अल्ट्रासाउंड से गर्भ में भ्रूण की कई बीमारियों की पहचान संभव: SGPGI लखनऊ में राष्ट्रीय रेडियोलॉजी सम्मेलन

LUCKNOW: गर्भ में पल रहे भ्रूण के स्वास्थ्य की सटीक जानकारी अब अल्ट्रासाउंड और खून की जांच से संभव है। इससे जन्म दोष, हृदय और गुणसूत्र संबंधी असामान्यताओं जैसी बीमारियों का समय रहते पता लगाकर उपचार किया जा सकता है। यह जानकारी संजय गांधी पीजीआई (SGPGI) में आयोजित राष्ट्रीय रेडियोलॉजी सम्मेलन ‘रीकॉन’ में डॉ. अर्चना गुप्ता ने दी।
दो दिवसीय राष्ट्रीय रेडियोलॉजी सम्मेलन ‘रीकॉन’ का शुभारंभ शनिवार को पीजीआई (SGPGI) निदेशक डॉ. आर.के. धीमान ने किया। सम्मेलन की आयोजन अध्यक्ष और SGPGI रेडियोडायग्नोसिस विभाग की प्रमुख डॉ. अर्चना गुप्ता ने बताया कि गर्भ में भ्रूण की बीमारियों का जल्द पता लगाना जरूरी है। अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट से भ्रूण के विकसित अंगों, दिल और गुणसूत्र से जुड़ी असामान्यताओं की पहचान की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि जन्म से पहले कुछ आनुवंशिक या संक्रमणजनित रोगों का इलाज भी संभव है। समय पर जांच से बच्चे के स्वास्थ्य को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है।
सम्मेलन की आयोजन सचिव डॉ. अनुराधा सिंह ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को नियमित अंतराल पर अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए। इससे दंपत्ति को भ्रूण की स्थिति की जानकारी मिलती है और किसी जटिल स्थिति में वे भावनात्मक और मानसिक रूप से तैयार हो सकते हैं।
इस अवसर पर देशभर से 400 से अधिक रेडियोलॉजिस्ट और डॉक्टर शामिल हुए। डॉ. अर्चना गुप्ता ने सम्मेलन में मौजूद लगभग 500 डॉक्टरों और रेजिडेंट्स को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की शपथ दिलाई। सभी ने लैंगिक भेदभाव का विरोध करते हुए बेटियों को शिक्षा, सुरक्षा और समान सम्मान देने का संकल्प लिया।