रायबरेली: अनुसूचित जाति के शिक्षकों का धरना, चयन वेतनमान न मिलने पर विरोध

कई बार मिलने के बाद भी नहीं दिया गया हम लोगों चयन वेतनमान, लंबित चयन वेतनमान के लिए अनवरत धरना करने को बाध्य होंगे शिक्षक
Raebareli: चयन वेतनमान के मुद्दे को लेकर अनुसूचित जाति और जनजाति टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने जिलाधिकारी कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया। जिले में कार्यरत अनुसूचित जाति व जनजाति शिक्षकों के चयन वेतनमान को लेकर एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया और सौंपा। शिक्षकों ने कहा कि जिला बेसिक शिक्षाधिकारी द्वारा जातीय भेदभाव करते हुए अनुसूचित जाति के शिक्षकों के चयन वेतनमान को नहीं लगाना मुख्य बिंदु था। धरना प्रदर्शन के सैकड़ो पीड़ित शिक्षक धरने में शामिल हुए।
जिलाध्यक्ष आशा राम रावत ने कहा कि जब अनुसूचित जाति के साथ नियुक्त सामान्य वर्ग के शिक्षकों को चयन वेतनमान दिया जा सकता है तो हमारे साथ भेदभाव क्यों ? संगठन के महामंत्री रोहित चौधरी ने कहा कि देश के संविधान के नीति निदेशक तत्त्व के अनुच्छेद 39 घ के तहत समान काम के लिए समान वेतन का मौलिक प्रावधान हैं तब क्यों जनपद रायबरेली के एक खास संवर्ग से आने वाले शिक्षकों को ही चयन वेतनमान के लाभ से वंचित रखा गया। इससे यह दृष्टिगोचर होता हैं कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के द्वारा जातिगत मानसिकता से ग्रसित होकर पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाया गया है।

माध्यमिक शिक्षक संघ से महामंत्री डॉक्टर सुनील दत्त ने कहा की आला अधिकारी के अन्याय पूर्ण कार्यशैली से सभी शिक्षक क्षुब्ध हैं और वो अपने लंबित चयन वेतनमान के लिए अनवरत धरना लगाने का विचार रखा। शिक्षक साथी श्रीकांत दिवाकर ने कहा कि हम लोगों को निदेशक, महानिदेशक और सचिव के यहाँ जून माह में ज्ञापन व धरना लगाना चाहिए। संरक्षक अशोक प्रियदर्शी व अनिल कांत, चंदन सोनकर और सूर्यकांत ने भी अन्यायपूर्ण व्यवहार के प्रति अपने विचार साझा किए।धरने का संचालन शिक्षक नीरज रावत के द्वारा किया गया।

धरने में शिक्षक भरतलाल, घनश्याम, शिव नंदन, महेश कुमार, बाबू नेत्र पाल, राजेन्द्र गौतम, विनोद पासवान, मोहनीश सोनकर, अशोक निगम, वीरेंद्र पासवान, मनोज, मीना वर्तिका सोनकर, औसान, तुलसी राम, शिव बालक ,आशीष कमल, अवनीश कुमार, सर्वेश कुमार आदि शिक्षकों ने बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।