पुरानी पेंशन बहाली तक जारी रहेगा कर्मचारियों का संघर्ष: इरफान
निजीकरण देश को अन्दर ही अन्दर खोखला कर रहा है: राजकुमार गुप्ता, अलाभित समूहों को शिक्षा से दूर करने जैसा है विद्यालय मर्जर

RAEBARELI: एनएमओपीएस (NMOPS) के राष्ट्रीय आवाह्न एवं अटेवा (ATEVA) के प्रदेशीय आवाह्न पर शुक्रवार को शिक्षकों, कर्मचारियों और पंचायत कर्मियों ने “रोष मार्च” निकाला। अटेवा पेंशन बचाओ मंच की तरफ से निकाला गया मार्च विकास भवन, डिग्री कॉलेज चौराहा, अग्निशमन दफ्तर, पुलिस ऑफिस होते हुए कलेक्टर दफ्तर पहुँचा। शिक्षक, कर्मचारी एवं अधिकारियों ने प्रतिभाग कर पुरानी पेंशन की बहाली न होने, बढ़ते निजीकरण और विद्यालय मर्जर के ख़िलाफ़ अपना रोष व्यक्त किया।
रायबरेली के ज़िला संयोजक व अध्यक्ष इरफ़ान अहमद, मण्डलीय मंत्री व जिला संयोजिका सरला वर्मा, महामंत्री राजकुमार गुप्ता, महिला महामंत्री ममता यादव, कोषाध्यक्ष अन्जनी मौर्य, संरक्षक राजेश यादव व सुरेन्द्र वर्मा ने कहा देश भर में लगभग 01 करोड़ शिक्षक, कर्मचारी व अधिकारी नई पेंशन व्यवस्था के दायरे में आते हैं और वे निरन्तर पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं। क्योंकि पुरानी पेंशन व्यवस्था ही वास्तव में सामाजिक सुरक्षा है और पुरानी पेंशन व्यवस्था ही शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी, प्रदेश व देश के हित में है। अब तो नई पेंशन व्यवस्था के दुष्परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं, जिसके अन्तर्गत सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक, कर्मचारियों, अधिकारियों को महज एक हजार के रूप में पेंशन प्राप्त हो रहे हैं जिससे उनका जीवन-यापन करना बद से बदतर होता जा रहा है। पुरानी पेंशन की बहाली तक यह संघर्ष अनवरत चलता रहेगा।
सह संयोजक विक्रम सिंह चौहान व उमाशंकर शुक्ला, मीडिया प्रभारी मोहम्मद नसीम, संगठन मंत्री अनिल यादव, प्रवक्ता मयंक वर्मा व अनवर अली, सोशल मीडिया प्रभारी डॉ० आशीष पटेल ने कहा सरकारी संस्थानों का निजीकरण प्रदेश के नौजवानों और प्रदेश के लिए अफ़सोसजनक है। इससे पूंजीवाद बढ़ रहा है, सरकारी संस्थानों में रोजगार के अवसर समाप्त हो रहे हैं और निजीकरण की तेज रफ्तार से देश-प्रदेश का निम्न एवं मध्यम वर्ग रोजगार के अवसरों से वंचित होता जा रहा है। जिससे शिक्षित/प्रशिक्षित नौजवानों में घोर निराशा व्याप्त है। उक्त स्थिति लोकतांत्रिक दृष्टि से भी उचित नहीं है।
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आईटी सेल प्रभारी प्रवेश-यादव, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ मंत्री राजेश मौर्य, मंत्री शिवनाथ यादव व सुरेश यादव, कार्यक्रम प्रभारी इन्द्रसेन-यादव ने कहा उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों के मर्जर/पेयरिंग से छोटे-छोटे बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। विद्यालयों की दूरी बढ़ जाने से बहुत सारे बच्चे विद्यालयी शिक्षा से वंचित होते जा रहे हैं। इस व्यवस्था से ग्रामीण क्षेत्र में ख़ासकर बालिकाओं के लिए शिक्षा के अवसर लगभग समाप्त हो रहे हैं, जो कि बहुत दुखद है। इस व्यवस्था से प्रदेश की बेरोजगारी दर बढ़ने की आशंका है। इसलिए मर्जर/पेयरिंग की व्यवस्था को विद्यार्थियों के हित को दृष्टिगत रखते हुए तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए।
संगठन लगातार पुरानी पेंशन की बहाली एवं निजीकरण की समाप्ति के लिए संघर्षरत है और समय-समय पर आपका और सरकार का इस दिशा में ध्यान आकृष्ट करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम करता रहा है। आन्दोलन के अगले चरण में 05 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर संपूर्ण प्रदेश के शिक्षक कर्मचारी सामूहिक उपवास पर रहेंगे। एक अक्टूबर को गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर सोशल मीडिया कैंपेन चलाया जाएगा तथा 25 नवंबर को ओपीएस संवैधानिक अधिकार रैली दिल्ली में आयोजित की जाएगी। इन तमाम कार्यक्रमों के माध्यम से संगठन सरकार से माँग करता है कि लाखों लाख शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों की महत्वपूर्ण मांग बुढ़ापे की लाठी रूपी पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने एवं निजीकरण समाप्त करने की महान करे।
कार्यक्रम में जिला अस्पताल से राजकुमार सिंह, उमाशंकर चौधरी, संदीप कुमार सिंह, सुशील कुमार मौर्य, प्रीति जायसवाल, सरिता नागेन्द्र, प्रियंबदा पाण्डेय, अविनाश यादव, दिलीप पाल, योगेन्द्र कुमार गुप्ता, राजेन्द्र यादव, शत्रुघ्न कुमार, आशुतोष यादव, प्रकाश चन्द्र यादव, हनी गुलाटी, साधना शर्मा, अरविन्द मौर्य, अनीता मौर्या, मिथिलेश भास्कर, डॉ० दिनकर त्रिपाठी, राघवेंद्र यादव, सतीश चौरसिया, महेन्द्र यादव, महेन्द्र बाजपेई, संजय मधेशिया, धर्मेन्द्र शर्मा, हरिकेश, श्रीकान्त, मोहम्मद राशिद, अनुराग मिश्रा, राजकुमार सिंह, समर बहादुर सिंह, अस्थाना जी, मोहम्मद रमज़ान, अमित कुमार, महेश कुमार, राहुल कुमार, लालजी यादव, शितांश सोनकर, अनूप यदुवंशी, पवन कुमार पाण्डेय, राजेन्द्र कुमार, मोहम्मद मेराज, आदि सैकड़ों शिक्षक, कर्मचारी उपस्थित रहे।