Health

फैटी लिवर और मोटापे के लिए पीजीआई में शुरू हुई स्पेशल क्लिनिक

25 फीसदी भारतीय मोटे या अधिक वजन वाले

Lucknow: देश में मोटापा व फैटी लिवर (obesity and fatty liver ) की समस्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि लगभग 30-35 प्रतिशत लोग इससे ग्रसित हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार तकरीबन 25 फीसदी भारतीय मोटे या अधिक वजन वाले हैं। लोगों में बढ़ रही इस समस्या को देखते हुए संजय गांधी पीजीआई (SGPGI) विशेष क्लीनिक शुरू की गयी है।

गुरूवार को इसका शुभारम्भ पीजीआई के हेपेटोलॉजी विभाग द्वारा एडवांस डायबिटिक सेंटर की तीसरी मंजिल (डी-ब्लॉक) में किया गया। इस मौके पर संस्थान के निदेशक प्रो. आर. के. धीमन ने कहा कि भारत में फैटी लिवर और मोटापे की बढ़ती दर चिंताजनक है। लोगों में जागरूकता तथा स्वस्थ जीवनशैली अपनाना ही बीमारी को रोकने का सबसे प्रभावी उपाय है।

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मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. देवेंद्र गुप्ता ने समय पर निदान और इलाज के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि समय रहते कदम उठाने से रोग की जटिलताओं को काफी हद तक रोका जा सकता है। एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के प्रोफेसर सुभाष यादव ने बताया कि मोटापा सीधे लिवर स्वास्थ्य से जुड़ा है इसलिए वजन नियंत्रण और मेटाबॉलिक सुधार जरूरी हैं।

विशेषज्ञों ने बताया कि वयस्कों के साथ इसका प्रभाव अब बच्चों और किशोरों तक भी पहुंच चुका है। डाक्टरों का कहना है कि मोटापा, मधुमेह और फैटी लिवर एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं और मोटापे या मधुमेह से ग्रस्त आधे से अधिक रोगियों में फैटी लिवर भी पाया जाता है। मोटापे और गलत खानपान के कारण शरीर में वसा बढऩे से इंसुलिन प्रतिरोध, मधुमेह, लिवर में सूजन और फाइब्रोसिस जैसे गंभीर जोखिम तेजी से बढ़ते हैं। यह रोग सिरोसिस और लिवर कैंसर का भी कारण बन सकता है। विशेषज्ञ हर अधिक वजन वाले व्यक्ति को फाइब्रोस्कैन, अल्ट्रासाउंड, रक्त परीक्षण और बॉडी फैट एनालिसिस कराने की सलाह देते हैं।

एक ही छत के नीचे जांच से लेकर इलाज तक की सुविधा

हेपेटोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. अमित गोयल ने बताया कि यह क्लिनिक रोगियों को संपूर्ण जांच व उपचार की सुविधा प्रदान करेगा। यहां-

– बायोइम्पीडेंस विश्लेषण (Body Fat Analysis)

– फाइब्रोस्कैन और अल्ट्रासाउंड

– आहार एवं जीवनशैली परामर्श

– व्यायाम सलाह और वजन घटाने की दवाएं

– एंडोस्कोपिक व सर्जिकल इंटरवेंशन

जैसी चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि यह क्लिनिक मरीज-केंद्रित देखभाल और सामुदायिक जागरूकता के माध्यम से फैटी लिवर और मोटापे के बढ़ते बोझ को कम करने का प्रयास करेगा।

हर गुरुवार चलेगी विशेष ओपीडी

यह समर्पित क्लिनिक हर गुरुवार एडवांस डायबिटिक सेंटर (डी-ब्लॉक) में चलेगा, जहां हेपेटोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी, डायटेटिक्स और अन्य विशेषज्ञ मिलकर इलाज करेंगे।

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