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विजय कुमार बंधु का इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन को समर्थन

लखनऊ में नार्दन रेलवे इम्प्लाइज यूनियन और एन ई रेलवे मेंस कॉग्रेस के लिए माँगी वोट

लखनऊ: भारतीय रेलवे में मान्यता के लिए हो रहे चुनावों में बड़ी हलचल तब देखने को मिली जब नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने इंडियन रेलवे इम्प्लाइज फेडरेशन (IREF) को अपना समर्थन देने की घोषणा की। इस मौके पर उन्होंने लखनऊ के सवारी डिब्बा कारखाना, आलमबाग में आयोजित एक चुनावी गेट मीटिंग में रेलवे कर्मचारियों को संबोधित किया।

गेट मीटिंग में पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाली पर जोर

सभा को संबोधित करते हुए विजय कुमार बंधु ने कहा कि यह चुनाव केवल मान्यता प्राप्त यूनियनों के खिलाफ नहीं, बल्कि उन सभी ताकतों के खिलाफ है जिन्होंने कर्मचारियों के अधिकारों और पुरानी पेंशन योजना के साथ समझौता किया है। उन्होंने रेलवे के निजीकरण और नई पेंशन योजना (NPS) लागू करवाने में सरकार समर्थित यूनियनों की भूमिका पर तीखा प्रहार किया।

“पुरानी पेंशन ही प्राथमिक मुद्दा”

बंधु ने कहा, “हम रेलवे कर्मचारियों को विश्वास दिलाते हैं कि OPS बहाली का यह संघर्ष सफल होगा। हमारा मुख्य मुद्दा कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा और निजीकरण के प्रयासों को रोकना है।” उन्होंने रेलवे कर्मचारियों से उत्तरी रेलवे में “शेर” और पूर्वोत्तर रेलवे में “कुर्सी” चुनाव चिन्हों पर वोट डालने की अपील की।

“इस बार बदलाव की लहर”

सभा में फ्रंट अगेंस्ट एनपीएस इन रेलवे (FANPSR) के राष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र पाल ने कहा, “इस बार पेंशन-विहीन युवा कर्मचारियों ने बदलाव का मन बना लिया है। 12 दिसंबर को पुरानी पेंशन की बहाली का सूरज फिर से उगेगा।”

सभा में भारी उपस्थिति

गेट मीटिंग में नार्दन रेलवे इम्प्लाइज यूनियन और एनई रेलवे मेंस कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भी अपनी बात रखी। सभा की अध्यक्षता नार्दन रेलवे इम्प्लाइज यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष नर सिंह कुमार और एनई रेलवे मेंस कांग्रेस के केंद्रीय अध्यक्ष अखिलेश पांडेय ने की।

सभा का संचालन डॉ. कमल उसरी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन तुलसी राम यादवसतीश कुमार ने दिया। कार्यक्रम में सैकड़ों रेलवे कर्मचारियों की उपस्थिति ने यह स्पष्ट कर दिया कि पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर कर्मचारियों में गहरी उम्मीदें और इच्छाशक्ति है।

यह गेट मीटिंग रेलवे चुनावी माहौल में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकती है। विजय कुमार बंधु और IREF के समर्थन ने कर्मचारियों के बीच नई ऊर्जा और उम्मीद का संचार किया है। आने वाले दिनों में चुनाव परिणाम तय करेंगे कि इस आंदोलन को कितना समर्थन मिल पाया।

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