लोकबंधु अस्पताल में शुरू हुई ई-कोर्ट सुनवाई

Lucknow: उत्तर प्रदेश के लोकबंधु राजनारायण संयुक्त चिकित्सालय (Lokbandhu Rajnarayan Combined Hospital) में सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ई-कोर्ट(E-Court) में पहली सुनवाई हुई। इस नई व्यवस्था के तहत अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने ई-कोर्ट के माध्यम से अपनी गवाही दी। यह कदम डॉक्टरों को अदालती कार्रवाई के लिए विभिन्न स्थानों पर जाने की अनिवार्यता से राहत मिलेगी और मरीजों को उनकी सेवाएं मिलती रहेंगी।
अस्पताल निदेशक डॉ. संगीता गुप्ता ने बताया कि अब अस्पताल के डॉक्टरों को गवाही देने के लिए सीएमओ (CMO) कार्यालय या दूसरे जिलों में यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे डाक्टरों के समय की बचत होगी और मरीजों को मिलने वाली सेवाओं में कोई व्यवधान नहीं आएगा। लोकबंधु अस्पताल लखनऊ का ऐसा पहला सरकारी अस्पताल बन गया है, जहां वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के जरिए डॉक्टरों की गवाही शुरू हो गई है। अभी तक जिले के डॉक्टरों को किसी मुकदमें में गवाही देने के लिए सीएमओ कार्यालय में बने ई-कोर्ट रूम में जाना पड़ता था। शासन के निर्देश पर लोकबंधु अस्पताल में एक विशेष कमरे को ई-कोर्ट में परिवर्तित किया गया है, जिसमें कंप्यूटर और अन्य आवश्यक उपकरण लगाए गए हैं।
लोकबंधु अस्पताल से पहली गवाही देने वाले (Medical Superintendent) डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने कहा कि उन्हें सीएमओ कार्यालय या कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ी और वे गवाही देने के साथ-साथ अस्पताल के अन्य कार्यों को भी निपटा सके। सीएमओ कार्यालय में बने ई-कोर्ट रूम से अब तक 20 से अधिक डॉक्टरों की गवाही हो चुकी है, जिससे उन्हें भी कोर्ट की दौड़ से मुक्ति मिली है।
मरीजों को होगा सीधा फायदा
सीएमओ डॉ. एनबी सिंह का कहना है कि बलरामपुर, सिविल, बीआरडी महानगर, आरएलबी सहित जिले के अन्य अस्पतालों में अभी तक ई-कोर्ट रूम की सुविधा नहीं है। इन अस्पतालों के डॉक्टरों को कोर्ट एविडेंस के लिए सीएमओ कार्यालय आना पड़ता था, जिससे उनकी ओपीडी और ओटी सेवाएं अक्सर प्रभावित होती थीं। उन्होंने कहा कि पहले डॉक्टरों को विभिन्न जिलों में जाकर कोर्ट में गवाही देने के लिए छुट्टी लेनी पड़ती थी, जिससे मरीजों को परेशानी होती थी। अब अस्पतालों में ई-कोर्ट बनने से मरीजों को सीधा फायदा होगा, डॉक्टरों का समय बचेगा और उन्हें छुट्टी नहीं लेनी पड़ेगी।