Health

UPUMS में सफल जटिल ओपन हार्ट सर्जरी से कविता की लौटी मुस्कान

UPUMS जटिल ओपन हार्ट सर्जरी के लिए अब मरीजों को महानगरों में जाने की आवश्यकता नहीं यूपीयूएमएस में ही मिलेगा बेहतर इलाज-कुलपति

SAIFAI (ETAWAH): उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय (UPUMS) सैफई के कार्डियोवैस्कुलर एवं थोरेसिक सर्जरी सुपर स्पेशलिटी विभाग ने, एनेस्थीसिया और ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन टीम के सहयोग से, एक अत्यंत जटिल ओपन हार्ट सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस सफलता ने न सिर्फ चिकित्सा जगत में एक और उपलब्धि जोड़ी, बल्कि मैनपुरी निवासी 29 वर्षीय कविता यादव जीवन में भी नई रोशनी भर दी।

कविता लंबे समय से सांस लेने में तकलीफ और सीने में दर्द से परेशान थीं। उन्होंने लखनऊ, कानपुर और आगरा के निजी अस्पतालों में दिखाया, जहां इलाज का खर्च 4–5 लाख रुपये बताया गया। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्होंने यूपीयूएमएस (UPUMS) में डॉक्‍टर को दिखाया। यहां पर असाध्य रोग योजना के तहत उनका इलाज बिल्कुल नि:शुल्क हुआ।

कृत्रिम माइट्रल वाल्व का प्रत्यारोपण

इस ऑपरेशन में हॉर्ट लंग बाईपास मशीन की मदद से 29 वर्षीय कविता यादव (निवासी–मैनपुरी) के खराब माइट्रल वाल्व को निकालकर कृत्रिम माइट्रल वाल्व का प्रत्यारोपण किया गया।

ऑपरेशन के बाद कविता ने मुस्कुराते हुए कहा, कि  “आज मैं पूरी तरह स्वस्थ महसूस कर रही हूं। कुलपति जी ने वार्ड में आकर हाल-चाल लिया, इससे मुझे बहुत हौसला मिला। मैंने उनसे वादा किया है कि मैं अपने जैसे आर्थिक रूप से कमलोर लेगों को इस संस्‍थान में नि:शुल्‍क इलाज एवं डॉक्‍टर व स्‍टाफ के बेहतर सहयोग के बारे में  बताउंगी। मैं चाहती हूं कि मेरे जैसे अन्‍य लोग भी इस सुविधा का लाभ लें।”

सर्जरी में हार्ट-लंग बाईपास मशीन की मदद से उनके क्षतिग्रस्त माइट्रल वाल्व को निकालकर कृत्रिम वाल्व का प्रत्यारोपण (mitral valve replacement) किया गया।

कुलपति प्रो. (डॉ.) अजय सिंह (Dr Ajay Singh) ने बताया कि विश्वविद्यालय में कोरोनरी आर्टरी बाईपास (Coronary Artery Bypass), ओपन हार्ट (Open Heart), वीडियो-असिस्टेड थोरेसिक सर्जरी (Video-assisted thoracic surgery), एंडोवीनस लेजर सर्जरी (Endovenous laser surgery) , पेरीफेरल आर्टिरियल बाईपास (Peripheral Arterial Bypass) और एंडोवैस्कुलर हाइब्रिड सर्जरी (Endovascular Hybrid Surgery) जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।

प्रो. अजय सिंह ने कहा कि “अब प्रदेश के मरीजों को हृदय रोगों के जटिल इलाज के लिए महानगरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा। यूपीयूएमएस (UPUMS) में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।”

सी.वी.टी.एस. विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ हृदय सर्जन डॉ. अमित सिंह ने बताया कि कविता पिछले 10 वर्षों से हृदय रोग से जूझ रही थीं। 2017 में यहीं पर बीटिंग हार्ट माइट्रल कमिश्योरोटोमी सर्जरी से उनका प्राकृतिक वाल्व ठीक किया गया था, जो आठ वर्षों तक सामान्य रूप से कार्य करता रहा। हाल ही में फॉलोअप जांच में पता चला कि प्रगतिशील रूमेटिक हृदय रोग के कारण वाल्व दोबारा क्षतिग्रस्त हो गया और लीक करने लगा, जिससे सांस लेने में कठिनाई होने लगी।

डॉ. अमित सिंह ने बताया कि इस प्रकार की सर्जरी तकनीकी रूप से अत्यंत चुनौतीपूर्ण होती है, क्योंकि पूर्व ऑपरेशन और रूमेटिक एक्टिविटी के चलते पेरिकार्डियम हृदय से चिपक जाता है। इसे सावधानीपूर्वक अलग करने के बाद ही कार्डियोपल्मोनरी बाईपास संभव हो पाता है। लगभग 8 घंटे चले इस ऑपरेशन के बाद मरीज को दो दिन वेंटिलेटर पर रखा गया और वाइटल पैरामीटर्स स्थिर होने पर हटाया गया। तीसरे दिन से ही मरीज को चलना-फिरना शुरू करा दिया गया।

इस उपलब्धि पर कुलसचिव अभिनव रंजन, प्रति कुलपति डॉ. रमाकांत, संकायाध्यक्ष डॉ. आदेश कुमार और मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. एस.पी. सिंह ने पूरी सर्जिकल, एनेस्थीसिया और ट्रांसफ्यूजन टीम को बधाई दी तथा मरीज के स्वस्थ होकर घर लौटने पर खुशी जताई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button