व्यापारियों का दर्द- पुलिस उत्पीड़न और छापेमारी से खौफ में पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी, FSDA कमिश्नर को लिखा पत्र

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के करीब 1,30,000 दवा व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था ‘आर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स उत्तर प्रदेश’ (OCDUP) ने प्रदेश में दवा कारोबारियों के उत्पीड़न को लेकर गहरी चिंता जताई है। संगठन ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) की सचिव एवं आयुक्त डॉ. रोशन जैकब को पत्र लिखकर पुलिस हस्तक्षेप रोकने और प्रतिबंधित दवाओं की स्पष्ट सूची जारी करने की मांग की है।

वाराणसी की दवा मंडी में दहशत का माहौल

संगठन ने पत्र में बताया है कि पूर्वांचल की प्रमुख दवा मंडी, वाराणसी स्थित ‘सप्तसागर दवामंडी’ में पिछले एक महीने से भय का माहौल है। यहाँ लगभग 15 जनपदों के व्यापारी क्रय-विक्रय के लिए आते हैं, लेकिन अत्यधिक छापेमारी और पुलिस की सख्त कार्यवाही के कारण वे सामान्य व्यापार भी नहीं कर पा रहे हैं।

पुलिस को तकनीकी ज्ञान नहीं, हो रहा उत्पीड़न

OCDUP के अध्यक्ष दिवाकर सिंह और महामंत्री सुधीर अग्रवाल ने पत्र में कहा है कि दवा एक अत्यंत संवेदनशील और तकनीकी विषय है, जिसका विशेषज्ञ ज्ञान पुलिस विभाग को नहीं होता। आरोप है कि पुलिस मनमाने ढंग से धाराएँ लगाकर मामला दर्ज कर रही है, जिससे निष्पक्ष व्यापारियों का उत्पीड़न हो रहा है।

संगठन ने मांग की है कि जांच केवल ड्रग विभाग (Drug Department) के अधिकारियों द्वारा ‘ड्रग एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940’ के तहत ही की जानी चाहिए।

पुलिस का हस्तक्षेप तभी होना चाहिए जब विभागीय अधिकारी किसी अपराध की पुष्टि करें।

प्रतिबंधित दवाओं की लिस्ट जारी करे सरकार

व्यापारियों ने सरकार से प्रतिबंधित दवाओं (Narcotics/Psychotropic Substances) की आधिकारिक और स्पष्ट सूची तुरंत जारी करने का अनुरोध किया है। संगठन ने वचन दिया है कि सूची मिलते ही पूरे प्रदेश में उन दवाओं की बिक्री तत्काल प्रभाव से बंद करा दी जाएगी।

कोल्डरीफ मामले की आड़ में कोडीन पर कार्रवाई पत्र में एक गंभीर विसंगति की ओर भी इशारा किया गया है। सितंबर 2025 में मध्य प्रदेश में ‘कोल्डरीफ’ (Coldrif) कफ सिरप में मिलावट के कारण बच्चों की मौत हुई थी, जिसके बाद यूपी में भी जांच के आदेश दिए गए थे।

संगठन का कहना है कि विभाग कोल्डरीफ की जांच करने के बजाय कोडीन (Codeine) युक्त कफ सिरप पर छापेमारी कर रहा है, जबकि यह दवा कानूनी रूप से प्रतिबंधित नहीं है।

इस कन्फ्यूजन के कारण व्यापारियों को अनावश्यक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है।

Tramadol और Alprazolam पर दिशा-निर्देश की मांग

संगठन ने ट्रामेडोल (Tramadol) और अल्प्राजोलम (Alprazolam) जैसी दवाओं के लिए भी स्पष्ट गाइडलाइंस की मांग की है। ये दवाएं ऑपरेशन, तीव्र दर्द और मानसिक रोगियों के इलाज के लिए आवश्यक हैं। कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा दुरुपयोग किए जाने के कारण, वैध बिल और प्रिस्क्रिप्शन पर दवा देने वाले व्यापारियों को भी दोषी ठहराना अनुचित है।

नशे के खिलाफ सरकार के साथ हैं व्यापारी

OCDUP ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के “एक युद्ध नशे के विरुद्ध” नारे का पूर्ण समर्थन किया है । संगठन ने स्पष्ट किया है कि वे नशे के कारोबार के सख्त खिलाफ हैं और अवैध व्यापार में लिप्त किसी भी व्यक्ति का समर्थन नहीं करेंगे । उन्होंने आश्वासन दिया है कि यदि कोई व्यापारी गलत कार्य करता है, तो वह ड्रग एक्ट 1940 के तहत दंड का पात्र होगा।

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