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World Rabies Day: कुत्ता काटे या चाट ले तो तुरंत करें ये उपाय, समय पर वैक्सीन से बच सकती है जान

LUCKNOW: अगर कुत्ता या कोई संक्रमित जानवर काट ले या चाट ले तो सबसे पहला कदम है घाव को तुरंत बहते पानी और साबुन से कम-से-कम 15 मिनट तक अच्छी तरह धोना। इसके बाद बिना देरी किए नजदीकी अस्‍पताल पहुंचें। विशेषज्ञों का कहना है कि रेबीज संक्रमण के बाद मौत की संभावना 100 प्रतिशत होती है, लेकिन समय पर वैक्सीन लेने से यह पूरी तरह रोकी जा सकती है।

शनिवार को विश्व रेबीज दिवस (World Rabies Day) के अवसर पर फार्मासिस्ट फेडरेशन ने जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए। इस मौके पर फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा, “कुत्ते के काटने से डर नहीं लगता साहब, डर लगता है इंजेक्शन लगवाने से’, ये बात आपने जरूर सुना होगा, यह बिल्कुल ही सत्य नहीं है !

पहली बात तो यह है कि अब कुत्ते का इंजेक्शन पेट में नहीं लगता, जिससे लोग डरते थे अब कुत्ते के काटने के बाद जो वैक्सीन लगती है वह वैक्सीन स्किन या चमड़े के ठीक नीचे और बहुत कम मात्रा में हाथों में लगाई जाती है, अतः अब इसमें डरने की कोई आवश्यकता नहीं रही।

उन्होंने बताया कि रेबीज एक टीका से ठीक होने वाला वायरल रोग है, जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। समय रहते वैक्सीन और इम्यूनोग्लोबुलीन लगवाने से मरीज की जान बचाई जा सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित सभी अस्‍पतालों में एंटी-रेबीज वैक्सीन की नि:शुल्क उपलब्धता सुनिश्चित की है।

रेबीज होने के बाद बचाव नहीं

रेबीज से बचाव सम्‍भव है। लेकिन बीमारी होने के बाद इसका इलाज नहीं है। संक्रमण होने के 2 से 3 माह में बुखार, दर्द, और घाव वाली जगह पर झुनझुनी या जलन होती है। जैसे जैसे वायरस तंत्रिका तंत्र में जाता है दिमाग और रीढ़ की हड्डी में सूजन विकसित होती है।

रेबीज दो प्रकार की होती है। एक Furious rabies – (फ्यूरियस रेबीज) जिसमें मरीज अत्‍यधिक उत्‍तेजक हो जाता है, मतिभ्रम, पानी से डरना (हाइड्रोफोबिया) या मांसपेशियों में लकवा जैसी समस्‍याएं होती हैं।

और लकवाग्रस्त रूप (Paralytic Rabies) होता है। जिसमें घाव वाली जगह से शुरू होकर धीरे धीरे मांसपेशियां लकवाग्रस्‍त होती जाती हैं। दोनों ही प्रकार के रेबीज अंततः मृत्यु का कारण बनते हैं

WHO के अनुसार इतनी मौतें 

  • दुनिया में हर साल लगभग 59,000 लोग रेबीज से मरते हैं
  • 99% मामले संक्रमित कुत्तों के काटने या खरोंच से होते हैं
  • 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में 40% से ज्यादा केस पाए जाते हैं
  • भारत सहित एशिया और अफ्रीका सबसे प्रभावित क्षेत्र हैं

क्या करें जब कुत्ता काटे?

  • घाव को तुरंत बहते पानी व साबुन/डिटर्जेंट से लगातार 15 मिनट तक धोएं। जिससे ज्‍यादा से ज्‍यादा लार को हटाया जा सके। इसके बाद मरीज को तुरंत नजदीकी अस्‍पताल ले जाएं। सभी सरकारी अस्‍पतालों में नि:शुल्‍क वैक्‍सीन लगाई जाती है। यदि जरूरत हो तो डॉक्टर की सलाह पर इम्यूनोग्लोबुलिन भी लगवाएं

क्या न करें?

  • घाव पर मिर्च, तेल, मिट्टी या अन्य घरेलू उपाय न लगाएं

  • पट्टी या टांके लगाने से बचें, घाव खुला ही अस्‍पताल लेकर जाएं। (जरूरत होने पर केवल चिकित्सक की देखरेख में टांका या पट्टी लगाई जा सकती है)

फार्मासिस्ट फेडरेशन ने अपील की है कि कुत्तों को समय पर वैक्सीन लगवाएं, बच्चों को जानवरों से दूर रखें और काटने की स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता लें। इस अवसर पर डॉ. प्रकाश वी. दीवान, डॉ. हरलोकेश नारायण, प्रो. मनोज यादव, डॉ. विष्णु और डॉ. इरफान अजीज ने भी लोगों से जागरूक रहने की अपील की।

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